UTTARAKHAND
डेरी विकास के क्षेत्र में हुआ मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना का शुभारम्भ


देहरादून : मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि उत्तराखण्ड देश का पहला राज्य है जहां मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना जैसी योजना प्रारम्भ की गई है। इसमें कोविड-19 से प्रभावित होकर वापिस लौटे प्रवासियों के साथ ही युवाओं और महिलाओं के लिए स्वरोजगार के अवसर प्रदान किए जा रहे हैं। उद्योग विभाग के तहत योजना प्रारम्भ करने के साथ ही अन्य विभिन्न विभागों की योजनाओं को भी इसमें समावेशित किया गया है। मुख्यमंत्री ने दूधली में मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के तहत समेकित सहकारी विकास परियोजना व गंगा गाय महिला डेरी योजना में दुधारू पशु क्रय कार्यक्रम का शुभारम्भ किया।
सहकारिता एवं दुग्ध विकास मंत्री डाॅ. धन सिंह रावत ने कहा कि उत्तराखण्ड देश का पहला राज्य है, जहां मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना की शुरूआत हुई है। कोरोना की महामारी के बाद उत्तराखण्ड वासियों के लिए मुख्यमंत्री जी ने यह बड़ी सौगात दी है। इस योजना के तहत प्रदेश के लाखों लोगों को रोजगार दिया जायेगा। डेरी विकास विभाग में राष्ट्रीय सहकारी विकास परियोजना के अंतर्गत डेरी क्षेत्र के लिए कुल 444.62 करोड़ रूपए स्वीकृत हैं। इसके तहत राज्य के दुग्ध सहकारी संघों के सुदृढ़़ीकरण, कोल्ड चैन की स्थापना के साथ ही तकनीकी सुविधाएं उपलब्ध कराने और प्रोत्साहन के लिए ऋण एवं अनुदान की व्यवस्था की गई है। योजना के अंतर्गत लगभग 5400 लाभार्थियों को 20 हजार दुधारू पशु राज्य के बाहर से क्रय कराए जाने का लक्ष्य रखा गया है। योजना के पहले वर्ष चालू वित वर्ष में लगभग 2800 लाभार्थियों को 10 हजार दुधारू पशु क्रय कराए जाएंगे। योजना के तहत इकाई लागत का 65 प्रतिशत ऋण, 10 प्रतिशत लाभार्थी अंशदान और एनसीडीसी व राज्य अंतर्गत संचालित गंगा गाय महिला डेरी योजना से कुल 25 प्रतिशत अनुदान दिये जाने की व्यवस्था है। दुधारू पशुओं का बीमा पशुधन बीमा योजना में किया जाएगा। पूरे प्रदेश में 500 मिल्क बूध की स्थापना की जा रही है। डेरी के क्षेत्र में स्वरोजगार की अपार संभावनाएं हैं। राज्य सरकार का प्रयास है कि इस क्षेत्र में प्रदेश के 10 हजार से अधिक लोगों को स्वरोजगार से जोड़ा जा सके। उन्होंने कहा कि अगले दो महिने में प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में पशु मेले लगाये जायेंगे।Lorem ipsum dolor sit amet, consectetur.