CAPITAL

मंत्रियों का सप्ताह में दो दिन विधानसभा में बैठना हुआ अनिवार्य

जनता को मंत्री को खोजने को अब नहीं काटने होंगे चक्कर !

देहरादून : विधानसभा से दूर रहने वाले मंत्रियों को अब विधानसभा में बुधवार और बृहस्पति वार दो दिन बैठना होगा। सरकार ने यह फैसला तब लिया जब उसके पास दूर-दराज से आयी जनता ने शिकायत की कि वे तो इतनी दूर से मंत्रियों की खोज में देहरादून विधानसभा पहुँच जाते है लेकिन उन्हें वहां मंत्रियों के दर्शन नहीं होते लिहाज़ा अब सरकार ने मंत्रियों को सप्ताह में दो दिन 12 बजे बाद विधानसभा में बैठना अनिवार्य कर दिया है वह भी पूरे दो दिन। ताकि प्रदेश की जनता की समस्याओं का निवारण ठीक से हो सके।  वहीँ मंत्रिमंडल की बैठक में उत्‍तराखंड सड़क सुरक्षा कोष का गठन और नियमावली को मंजूरी दी गई। अब जुर्माने के रूप परिवाहन और पुलिस से वसूल की गई जुर्माना राशि के 25-25 फीसद को कोष में जमा किया जाएगा। वहीँ इसके लिए मुख्यसचिव की अध्यक्षता में कमेटी बनायीं जाएगी ।

वहीँ असम रायफल पूर्व सैनिक कल्याण को रायपुर में भूमि की गई आवंटित। असम राइफल को दी जमीन के बदले जो पैसा मिलना था उसे केबिनेट ने माफ किया। जबकि सराय एक्ट में बदलाव।पर्यटन से सम्बंधित। सरकार ने नए होटलों सहित सभी पुराने होटलों को उत्तराखंड टूरिज्म विकास बोर्ड में रजिस्ट्रेशन करना अनिवार्य कर दिया है ये रजिस्ट्रेशन सराय एक्ट में किये जाएंगे।

वहीँ जीएसटी के लागू हो जाने  के बाद सरकार ने वाणिज्य कर विभाग का नाम बदलकर राज्य कर विभाग कर दिया है।जबकि  मनोरंजन कर विभाग को भी राज्य कर विभाग में समायोजित कर दिया गया है। 

राज्य मंत्रिमंडल ने मिड डे मील योजना में चार जिलों  में देहरादून, हरिद्वार, नैनीताल, उधमसिंह नगर के 37 सौ स्कूल के 3 लाख 60 हज़ार बच्चों को भोजन की व्यवस्था अक्षय पात्र फॉउंडेशन के जरिये उपलब्ध किये जाने का निर्णय किया है। वहीँ यह भी निर्णय लिया गया है कि भोजन हर जिले में एक जगह ही बनेगा,और यहीं से 40 किलोमीटर के दायरे में स्थित स्कूलों में पहुँचाया जायेगा।

वहीँ पर्यटन की गतिविधियों को नियंत्रित किया जाएगा। ऋषिकेश से कौडियाला तक सड़क के दोनों ओर एक  किलोमीटर का क्षेत्र हरिद्वार विकास प्राधिकरण में सम्मिलित किया जाएगा। राफ्टिंग, कैम्पिंग जोन में नियम का पालन हो इसके लिए तैयारी की गयी है। ताकि NGT के नियम भी पालन करने के लिए सुविधा हो ।

devbhoomimedia

डिस्क्लेमर (अस्वीकरण) : देवभूमि मीडिया.कॉम हर पक्ष के विचारों और नज़रिए को अपने यहां समाहित करने के लिए प्रतिबद्ध है। यह जरूरी नहीं है कि हम यहां प्रकाशित सभी विचारों से सहमत हों। लेकिन हम सबकी अभिव्यक्ति की आज़ादी के अधिकार का समर्थन करते हैं। ऐसे स्वतंत्र लेखक,ब्लॉगर और स्तंभकार जो देवभूमि मीडिया.कॉम के कर्मचारी नहीं हैं, उनके लेख, सूचनाएं या उनके द्वारा व्यक्त किया गया विचार उनका निजी है, यह देवभूमि मीडिया.कॉम का नज़रिया नहीं है और नहीं कहा जा सकता है। ऐसी किसी चीज की जवाबदेही या उत्तरदायित्व देवभूमि मीडिया.कॉम का नहीं होगा। धन्यवाद !

Related Articles

Back to top button
Translate »