PAURI GARHWAL

वन मंत्री डॉ.रावत कोटद्वार क्षेत्र में पर्यटन को लेकर केंन्द्रीय मंत्री से मिले

  • कण्वाश्रम में मृग विहार रेस्क्यू सेंटर का उठाया मामला 
  • कोटद्वार से कॉर्बेट पार्क के लिए जिप्सी सञ्चालन की मांगी अनुमति

देवभूमि मीडिया ब्यूरो 

देहरादून : प्रदेश के वनमंत्री डॉ.हरक सिंह रावत ने केंद्रीय वन मंत्री डॉ. हर्षवर्धन से मुलाकात कर कोटद्वार के पास स्थित कण्वाश्रम में मृग विहार रेस्क्यू सेंटर और कोटद्वार से कॉर्बेट पार्क के लिए जिप्सी सञ्चालन की अनुमति को लेकर मुलाकात की। जिस पर केंद्रीय मंत्री ने डॉ. रावत को शीघ्र ही दोनों मामलों पर कार्रवाही का आश्वासन दिया। 

गौरतलब हो कि प्रदेश के वन मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत द्वारा कोटद्वार क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा दिए जाने और पर्यटन से स्थानीय बेरोजगारों को जोड़ने की पहल करते हुए कॉर्बेट पार्क जाने के लिए पाखरो से कॉर्बेट की तरफ मार्ग को खोलने की पहल बीते  साल ही शुरू कर  दी थी। इस मार्ग के खुलने से जहाँ दिल्ली की तरफ से आने वाले पर्यटकों को 70 किलोमीटर कम चलकर कॉर्बेट पार्क में प्रवेश मिला वहीँ इससे स्थानीय बेरोजगारों को रोजगार की राह भी खुली जिसमें कई बेरोगारों को वन्यजीव गाइड के रूप में काम मिला तो कई युवाओं को  जिप्सी के संचालन से रोजगार मिला।  लेकिन केंद्र सरकार की अनुमति की प्रत्याशा में पर्यटक पाखरो से आगे नहीं जा पा रहे थे। इसी क्रम में सूबे के वन मंत्री डॉ. रावत ने केंद्रीय वन मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत से मुलाकात कर स्वीकृति न मिलने पर आ रही समस्याओं की तरफ केंद्रीय मंत्री का ध्यान आकर्षित किया। 

केंद्रीय मंत्री को दिए पत्रों में डॉ. रावत ने कहा कि कॉर्बेट टाइगर रिज़र्व के वन क्षेत्र पर्यटकों के आकर्षण का मुख्य केंद्र है जबकि कॉर्बेट पार्क का दो तिहाई क्षेत्र पौड़ी जनपद में है जबकि पर्यटक रामनगर के रस्ते कॉर्बेट में प्रवेश करते हैं। जबकि कोटद्वार से भी कॉर्बेट में प्रवेश किया जा सकता है यहाँ से प्रवेश शुरू होने से जहाँ पर्यटकों को सुविधा होगी वहीँ उनका दिल्ली से 70 किलोमीटर कम भी चलना होगा।  इसी दृष्टि से कोटद्वार क्षेत्र के कालागढ़ टाइगर रिज़र्व प्रभाग पाखरो इको टूरिज्म जोन के गठन का प्रस्ताव जिप्सी सफारी सञ्चालन हेतु एनटीसीए भारत सरकार को भेजा गया था जिसके क्रम में एनटीसीए की टीम द्वारा मई 2018 में क्षेत्र का निरिक्षण भी किया जा चूका है लेकिन एक वर्ष से अधिक समय होने के बाद भी अभी तक जिप्सी सफारी के सञ्चालन की स्वीकृति लंबित है।  जिसपर केंद्रीय मंत्री ने डॉ. रावत को मामले के निस्तारण का आश्वासन दिया गया है। वहीँ डॉ. रावत ने केंद्रीय मंत्री के समक्ष कण्वाश्रम में मृगविहार रेस्क्यू सेण्टर का मामला भी उठाया।  जिस पर केंद्रीय मंत्री ने शीघ्र कार्रवाही का भरोसा दिया है। 

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