दूरसंचार विभाग द्वारा मुफ्त इंटरनेट का कोई प्रावधान नहीं
पर्यटन मंत्रालय ने 15 अक्टूबर तक होटलों को नहीं दिया है बंद करने का निर्देश
देवभूमि मीडिया ब्यूरो
नई दिल्ली। प्रेस सूचना ब्यूरो की फैक्ट चेक यूनिट ने आज एक ट्वीट में स्पष्ट किया कि दूरसंचार विभाग 3 मई 2020 तक सभी यूजर्स को फ्री इंटरनेट नहीं दे रहा है। दरअसल, फैलाई जा रही फर्जी सूचना में दावा किया गया है कि सभी को घर से काम करने के लिए विभाग द्वारा फ्री में इंटरनेट दिया जा रहा है और दिए गए लिंक पर क्लिक करके इसका लाभ उठाया जा सकता है। पीआईबी फैक्ट चेक ने स्पष्ट किया है कि यह दावा झूठा और लिंक फ्रॉड है।
दावा : भारतीय दूरसंचार विभाग ने सभी मोबाइल यूजर को 3 मई 2020 तक फ्री इंटरनेट देने का ऐलान किया है जिसे प्राप्त करने के लिए दिए गए लिंक पर क्लिक करना होगा
तथ्य :यह दावा बिलकुल झूठ है, व दिया गया लिंक फर्जी है|
कृप्या अफवाहों और जालसाज़ों से दूर रहें| pic.twitter.com/K31AGDNZ0p
— PIB Fact Check (@PIBFactCheck) April 22, 2020
इस बीच, गृह मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि वे मीडिया रिपोर्ट झूठी हैं जिसमें दावा किया गया है कि अगर कर्मचारियों का कोविड-19 टेस्ट पॉजिटिव आता है तो कंपनी के निदेशकों और प्रबंधन के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी। इसके बजाय अगर नियोक्ता की सहमति, संज्ञान या लापरवाही से अपराध होता है तो दिशानिर्देश में दंड का प्रावधान है। इस बाबत पीआईबी फैक्ट चेक ट्वीट का लिंक देखा जा सकता है।
#PIBFactCheck
Claim : Media reports that MHA Guidelines for resumption of industries will lead to penal action against company directors & managementFact : Wrong & incorrect.The provisions, under Clause 21 are in the nature of precautions for management of #Covid_19india
.— PIB India (@PIB_India) April 22, 2020
गृह मंत्रालय के प्रवक्ता का स्पष्टीकरण के साथ किया गया ट्वीट लिंक पर देखा जा सकता है।
#FactCheck
Claim: MHA Guidelines prescribe penal action against company directors & management, if employees test positive for #COVID_19Fact: MHA Guidelines misinterpreted. Penalties under DM Act'05 applicable if offence occurs with consent, cognisance or negligence of employer https://t.co/j9DTmIJr00
— Spokesperson, Ministry of Home Affairs (@PIBHomeAffairs) April 22, 2020
एक अन्य काउंटर में, पीआईबी फैक्ट चेक ने अपना स्पष्टीकरण दोहराया है कि पर्यटन मंत्रालय ने कोरोनावायरस के प्रकोप के कारण 15 अक्टूबर 2020 तक होटलों को बंद करने का कोई पत्र जारी नहीं किया है।
No letter has been issued by @tourismgoi on closing of hotels/restaurants till 15th Oct 2020 amidst #CoronaOutbreak.
It's a request to all to ignore such messages and only believe the official communication. https://t.co/MjDTVwaX9i— PIB Fact Check (@PIBFactCheck) April 22, 2020
पीआईबी की असम क्षेत्रीय यूनिट ने साफ किया है कि आईसीएमआर स्थानीय असमी लोगों की प्रतिरक्षा को लेकर किसी अध्ययन पर विचार नहीं कर रहा है। यह ट्वीट एक अन्य ट्वीट पर की गई फैक्ट चेक प्रतिक्रिया है, जिसमें दावा किया गया है कि स्थानीय असमी लोगों की प्रतिरक्षा (रोग प्रतिरोधक शक्ति) के कारण कोविड-19 का संक्रमण नहीं हुआ और इसने आईसीएमआर को ऐसे लोगों की आनुवंशिकी का अध्ययन करने के लिए प्रेरित किया है।
Claim: Study on Immunity of Indigenous Assamese by ICMR as not a single case of #COVID19
Fact Check: DG, @ICMRDELHI says "No studies on this aspect at the moment".
Information contained in the said tweet is #FakeNewshttps://t.co/MObexVIYgz@PIB_India @MIB_India
@DrSanjivG pic.twitter.com/crs1z12cZM— PIB in Assam (@PIB_Guwahati) April 22, 2020
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