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उत्तराखंड में नया भू-कानून: अनूप नौटियाल ने उठाए गंभीर सवाल

उत्तराखंड में नया भू-कानून: अनूप नौटियाल ने उठाए गंभीर सवाल

देहरादून। उत्तराखंड सरकार द्वारा लाए गए नए भू-कानून पर सवाल उठाते हुए वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता अनूप नौटियाल ने इसे “खोदा पहाड़, निकली चुहिया” करार दिया है। उन्होंने कहा कि इस कानून के बावजूद राज्य के शहरी इलाकों में जमीनों की खुली खरीद-फरोख्त जारी रहेगी, जिससे स्थानीय लोगों को लाभ नहीं मिलेगा।

नौटियाल ने कहा कि देहरादून, हरिद्वार, हल्द्वानी, पिथौरागढ़, बागेश्वर, टिहरी, चमोली समेत सभी शहरों में नगर पालिका, नगर निगम और नगर पंचायत क्षेत्रों में बाहरी लोग आसानी से जमीन खरीद सकते हैं। उन्होंने तर्क दिया कि असली जमीनों की खरीद-फरोख्त शहरी इलाकों में होती है, जहां भूमि की कीमतें अधिक होती हैं।

देहरादून शहर का उदाहरण देते हुए उन्होंने बताया कि करीब 185 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल वाले इस शहर में, कैंट एरिया को छोड़कर, लगभग 2 से 2.5 लाख बीघा जमीन है, जो अभी भी पूरी तरह से बिक्री के लिए उपलब्ध है।

“जब शहरी इलाकों में जमीनों की खरीद-फरोख्त पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा, तो फिर नए भू-कानून का मुख्य उद्देश्य कैसे पूरा होगा?” नौटियाल ने सवाल उठाते हुए कहा कि सरकार अपनी पीठ थपथपा रही है, लेकिन असलियत में इस कानून का फायदा राज्य के स्थानीय लोगों को नहीं मिल रहा है।

उन्होंने इसे उत्तराखंड की जनता के लिए एक गंभीर राष्ट्रीय मुद्दा बताया और कहा कि इस पर खुली बहस होनी चाहिए।

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