Uttarakhand

नारी को सम्मान दिलाना ऐतिहासिक आंदोलन : रेखा आर्य 

  • पिथौरागढ़, हरिद्वार एवं चम्पावत जिलों में बाल लिगांनुपात में कमी चिंता का विषय : मुख्यमंत्री 
  • उत्तराखंड ने घटते लिंगानुपात पर काबू पाकर देश को दिखाया है आईना : मेनका गाँधी 

देहरादून : देहरादून से प्रातः साढ़े आठ बजे शुरू हुई ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ यात्रा दोपहर साढ़े 12 बजे हरिद्वार पहुंची। इस दौरान यात्रा का नेतृत्व कर रही राज्य मंत्री रेखा आर्य ने 55 किलोमीटर की दूरी 4 घंटे में तय की। इस यात्रा में दून से करीब 25 प्रतिभागी शामिल हुए। इससे पहले साइकिल रैली की शुरुआत मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने पुलिस लाइन देहरादून से की थी ।

कार्यक्रम की शुरुआत साइकिल रैली को हरी झण्डी दिखाकर करते हुए सूबे के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि पीएम मोदी के जन्मदिन पर शुरु हुई ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ साइकिल यात्रा देवभूमि से भारत ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया तक संदेश देगी। पुलिस लाइन से रैली को हरी झंडी दिखाकर सीएम ने यात्रा को रवाना किया। यात्रा में करीब पांच साइकिल सवार विधानसभा पहुंचे। जहां मंत्री ने संकल्प दिलाते हुए चुनिंदा सदस्यों को हरिद्वार के लिए रवाना किया।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि यह साइकिल यात्रा नहीं है वरन बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का एक जन जागरूकता कार्यक्रम है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 21 जनव 2015 हरियाणा से बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान की शुरूवात की। जिसके सकारात्मक परिणाम आज हमारे सामने है। उन्होंने कहा इस अभियान के बाद हरियाणा में लिंगानुपात में तेजी से सुधार हुआ है। उन्होंने कहा प्रदेश एवं समाज के विकास के लिए महिलाओं को पुरूषों के समान अधिकार मिलना जरू है। महिलाओं के विकास के बिना पूर्ण विकसित समाज की कल्पना भी नहीं की जा सकती है।

उन्होंने उत्तराखण्ड के पिथौरागढ़, हरिद्वार एवं चम्पावत जिलों में बाल लिगांनुपात में कमी आने पर चिंता व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि बाल लिगांनुपात को बढ़ाने के लिए व्यापक स्तर पर जागरूकता कार्यक्रम चलाने होंगे। उन्होंने कहा कि बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का संकल्प है जिसके लिये व्यापक स्तर पर जागरूकता अभियान चलाकर हमें उनके इस सपने को साकार करना होगा। 

इस जागरूकता साइकिल रैली में अन्तर्राष्ट्रीय महिला क्रिकेट खिलाड़ी एकता बिष्ट, मिस उत्तराखण्ड नेहा राज एवं एथलीट हरेन्द्र ने भी प्रतिभाग किया। इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज, उच्च शिक्षा राज्य मंत्री धन सिंह रावत, सांसद श्रीमती माला राजलक्ष्मी शाह, विधायक गणेश जोशी, उमेश शर्मा ’काऊ‘, पुष्कर धामी, मुन्ना सिंह चौहान, खजानदास, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट आदि उपस्थित थे।

मंत्री रेखा आर्य के साथ साइकिल से हरिद्वार तक पहुंचे सदस्यों का मार्ग में कई जगह स्वागत किया गया। कार्यक्रम का समापन हरिद्वार के पंतद्वीप पार्किंग में केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी ने पहुंचकर किया। केंद्रीय मंत्री ने नेहा राज, एकता बिष्ट, हरेंद्र चौधरी, सुशीला राणा को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया।

सूबे कि राज्य मंत्री रेखा आर्य ने अपने संबोधन की शुरुआत वंदेमातरम, बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ के नारे के साथ किया। उन्होंने कहा कि रैली का मुख्य उद्देश्य देहरादून और हरिद्वार जिलों में शिशु लिंगानुपात को सुधारने का संकल्प का सन्देश देना है। उन्होंने कहा कन्या भ्रूण हत्या, गौ हत्या के समान पाप है। उन्होंने कहा मेरे चार घंटे में देहरादून से हरिद्वार पहुंचने पर लोगों को आश्चर्य हो रहा है। यही महिला सशक्तिकरण है। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी के जन्मदिन पर बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ का संकल्प लिया, लेकिन नारी को सम्मान दिलाना ऐतिहासिक आंदोलन हैं। राज्य मंत्री रेखा आर्य ने कहा कि बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ एवं महिला सशक्तीकरण के उद्देश्य से पूर्ण सुरक्षा के साथ साइकिल यात्रा की जा रही है। उन्होंने कहा कि इस साइकिल यात्रा के माध्यम से बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान का व्यापक स्तर पर जन संदेश पहुंचाना है।

वहीं कार्यक्रम में शिरकत अर्ने पहुंचे शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक ने कहा किसी भी अभियान को पूरा करने की जिद से ही सफलता निश्चित मिलती है। यही जिद केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी और रेखा आर्य ने दिखाई है, यह प्रधानमंत्री की प्रेरणा और मानसिक शक्ति का प्रतिफल है। उन्होंने कहा कि हरिद्वार वासियों को जिले में घटते लिंगानुपात को एक साल में सुधारने का संकल्प लेना होगा।

वहीं कार्यक्रम के समापन के लिए हरिद्वार पहुंची केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी ने कहा तीन साल पहले केंद्र में सरकार बनने पर प्रधानमंत्री ने बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ पर पूरा फोकस करने को कहा। उन्होंने कहा कि लड़की पैदा होने पर उसके पढ़ाई, शादी के लिए, सुरक्षा और भविष्य की चिंता होती है। इसलिए 100 ऐसे शहरों को चुना गया है जहां शिशु लिंगानुपात की स्थिति बुरी है। उनका कहना है कि कहा रेखा आर्य के जिले चंपावत में एक साल में शिशु लिंगानुपात महिला 830 से बढ़कर 930 प्रति एक हजार हो गया। उत्तराखंड ने लिंगानुपात में पूरे देश को आइना दिखाया है।

devbhoomimedia

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