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एमएसएमई नीति-2022 को मंजूरी,जानते है पूरी खबर।
बता दे की मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट बैठक में उत्तर प्रदेश सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम प्रोत्साहन नीति-2022 को अनुमोदित कर दिया है। तो इसमें किसी तरह का संशोधन मुख्यमंत्री के अनुमोदन के बाद ही किया जा सकेगा। नई नीति के अंतर्गत स्थापित होने वाले नए एमएसएमई उद्यमों को पूंजीगत उपादान के रूप में 10 प्रतिशत से लेकर 25 प्रतिशत तक उपादान उपलब्ध कराया जा सकेगा। पूंजीगत उपादान प्लांट व मशीनरी आदि पर निवेश पर मिलता है।
और बुंदेलखंड और पूर्वांचल क्षेत्रों में उपादान की यह सीमा 15-25 प्रतिशत तक और मध्यांचल व पश्चिमांचल में 10-20 प्रतिशत तक होगी। एससी-एसटी और महिला उद्यमियों के लिए दो प्रतिशत अधिक छूट दी जाएगी। उपादान की अधिकतम सीमा 4 करोड़ रुपये प्रति इकाई निर्धारित की गई है।
महिला उद्यमियों को ब्याज में 60 प्रतिशत छूट
बता दे की प्रदेश में स्थापित होने वाले नए सूक्ष्म उद्योगों के लिए पूंजीगत ब्याज उपादान के तहत ऋण पर देय वार्षिक ब्याज पर 50 प्रतिशत छूट मिलेगी। और यह ब्याज उपादान 5 वर्र्षों के लिए दिया जाएगा । तो अधिकतम सीमा 25 लाख रुपये प्रति इकाई होगी।
स्टॉक एक्सचेंज में लिस्टिंग मे 5 लाख तक की भरपाई
एमएसएमई इकाइयों को अधिक से अधिक स्रोतों से क्रेडिट उपलब्ध कराने केलिए स्टॉक एक्सचेंज पर सूचीबद्ध करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। तो ऐसी सभी इकाइयों को लिस्टिंग के व्यय का 20 प्रतिशत और अधिकतम 5 लाख रुपये की भरपाई की जाएगी।
ग्राम सभा की 5 एकड़ भूमि उद्योगों के लिए मिलेगी
10 एकड़ से अधिक के एमएसएमई पार्क स्थापित करने के लिए भूमि खरीद पर 100 प्रतिशत स्टांप शुल्क में छूट और लिए गए ऋण पर 7 वर्षों तक 50 प्रतिशत ब्याज उपादान (अधिकतम दो करोड़ रुपये) उपलब्ध कराया जाएगा
ग्रामीण क्षेत्रों में एमएसएमई को प्रोत्साहन देने के लिए 5 एकड़ या उससे अधिक ग्राम सभा की भूमि पुनर्ग्रहीत कर निशुल्क उद्योग निदेशालय को स्थानांतरित की जाएगी। विभाग भूखंडों का विकास करते हुए जिलाधिकारी के सर्किल रेट पर आवंटन करेगा।
हॉलमार्क की भी मदद
गुणवत्ता मानक जैसे जीरो इफेक्ट-जीरो डिफेक्ट, डब्ल्यूएचओ जीएमपी, हॉलमार्क आदि प्राप्त करने के लिए कुल लागत का 75 प्रतिशत और अधिकतम 5 लाख रुपये तक की वित्तीय सहायता दी जाएगी। और जीआई रजिस्ट्रेशन और पेटेंट आदि प्राप्त करने के लिए दो लाख रुपये तक की वित्तीय सहायता मिलेगी। क्लीन एवं ग्रीन तकनीक को अपनाने के लिए एमएसएमई इकाइयों को अधिकतम 20 लाख रुपये तक की वित्तीय सहायता उपलब्ध कराई जाएगी।
अयोध्या में सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट लगाने में आ रही जमीन की दिक्कत को दूर कर दिया है। सरकार ने एसटीपी लगाने के लिए 10 एकड़ नजूल भूमि को नगर विकास विभाग को देने का फैसला किया है। नगर विकास विभाग को यह भूमि नि:शुल्क दी जाएगी। इससे संबंधित प्रस्ताव को कैबिनेट ने भी मंजूरी दे दी है। एसटीपी के लिए जमीन उपलब्ध न होने पर नगर विकास विभाग ने आवास विभाग से नजूल की भूमि उपलब्ध कराने का अनुरोध किया था।और इसी आधार पर आवास विभाग ने ग्राम मांझा जमथरा में नमामि गंगे कार्यक्रम मे तहत एसटीपी लगाने के लिए मुफ्त में जमीन देने का प्रस्ताव कैबिनेट में रखा था। जिसे अब मंजूरी दे दी गई है।
रजिस्ट्री पत्रों का होगा डिजिटलीकरण
प्रदेश सरकार ने सभी उपनिबंधक कार्यालयों में हुए रजिस्ट्री लेखपत्रों का डिजिटलीकरण कराने का फैसला किया है। सरकार के फैसले के मुताबिक वर्ष 2002 से लेकर 2017 तक की सभी रजिस्ट्री के दस्तावेज का डिजिटलीकरण कराया जाएगा। इससे संबंधित प्रस्ताव को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। और स्टांप एवं पंजीयन विभाग द्वारा कैबिनेट में रखे गए प्रस्ताव के मुताबिक रजिस्ट्रेशन अधिनियम 1908 के प्रावधानों के अधीन प्रदेश के सभी उपनिबंधक कार्यालयों में साल 2002 से 2017 की अवधि में पंजीकृत लेखपत्रों का स्कैनिंग, इंडैक्सिंग और अपलोडिंग यानी सभी तरह के अभिलेखों का डिजिटलीकरण कराया जाएगा।तो यह काम एक साल में पूरा किया जाएगा।
पंचायत सहायक को मिलेगी पांच रुपये प्रोत्साहन राशि
बता दे की ग्राम पंचायतों में तैनात पंचायत सहायकों को अब पंचायत से जारी होने वाले प्रत्येक दस्तावेज पर पांच रुपये प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। और योगी कैबिनेट की मंगलवार को आयोजित बैठक में यह प्रस्ताव पारित किया गया। कैबिनेट बैठक के निर्णय की जानकारी देते हुए पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि ग्राम पंचायतों में तैनात पंचायत सहायक ई-डिस्ट्रिक पोर्टल के जरिये ऑनलाइन सेवाएं देते है। क्षेत्र पंचायत अध्यक्ष और जिला पंचायत अध्यक्षों के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव
तो प्रदेश में जिला पंचायत अध्यक्षों और क्षेत्र पंचायत अध्यक्षों के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव अब दो वर्ष बाद ही लाया जा सकेगा। अविश्वास प्रस्ताव के लिए दो तिहाई सदस्यों की सहमति भी अनिवार्य होगी। योगी कैबिनेट ने मंगलवार को आयोजित बैठक में उत्तर प्रदेश क्षेत्र पंचायत तथा जिला पंचायत अधिनियम 1961 की धारा 15 एवं 28 में संशोधन का प्रस्ताव पारित किया गया।
क्षेत्र और जिला पंचायत संशोधन विधेयक 2016 वापस लिया।
बता दे की योगी कैबिनेट ने मंगलवार को उत्तर प्रदेश क्षेत्र पंचायत और जिला पंचायत संशोधन अधिनियम 2016 को वापस लेने का प्रस्ताव पारित किया है।तो जानकारी के मुताबिक 2016 में तत्कालीन सरकार की ओर से क्षेत्र पंचायत और जिला पंचायत अध्यक्षों के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की अवधि को बढ़ाने और अविश्वास प्रस्ताव के लिए आवश्यक सदस्यों की संख्या को भी दो तिहाई करने का अधिनियम विधानमंडल के दोनों सदनों से पारित किया था।
हजार करोड़ की सब्सिडी, हर तहसील पर बायोगैस प्लांट
योगी कैबिनेट ने मंगलवार को उत्तर प्रदेश राज्य जैव ऊर्जा नीति -2022 को मंजूरी दी है। नीति के तहत कंप्रेस्ड बायोगैस उत्पादन का प्लांट लगाने पर 75 लाख रुपये प्रति टन की दर से अधिकतम 20 करोड़ रुपये, बायोकोल उत्पादन पर 75 हजार रुपये प्रति टन की दर से अधिकतम 20 करोड़ रुपये और बायो डीजल उत्पादन प्लांट की स्थापना पर तीन लाख रुपये प्रति किलोलीटर की दर दर से अधिकतम 20 करोड़ रुपये सब्सिडी दी जाएगी।
तो प्रदेश सरकार का दावा है कि नीति के क्रियान्वयन से खेतों में पराली जलाने की समस्या का समाधान होगा। जैविक अपशिष्ट का निस्तारण वैज्ञानिक विधि से हो सकेगा और बायोमैन्यूर की उपलब्धता से खेतों में उर्वरकता बढ़ेगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार शाम लोकभवन में आयोजित कैबिनेट बैठक के बाद नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री अरविंद कुमार शर्मा ने मीडिया से बातचीत में बताया कि नीति के तहत पांच वर्ष में पांच हजार करोड़ रुपये के निवेश का लक्ष्य रखा है। नीति के क्रियान्वयन से ग्रामीण क्षेत्रों में निवेश और रोजगार सृजित होगा। आयातित कच्चे तेल और पेट्रोलियम गैस पर निर्भरता कम होगी।
30 वर्ष लीज पर दी जाएगी भूमि
तो अरविंद शर्मा ने बताया कि जैव ऊर्जा उद्यमों की स्थापना, फीड स्टॉक के संग्रहण एवं भंडारण के लिए अधिकतम 30 वर्ष तक लीज पर भूमिक एक रुपये प्रति एकड़ वार्षिक टोकन लीज रेंट पर उपलब्ध कराई जाएगी। उन्होंने बताया कि स्टांप शुल्क में शत प्रतिशत प्रतिपूर्ति की जाएगी। विद्युत कर शुल्क में दस वर्ष तक शत प्रतिशत छूट दी जाएगी। बायोमास आपूर्ति की निश्चितता के लिए एफपीओ, एग्रीगेटर के जरिये दीर्घकालीन बायोमास आपूर्ति अनुबंध किया जाएगा और क्षेत्र संबद्ध करने व्यवस्था की जाएगी।
अपशिष्टो का होगा निस्तारण
प्रदेश में कृषि अपशिष्ट, कृषि उपज मंडियों का अपशिष्ट, पशुधन अपशिष्ट, चीनी मिलों का अपशिष्ट, नगरीय अपशिष्ट और जैविक अपशिष्ट पर्याप्त मात्रा में है। इन अपशिष्टों की समस्या के समाधान और जैव ऊर्जा उद्यम स्थापना के लिए नीति लागू की गई है।
पांच साल में 1040 करोड़ की सब्सिडी
प्रदेश में कंप्रेस्ड बायोगैस, बायोकोल और बायो एथनॉल के उत्पादन प्लांट लगाने के लिए सरकार की ओर से पांच वर्ष में 1040 करोड़ रुपये की सब्सिडी दी जाएगी।
– कंप्रेस्ड बायोगैस प्लांट की स्थापना से पांच वर्ष में एक हजार टन सीबीजी प्रतिदिन बायोगैस का उत्पादन किया जाएगा। इस पर करीब 750 करोड़ रुपये की सब्सिडी दी जाएगी।
– बायोकोल प्लांट से पांच वर्ष में 4 हजार टन प्रतिदिन बायोकोल का उत्पादन किया जाएगा। इस पर करीब 30 करोड़ रुपये सब्सिडी दी जाएगी।
– बायो एथनॉल और बायो डीजल प्लांट से पांच वर्ष में 2 हजार किलोलीटर बायो एथनॉल और बायो डीजल का उत्पादन किया जाएगा। इन प्लांट को पांच वर्ष में 60 करोड़ रुपये सब्सिडी दी जाएगी।
– बायोमास के संग्रहण के लिए रेकर, बेलर, ट्रालर पर अतिरिक्त अनुदान देकर 500 फार्म मशीनरी एक्यूपमेंट यूनिट की स्थापना की जाएगी और 100 करोड़ रुपये की सब्सिडी दी जाएगी।
– 50 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाओं के लिए संपर्क मार्ग बनाने के लिए 100 करोड़ रुपये की सब्सिडी दी जाएगी। करीब 200 किलोमीटर संपर्क मार्ग निर्माण किया जाएगा।
– जैव ऊर्जा नीति के प्रचार प्रसार के लिए प्रत्येक जिले को एक लाख रुपये का बजट दिया जाएगा।
मुजफ्फरनगर व कटरा नगर पंचायत का होगा सीमा विस्तार
साल के अंत में प्रस्तावित नगर निकाय चुनाव को देखते हुए सरकार ने दो और नगर निकायों की सीमा का विस्तार करने का फैसला किया है। इसके लिए नगर विकास विभाग द्वारा तैयार किए गए मुजफ्फरनगर पालिका परिषद और कटरानगर पंचायत के प्रस्ताव को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। जल्द ही दोनों निकायों के सीमा विस्तार संबंधी अधिसूचना जारी की जाएगी।और प्रस्तावित सीमा विस्तार में किसी तरह के संशोधन के लिए नगर विकास मंत्री को अधिकृत किया गया है।
टाइगर रिजर्व की स्थापना को हरी झंडी
बता दे की कैबिनेट ने बुंदेलखंड में रानीपुर टाइगर रिजर्व की स्थापना के संबंध में लाए गए प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। रानीपुर वन्य जीव विहार के रूप में अधिसूचित 23031 हेक्टेयर क्षेत्र टाइगर रिजर्व का कोर एरिया होगा। वन क्षेत्र में अधिसूचित 29958.863 को बफर जोन में शामिल किया जाएगा। रानीपुर टाइगर रिजर्व फाउंडेशन के नियमावली के गठन और फाउंडेशन के संचालन के लिए एकमुश्त 50 करोड़ रुपये के कॉर्पस फंड की व्यवस्था के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी है। तो प्रोजेक्ट टाइगर योजना के अंतर्गत व्यय में केंद्रांश भी 60:40 या 50:50 के अनुपात में रहता है।
टूरिस्ट फैसिलिटेशन सेंटर का रास्ता साफ
अयोध्या में अयोध्या विजन-2047 के तहत टूरिस्ट फैसिलिटशन सेंटर के निर्माण का रास्ता साफ हो गया है। राज्य सरकार ने अयोध्या में टूरिस्ट फैसिलिटेशन सेंटर के निर्माण व संचालन के लिए सार्वजनिक निजी सहभागिता मोड पर विशेषज्ञ संस्थाओं/निजी निवेशकों के चयन के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी।तो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को कैबिनेट की बैठक में इससे जुड़े प्रस्ताव को मंजूरी दी गई।औ इस मामले में आवश्यकता अनुसार आगे का निर्णय लिए जाने के लिए कैबिनेट ने मुख्यमंत्री को अधिकृत किया है।
और अयोध्या में आधुनिक टूरिस्ट फैसिलिटेशन सेंटर के निर्माण एवं इसका संचालन विशेषज्ञ संस्थाओं द्वारा कराने का खाका तैयार किया गया है। जिससे पर्यटन के लिहाज से काफी फायदेमंद माना जा रहा है। इससे अयोध्या आने वाले देशी-विदेशी पर्यटकों को तो लाभ मिलेगा ही, पर्यटन उद्योग से जुड़े हुए व्यवसायियों, सेवा प्रदाताओं तथा अयोध्या के आम लोगों का आर्थिक विकास भी होगा।
स्टेट ट्रांसफॉर्मेशन कमीशन का गठन
राज्य योजना आयोग का पुनर्गठन करते हुए एसटीसी बनाने के प्रस्ताव को मंगलवार को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी। मुख्यमंत्री इस कमीशन के अध्यक्ष होंगे। इसका मुख्य कार्य राज्य के विभिन्न प्रकार के संसाधनों का अनुमान लगाना और राज्य के विकास में इनके सर्वोत्तम उपयोग की नीति तैयार कर सुझाव देना होगा।और इसके अलावा भी कमीशन राज्य के चौमुखी विकास से जुड़े विभिन्न पहलुओं को देखेगा।
शासकीय पदेन व गैर सरकारी सदस्य
बता दे की कमीशन में मुख्य सचिव, कृषि उत्पादन आयुक्त, अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त, समाज कल्याण आयुक्त/अपर मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव/सचिव समाज कल्याण के अलावा वित्त, कृषि, नगर विकास, ग्राम्य विकास, चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास, सिंचाई एवं जल संसाधन और नियोजन विभाग के अपर मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव/सचिव शासकीय पदेन सदस्य होंगे। वहीं मुख्यमंत्री द्वारा नामित सामाजिक सेक्टर से संबंधित विषय विशेषज्ञ, कृषि व संवर्गीय सेवाओं से संबंधित विषय विशेषज्ञ, अर्थव्यवस्था व वित्त क्षेत्र से संबंधित विषय विशेषज्ञ व औद्योगिक विकास/निवेश/प्रौद्योगिकी/ऊर्जा क्षेत्र से संबंधित विशेषज्ञ कमीशन के गैर सरकारी सदस्य होंगे।
कार्य व दायित्व
– राज्य के विभिन्न प्रकार के संसाधनों का अनुमान लगाना और राज्य के विकास में इनके सर्वोत्तम उपयोग की नीति तैयार कर सुझाव देना।
– राष्ट्रीय एजेंडा के उद्देश्यों, प्राथमिकताओं के साथ ही राज्य की आवश्यकताओं, संसाधनों व क्षमता को ध्यान में रखते हुए क्षेत्रवार और कार्यक्रमवार अल्पकालीन व दीर्घकालीन उपायों की संरचना करना। साथ ही क्षेत्रीय असंतुलन को दूर करने के लिए नीतियों व कार्यक्रमों पर सुझाव देना।
– जनमानस के जीवन स्तर में सुधार हेतु तंत्र विकसित करने व राज्य के आर्थिक और सामाजिक विकास में अवरोध उत्पन्न करने वाले कारकों को चिन्हित करना। साथ ही विकास एजेंडा पर सफल कार्यान्वयन के लिए समाधान ढूंढना।
– आर्थिक सुधारों के वातावरण व परिप्रेक्ष्य में यथासंभव पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप मॉडल के जरिए उपलब्ध वित्तीय स्रोत/संसाधनों का अनुकूलतम उपयोग के लिए सुझाव देना।
– विकास कार्यों के प्रतिफल का नियमित रूप से मूल्यांकन करते हुए सुझाव देना।
– सूचना प्रौद्योगिकी, डिजिटल टेक्नोलॉजी व आधुनिक संचार साधनों का अधिक से अधिक उपयोग सुनिश्चित करना।
– उच्च तकनीकी संस्थाओं से समन्वय कर ज्ञान हस्तांतरण का लाभ प्राप्त करने के लिए संसाधन केंद्र ज्ञान केंद्र के रूप में कार्य करना।
– विकास कार्यों की प्रगति की नियमित रूप से समीक्षा करते हुए आवश्यक मार्गदर्शन प्रदान करना और अन्य कार्य जो समय-समय पर सौंपे जाएं, उन्हें करना।
कैबिनेट का मानना है कि नीति आयोग की परिकल्पनाओं के लिए प्रदेश में राज्य योजना आयोग का पुनर्गठन करते हुए नवीन संस्था का सृजन करने की आवश्यकता है। प्रदेश की अर्थव्यवस्था को वर्ष 2027 तक 01 ट्रिलियन डॉलर के स्तर पर लाए जाने का संकल्प लिया गया है। इसे मूर्त रूप देने के लिए विभागों को सतत मार्गदर्शन, रणनीति व सुझाव दिया जाना निहित है। प्रस्तावित एसटीसी को थिंक टैंक के रूप में समावेशी विकास हेतु साझा दृष्टिकोण विकसित करना निहित है।
दिव्यांगजन स्कूलों में बोर्ड के माध्यम से भर्तियां
बता दे की कैबिनेट ने उत्तर प्रदेश दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग अध्यापक सेवा नियमावली-2000 में चतुर्थ संशोधन किए जाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इसके तहत दिव्यांगजन स्कूलों में प्रधानाचार्यों और अध्यापकों की भर्ती उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड के माध्यम से होगी।
बैंक ऑफ महाराष्ट्र से लिया जाएगा सस्ता ऋण
उत्तर प्रदेश राज्य चीनी एवं गन्ना विकास निगम लिमिटेड की पिपराईच और मुंडेरवा चीनी मिलों द्वारा गन्ना किसानों की पेराई सत्र 2019-20 में समय से गन्ना मूल्य भुगतान के लिए इंडियन बैंक से प्राप्त की जा रही नकद साख सीमा को बैंक ऑफ महाराष्ट्र द्वारा टेकओवर किए जाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई है।
प्रबंधन के लिए बढ़ाई सब्सिडी
बता दे की गन्ना विकास विभाग की योजना के तहत पेड़ी प्रबंधन एवं बीज व भूमि उपचार कार्यक्रम में सब्सिडी की दर 650 रुपये प्रति हेक्टेयर से बढ़ाकर 900 रुपये प्रति हेक्टेयर करने के प्रस्ताव को भी कैबिनेट ने मंजूरी दे दी।
एमएसटीपी करेगी ई-नीलामी
प्रदेश में बालू मौरंग के ई-टेंडर और ई-नीलामी के लिए योगी कैबिनेट ने मैटल स्क्रेप ट्रेड कारपोरेशन लिमिटेड को नोडल एजेंसी नामित किया है। एमएसटीसी बालू मौरंग के ई टेंडर और ई-नीलामी से खनन पट्टे जारी करेगा।
सरकार खरीदेगी नया हेलीकॉप्टर
प्रदेश सरकार की ओर से एक नया हेलीकॉप्टर खरीदा जाएगा। योगी कैबिनेट की मंगलवार को आयोजित बैठक में एक नया हेलीकॉप्टर खरीदने और पुराने हेलीकाप्टर का निस्तारण करने का प्रस्ताव मंजूर किया।