बिहार में नीतीश फिर बनेंगे CM भाजपा का समर्थन ,लेंगे शपथ

पटना : भारी राजनीतिक गहमा गहमी के बीच मात्र तीन घंटे के भीतर बिहार के राजनीतिक समीकरण पूरी तरह से उलट गए। बुधवार शाम 6 बजे तक महागठबंधन के नेता के रूप में मुख्यमंत्री पद पर बैठे नीतीश कुमार ने 6:30 बजे पद से इस्तीफा दिया और रात 9 बजे तक उन्हें एनडीए का नेता घोषित कर दिया गया।
शपथ ग्रहण में आज आ सकते हैं पीएम
मुख्यमंत्री के रूप में नीतीश कुमार गुरुवार सुबह 10 बजे शपथ ले सकते हैं। महागठबंधन सरकार से इस्तीफा देने के बाद एनडीए सरकार के मुखिया के रूप में नीतीश कुमार राज्य में छठी बार सीएम पद की शपथ लेंगे। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार नीतीश सरकार का शपथ ग्रहण राजभवन में ही होगा। इस नई सरकार में भाजपा विधानमंडल दल के नेता सुशील कुमार मोदी राज्य के नए उप मुख्यमंत्री होंगे। इसके अलावा भाजपा कोटे से दर्जन भर से अधिक विधायकों को भी सरकार में शामिल होने का मौका मिलेगा। समारोह में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के शामिल होने की चर्चा है। हालांकि इसकी पुष्टि भाजपा के किसी नेता ने नहीं की। वैसे केन्द्रीय मंत्री जेपी नड्डा और भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री अनिल जैन शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए सुबह की फ्लाइट से पटना पहुंच रहे हैं। कई अन्य केन्द्रीय मंत्रियों के भी आने के आसार हैं।
तेजस्वी ने दावा पेश करने के लिए समय मांगा
राजद राज्य में सरकार बनाने का दावा पेश करेगी। इसके लिए पूर्व उप मुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव ने राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी से समय मांगा है। तेजस्वी ने ट्वीट कर राज्यपाल से समय मांगने की पुष्टि की है। उन्होंने कहा है कि विधानसभा में सबसे बड़ा दल होने के नाते राजद को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया जाना चाहिए। भाजपा के साथ जाने से नाराज जदयू विधायक भी उनके इस मुहिम में साथ देंगे। उन्होंने दावा किया कि शरद यादव जैसे कई बड़े नेता नीतीश कुमार के इस रुख से नाराज हैं।
इससे पहले नीतीश कुमार ने बुधवार शाम 6:30 बजे राज्यपाल से मुलाकात कर अपना इस्तीफा सौंप दिया था। इसके साथ ही राज्य में पिछले 20 माह से चल रहा जदयू-राजद और कांग्रेस का महागठबंधन टूट गया। राजभवन से लौटने के बाद नीतीश कुमार ने मीडिया से बातचीत में कहा कि जैसा माहौल चल रहा था उसमें काम करना मुश्किल हो गया था। मैंने अपनी अंतरात्मा की आवाज पर इस्तीफा दिया है।
नीतीश पर लालू का बड़ा आरोप
नीतीश के इस्तीफे के बाद लालू यादव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि नरेंद्र मोदी और नीतीश कुमार में सबकुछ पहले से ही सेट था। लालू यादव ने नीतीश पर पलटवार करते हुए कहा- ये कैसी ईमानदारी है, नीतीश पर भी तो हत्या का आरोप है। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार के आरोप से हत्या का आरोप बड़ा है। लालू यादव ने कहा, ‘नीतीश कुमार के खिलाफ मर्डर केस दर्ज है, जिसमें उन्हें उम्र कैद की सजा भी हो सकती है। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार ने खुद चुनावी हलफनामे में 302 और 307 की धारा के तहत केस की बात स्वीकारी थी। नीतीश को पता था कि वे बचेंगे नहीं, वह उम्रकैद और फांसी की सजा से डर गए, इसलिए उन्होंने इस्तीफा दिया।’
गठबंधन बचाने के लिए लालू यादव का नया फॉर्मूला
इस बीच ऐसे संकेत हैं कि नीतीश कुमार अब बीजेपी के साथ मिलकर राज्य में सरकार गठन कर सकते हैं। वहीं, आरजेडी की तरफ से गठबंधन सरकार बचाने की कवायद शुरू हो गई है और आरजेडी सुप्रीमो ने एक नया फॉर्मूला रखा है। लालू यादव ने कहा कि महागठबंधन अकेले नीतीश कुमार का फैसला नहीं था। उन्होंने कहा, हम बिहार में राष्ट्रपति शासन नहीं चाहते।आरजेडी, जेडीयू और कांग्रेस मिलकर नया नेता चुने। ना तेजस्वी, ना नीतीश कोई तीसरा राज्य का मुख्यमंत्री बने।
जेडीयू कोई थाना नहीं है और उसके प्रवक्ता सीबीआई नहीं हैं
तेजस्वी यादव पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों पर जेडीयू की तरफ से सार्वजनिक सफाई मांगे जाने के सवाल पर आरजेडी सुप्रीमो ने कहा, जेडीयू कोई थाना नहीं और जेडीयू के प्रवक्ता सीबीआई नहीं हैं। हमने संबंधित जांच एजेंसी को सफाई देने की बात कही थी। बता दें कि पिछले 15 दिन से बिहार में सियासी खींचतान चल रही थी। लालू यादव के बेटे और बिहार में डिप्टी सीएम तेजस्वी पर करप्शन के आरोपों के चलते विवाद चल रहा था।
प्रधानमंत्री ने नीतीश को बधाई दी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नीतीश कुमार के इस्तीफा के तुरंत बाद ट्वीट करके कहा, भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में जुड़ने के लिए नीतीश कुमार जी को बहुत-बहुत बधाई। उन्होंने आगे लिखा, सवा सौ करोड़ नागरिक ईमानदारी का स्वागत और समर्थन कर रहे हैं। देश के विशेष रूप से बिहार के उज्ज्वल भविष्य के लिए राजनीतिक मतभेदों से ऊपर उठकर भ्रष्टाचार के खिलाफ एक होकर लड़ना,आज देश और समय की मांग है।
आरोपों की सफाई जरूरी
नीतीश ने कहा, गठबंधन धर्म का पालन करने का पूरा प्रयास किया, काम कुछ भी करता, चर्चा सिर्फ एक ही बात की हो रही थी। अब माहौल काम करने लायक नहीं बचा था। उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के मुद्दे पर नीतीश कुमार ने कहा कि हमने किसी का इस्तीफा नहीं मांगा। पर जो भी आरोप लगे हैं उन पर सफाई दिया जाना जरूरी है। राज्य में आम जनता के बीच जो अवधारणा बन रही है उसे ठीक करने की जरूरत है।
अपने आप लाया गया संकट है
नीतीश ने कहा, यह कोई संकट नहीं है। यह अपने आप लाया गया संकट है। हमने इतने दिनों तक इंतजार किया और लगा कि अब काम नहीं हो पाएगा। इस मुद्दे पर हमने राहुल गांधी से भी बात की। पर कोई हल नहीं निकलता नहीं दिखा। इससे पहले पटना में शाम को जदयू विधायक दल की बैठक हुई। बैठक के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार राज्यपाल केशरी नाथ त्रिपाठी से मिलने राजभवन चले गए। राजभवन से लौटने के बाद उन्होंने इस्तीफा दिए जाने की जानकारी दी।
जमीन घोटाला में राजद नेता और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव का नाम आने के बाद बिहार की राजनीति में पिछले एक महीने से सियासी उठापटक जारी थी। सीबीआई द्वारा केस दर्ज किए जाने के बाद काफी दिनों से तेजस्वी पर इस्तीफा दिए जाने का दबाव बन रहा था पर लालू प्रसाद यादव और उनकी पार्टी हमेशा इस्तीफा से इनकार करती रही।
नीतीश ने तेजस्वी का इस्तीफा नहीं मांगा – लालू
राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष लालू प्रसाद ने बुधवार को कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कभी उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद का इस्तीफा नहीं मांगा। उन्होंने कहा कि तेजस्वी इस्तीफा नहीं देंगे, यह राजद विधानमंडल की बैठक में तय हो चुका है। वहीं, डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने भी मीडिया से बातचीत में कहा कि नीतीश कुमार ने मुझसे कभी इस्तीफा नहीं मांगा। पटना में दिन में हुई राजद विधानमंडल दल की बैठक के बाद आयोजित संवाददाता सम्मेलन में लालू ने महागठबंधन में किसी प्रकार की टूट से इनकार किया।