न्याय विभाग की लगी मुहर दो से अधिक बच्चे वाले नहीं लड़ सकेंगे चुनाव
2019 में होने वाले त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव तक ही लागू हो पायेगा एक्ट
देवभूमि मीडिया ब्यूरो
देहरादून : राज्य में होने वाले त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों में दो से अधिक बच्चों वाले लोगों को चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य ठहराने के पंचायती राज विभाग के प्रस्ताव को लेकर पिछले काफी समय से चल रही अब फाइल सरकने लगी है लेकिन यदि इस फाइल पर कोई निर्णय आता है तो वह वर्ष 2019 में होने वाले त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव तक ही लागू हो पायेगा। हालाँकि न्याय विभाग ने परीक्षण के बाद 2016 में बने इस एक्ट के प्रस्ताव पर मुहर लगा दी है। पंचायती राज मंत्री अरविंद पांडेय ने प्रमुख सचिव न्याय से मुलाकात के बाद पत्रकारों को यह जानकारी दी।
प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायतों के लिए 2016 में बने एक्ट की कुछ व्यवस्थाओं में सरकार संशोधन करने जा रही है। इसी कड़ी में निश्चय किया गया है कि जिस प्रकार नगर निकायों में व्यवस्था है कि दो से अधिक बच्चों वाले चुनाव नहीं लड़ पाएंगे, उसी तरह की व्यवस्था पंचायतों में भी लागू की जाए। पंचायती राज मंत्री अरविंद पांडेय के निर्देश के बाद इस संबंध में प्रस्ताव तैयार कर परीक्षण के लिए न्याय विभाग को भेजा गया था। इस पर न्याय विभाग ने हरी झंडी दे दी है।
जाहिर है कि इससे प्रस्ताव को आगे बढ़ाने के लिए बड़ी बाधा दूर हो गई है। यही नहीं, पंचायत प्रतिनिधियों के लिए शैक्षिक योग्यता निर्धारित करने के मद्देनजर अधिकारियों को हरियाणा और राजस्थान के पंचायती राज एक्ट का गहन अध्ययन करने के निर्देश दिए गए हैं। इन राज्यों में पंचायत प्रतिनिधियों के लिए सामान्य श्रेणी में दसवीं और आरक्षित श्रेणी में न्यूनतम शैक्षिणिक योग्यता आठवीं पास रखी गई है। इसका मसौदा भी तैयार किया जा रहा है।