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अब राज्य मे अटूट रहेगा सूचनाओं का आदान-प्रदान………
आंधी-तूफान हो या मानसून की मूसलाधार बारिश, ऐसे अब राज्य के सभी 13 जिलों और 95 विकासखंडों के बीच सूचनाओं का आदान-प्रदान अटूट बना रहेगा। बता दे की पंचायती राज विभाग वीसैट के जरिये प्रदेश के सभी विकासखंडों के मुख्यालयों को जिला मुख्यालय से जोड़ने जा रहा है। तो प्रदेश सरकार ने राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान के तहत केंद्र सरकार को इस योजना का प्रस्ताव भेजा था, जिसे मंजूरी मिल गई है। तो वही योजना के तहत प्रत्येक जिला, ब्लाक और प्रदेश मुख्यालय में स्टूडियो बनाए जाएंगे, जो वीसैट के जरिये आपस में जुड़े रहेंगे। इससे जहां खराब मौसम में भी सूचनाओं का आदान-प्रदान हो सकेगा, वहीं विकासखंडों से 24 घंटे लाइव संवाद हो सकेगा।
अब होगा काम शुरू
पंचायती राज विभाग के प्रस्ताव के लिए वित्तीय मंजूरी मिल गई है। एक स्टूडियो को बनाने के लिए करीब डेढ़ लाख रुपये की धनराशि का प्रावधान किया गया है। इसी महीने से स्टूडियो बनाने का काम शुरू हो जाएगा।तो जल्द टेंडर की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
के फायदे
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सेटेलाइट तकनीक होने की वजह से दूरस्थ स्थानों पर स्थित ब्लाक मुख्यालयों की कनेक्टिविटी बनी रहेगी।
2. शासन-प्रशासन और पंचायती राज विभाग के अधिकारी व जनप्रतिनिधि वीसैट स्टूडियो का उपयोग कर सकेंगे।
3. मानसून के समय जब कनेक्टिविटी खराब होती है, तब सेटेलाइट तकनीक के जरिये आपदा प्रबंधन से जुड़ी सूचनाओं का सहज आदान-प्रदान हो सकेगा और गतिविधियों का संचालन कराया जा सकेगा।
4. पंचायत जनप्रतिनिधियों को स्टूडियो के माध्यम से ऑनलाइन प्रशिक्षण की सुविधा प्राप्त हो सकेगी।
5. स्वयं सहायता समूह, युवा व महिला मंगल दलों को भी प्रशिक्षण और सरकारी योजनाओं की जानकारी दी जा सकेगी।
यह ऐसी तकनीक है जो बेहद पिछड़े और दूरदराज के स्थानों पर इंटरनेट कनेक्टिविटी उपलब्ध कराती है। कहते हैं।