बारिश से पहाड़ के काश्तकारों के चेहरे खिले
नई टिहरी। बारिश से चम्बा-मसूरी फलपट्टी और हेंवलघाटी के काश्तकारों के चेहरे खिले गए हैं। उनका कहना है कि जो बारिश हुई है वह खेती के लिए बहुत ही लाभकारी है।
बुधवार को हुई झमाझम बारिश से किसानों काफी खुश हैं। चम्बा-मसूरी फलपट्टी और हेंवलघाटी के काश्तकारों का कहना है कि अधिकांश जगहों पर अभी गेंहू की फसल पकी नही है। इसलिए गेंहू के लिए बारिश लाभदायक है। इसके अलावा नगदी फसलों बीन, टमाटर, गोभी, मटर, शिमला मिर्च आदि फसलों के लिए यह बारिश काफी लाभकारी है। फलपट्टी में सेब के लिए बारिश को अच्छा बताया जा रहा है।
प्रगतिशील काश्तकार मंगलानंद डबराल, देव सिंह पुंडीर, सत्यपाल सिंह आदि का कहना है कि बारिश न होती तो नकदी फसलों को नुकसान होता। उन्होंने बताया कि फलपट्टी में खेतों की सिंचाई की कोई व्यवस्था नही है और इस क्षेत्र में ही सबसे अधिक नगदी फसलें उगाई जाती हैं इसलिए बारिश का समय-समय पर होना जरूरी है। इस समय की बारिश से पौधों में जान आ गई है। इससे सेब आदि फलदार पौधों को भी लाभ होगा।
वहीं हेंवलघाटी के काश्तकार कुशाल सिंह, राजेंद्र सिंह का कहना है कि पौधों की सिंचाई कितनी भी कर लो लेकिन बारिश के पानी से ही उनमें जान आती है। इस समय हुई बारिश कई मायनों में लाभकारी है।
इस बारे में ज्येष्ठ उद्यान निरीक्षक दीर्घपाल सिंह नेगी का कहना है कि बारिश के पानी का कोई विकल्प नही है। बारिश से सभी को लाभ होता है और खेतों में पर्याप्त पानी चला जाता है। बारिश से फसलों में रोग की संभावना भी कम हो जाती है। वहीं औद्यानिकी एवं वानिकी विवि रानीचौरी के मौसम अनुभाग के तकनीकी अधिकारी प्रकाश नेगी का कहना है कि इस समय पर बारिश का बहुत महत्व है। गर्मी के साथ ही यदि बारिश भी होती रहे तो खेती बहुत ही अच्छी होगी।