CRIME

फॉरेस्ट गार्ड भर्ती परीक्षा घोटाले में किसी भी आरोपी को नहीं बक्शा जायेगा : सीएम

11 लोगों पर हो चुका है मुकदमा दर्ज

नकल माफिया ने महज 5-5 लाख रुपये में किया था परीक्षा का सौदा  

देवभूमि मीडिया ब्यूरो 

देहरादून : फॉरेस्ट गार्ड भर्ती परीक्षा घोटाले में किसी भी आरोपी को नहीं बक्शा जायेगा और कानून उसे सख्त से सख्त सजा देगा। यह कहना है उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत का। बुधवार को ड्रोन फेस्टिवल इ उद्गाटन के अवसर पर पत्रकारों से उन्होंने कहा यह बात महत्वपूर्ण है कि पुलिस ने कई लोगों को इस मामले में चिन्हित किया है। अब आगे की कार्रवाही क़ानूनी होगी और दोषियों को सबक सिखाया जायेगा कि कैसे प्रतिभाओं के साथ खिलवाड़ किया जाता है।

चर्चाए आम है कि रविवार को हुई परीक्षा का सौदा नकल माफिया ने महज 5-5 लाख रुपये में तय किया था। अभी तक इस मामले में मंगलवार को मंगलौर में आठ, ओर पौड़ी में 3 लोगों पर धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज हो चुका है । इससे पहले सोमवार को देहरादून में भी एसटीएफ ने नारसन रुड़की के कोचिंग सेंटर संचालक समेत दो लोगों पर पेपर लीक करने का मुकदमा दर्ज किया था।

मंगलौर में कुआंहेड़ी गांव के आलोक हर्ष पुत्र शिवलोक ने तहरीर में बताया कि 16 फरवरी की फॉरेस्ट गार्ड भर्ती परीक्षा के लिए वह गुरुकुल नारसन के ओजस कैरियर इंस्टीट्यूट से कोचिंग ले रहा था। इस सेंटर के संचालक मुकेश सैनी ने उसे चार लाख रुपये चुकाने पर पेपर उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया। आलोक ने तहरीर में बताया कि सैनी ने उसके दोस्त कपिल से भी चार लाख मांगे थे और खुद कपिल ने उससे यह बात कही थी। ऐसे में उन्होंने भरोसा करके एक लाख रुपये मुकेश सैनी को दे दिए। इस पर मुकेश ने उसे बताया कि कपिल सुबह की पाली में ब्लूटूथ डिवाइस लेकर जाएगा, इसके बाद दूसरी पाली में वही ब्लूटूथ डिवाइस उसे उपलब्ध कराई जाएगी। इसके जरिये पेपर हल करवाया जाएगा। यह ब्लूटूथ डिवाइस कपिल ने ही उसे परीक्षा केंद्र के बाहर देनी थी। मगर, इंतजार के बावजूद वहां कोई नहीं आया और आलोक की परीक्षा भी छूट गई। आलोक ने आरोप लगाया कि एक पूरा गिरोह बेरोजगारों से इसी तरह ठगी करता है। इस गिरोह में सैनी के अलावा कई कोचिंग संचालक भी शामिल हैं।

फॉरेस्ट गार्ड भर्ती मामले में पौड़ी कोतवाली पुलिस ने हरिद्वार के तीन लोगों पर धोखाधड़ी का केस दर्ज किया है। बूढ़पुर जट्ट थाना मंगलौर रुड़की निवासी गोपाल सिंह ने नारसनकलां के पंकज, मोहम्मदपुर के संजय, थिथकी के सौरभ के खिलाफ तहरीर दी थी। उनका आरोप है कि इन तीनों ने उनके बेटे को भर्ती परीक्षा में पास कराने का भरोसा दिया था। इसके लिए पांच लाख रुपये भी चुकाने की बात हुई। आरोपियों से मुलाकात एक रिश्तेदार के जरिये हुई थी। शिकायतकर्ता की तहरीर में यह जिक्र नहीं है कि आरोपियों को पैसा दिया गया या नहीं। वहीं, कोतवाली पुलिस ने आरोपियों पर मुकदमा दर्ज करते हुए एसआई विजेंद्र नेगी को जांच सौंप दी है।

ओजस कैरियर कोचिंग इंस्टीट्यूट के संचालक मुकेश सैनी निवासी हरचंदपुर हाल-गुरुकुल नारसन, ज्ञान आईएएस कोचिंग के संचालक कुलदीप राठी, गुरुवचन और हाकम सिंह, नारसनकलां निवासी पंकज, अश्वनी और बूढ़पुर जट्ट के सुधीर और अशोक पर भी मंगलौर में दर्ज किया गया है मुकदमा।

वही इस मामले में कोचिंग सेंटर का संचालक मुकेश सैनी मास्टरमाइंड बताया जा रहा है। देहरादून और मंगलौर में उस पर मुकदमे दर्ज हो चुके हैं। पुलिस ने बताया, मुकेश पर पहले भी एसएससी परीक्षा में नकल कराने का आरोप था।

इस पूरे मामले पर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का बयान आया है। उन्होंने कहा कि फॉरेस्ट गार्ड भर्ती परीक्षा में हुए पेपर लीक का मामला दुर्भाग्यपूर्ण है ,राज्यहित में ये घटना दुर्भाग्यपूर्ण है। दोषियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी किसी को भी बख्शा नही जाएगा । उत्तराखंड पुलिस इस मामले में सराहनीय कार्य कर रही है।

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