LITERATURE
अतीत व भविष्य को जोड़ता है साहित्य : मुख्यमंत्री

- तीसरे दून लिटरेचर फेस्टिवल 2018 का सीएम ने किया उद्घाटन
- नई पीढ़ी को अखबार,पत्रिकाएं व किताबें पढ़ने आदत बनाए रखना चाहिए : सीएम
देवभूमि मीडिया ब्यूरो

मुख्यमंत्री ने कहा कि साहित्य अतीत व भविष्य को जोड़ता है तथा वर्तमान का मार्गदर्शन करता है। किसी भी लेख या विषयवस्तु का महत्व, विश्वसनीयता व ग्राहयता बढ़ जाती है यदि वह पुस्तक के रूप में है। बच्चों में किताबें पढ़ने की रूचि विकसित करना डिजिटल युग की चुनौती है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि युवा पीढ़ी इन्टरनेट व सोशल मीडिया पर मात्र अपनी रूचि, जरूरत व प्राथमिकता वाली सिलेक्टिव खबरों पर ही फोकस न करे बल्कि समाचार पत्र-पत्रिकाओं, पुस्तकों, साहित्य के अध्ययन में भी रूचि ले ताकि उनमें व्यापक दृष्टिकोण विकसित हो ।
उन्होंने कहा कि दून लिटरेचर फेस्टिवल जैसे आयोजन के माध्यम से हम परम्पराओं को नही ढो रहे बल्कि हम परम्पराओं को आगे बढ़ाने का काम कर रहे है। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि अपनी परम्पराओं का सम्मान बहुत जरूरी है क्योकि तारतम्यता परम्पराओं से ही आती है।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने ‘‘पड़ाव’’ स्मारिका का विमोचन किया। साहित्यकार डा0 फारूख, श्री अंचलानन्द जखमोला व अन्य साहित्यकार, पाठक, छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।