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दुनिया में लगभग 82 करोड़ बच्चों के पास स्कूलों में हाथ धोने की बुनियादी सुविधाओं का अभाव
कोविड-19 महामारी के कारण 190 देशों में डेढ़ अरब से ज़्यादा छात्र प्रभावित हुए हैं
पिछले वर्ष दुनिया के 43 फ़ीसदी स्कूलों में साबुन और जल से हाथ धोने की बुनियादी सुविधा नहीं थी
दुनिया में लगभग 82 करोड़ बच्चों के पास स्कूलों में हाथ धोने की बुनियादी सुविधाओं का अभाव है, जिससे उनके कोविड-19 महामारी और अन्य संक्रामक बीमारियों से संक्रमित होने का ख़तरा ज़्यादा है। संयुक्त राष्ट्र बाल कोष और विश्व स्वास्थ्य संगठन के साझा निगरानी कार्यक्रम की गुरुवार को जारी नई रिपोर्ट के आँकड़े दर्शाते हैं कि विश्व के हर पाँच में से दो स्कूलों में महामारी से पहले ही इन मूलभूत सुविधाओं की कमी थी। यूएन एजेंसियों के मुताबिक साफ़-सफ़ाई का समुचित प्रबंध किया जाना, स्कूलों को फिर खोले जाने की एक अनिवार्य शर्त है।
संयुक्त राष्ट्र समाचार के अनुसार यूएन स्वास्थ्य एजेंसी के प्रमुख ट्रैडॉस एडहेनॉम घेबरेयेसस ने बताया, “जल, स्वच्छता, साफ़-सफ़ाई की सुविधाओं की सुलभता स्कूलों सहित हर स्थान पर संक्रमण की रोकथाम के असरदार उपायों के लिए बेहद अहम है। ”
“मौजूदा विश्वव्यापी महामारी कोविड-19 के दौरान स्कूलों को फिर सुरक्षित ढँग से खोलने और संचालित करने की सरकारी रणनीतियों में इस पर प्रमुखता से ध्यान केंद्रित करना होगा।”
कोविड-19 महामारी के कारण शिक्षा के अवसरों में अब तक का सबसे बड़ा व्यवधान आया है, जिससे 190 देशों में डेढ़ अरब से ज़्यादा छात्र प्रभावित हुए हैं।
रिपोर्ट दर्शाती है कि पिछले वर्ष दुनिया के 43 फ़ीसदी स्कूलों में साबुन और जल से हाथ धोने की बुनियादी सुविधा नहीं थी। महामारी के दौरान स्कूलों को सुरक्षित ढँग से खोलने के लिए यह एक अनिवार्य शर्त है।
1 in 5 school-aged children were out of school globally, even before #COVID19.
We must reopen schools with a very wide door, to give every child an equal opportunity to learn, and to reach more students at risk of dropping out due to COVID-19 school closures. pic.twitter.com/TVCB3i2wbr
— UNICEF (@UNICEF) August 13, 2020