आईएमए पीओपीः भारतीय सेना को मिले 423 जांबाज अफसर
आतंकी भड़का रहे हैं कश्मीरी युवाओं को सोशल मीडिया के जरिए :बिपिन रावत
पहाड़ के युवाओं को लंबाई में मिलने वाली छूट दोबारा लागू होगी :
देहरादून : इंडियन मिलिट्री एकेडमी (आइएमए) में अंतिम पग भरते ही 423 नौजवान भारतीय सेना के अंग बन गए। इसके साथ ही 67 विदेशी कैडेट भी पास आउट हुए। भारतीय सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने परेड की सलामी ली। इस मौके पर सेना प्रमुख ने नव सैन्य अधिकारियों से परम्परागत और गैर परम्परागत चुनौतियों के लिए तैयार रहने का आह्वान किया। सुबह 6 बजकर 37 मिनट पर मार्कर्स कॉल के साथ परेड का आगाज हुआ। कश्मीर में हालात बिगड़ने का जिम्मेदार सेना प्रमुख ने सोशल मीडिया को ठहराया। उन्होंने कहा कि कश्मीर में मिस इंफॉर्मेशन या डिस इंफॉर्मेशन फैलाया जा रहा है।
भारत माता तेरी कसम, तेरे रक्षक बनेंगे हम। आइएमए गीत पर कदमताल करते जेंटलमैन कैडेट ड्रिल स्क्वायर पहुंचे, तो लगा कि विशाल सागर उमड़ आया है।
एक साथ उठते कदम और गर्व से तने सीने दर्शक दीर्घा में बैठे हरे शख्स के भीतर ऊर्जा का संचार कर रहे थे। कंपनी सार्जेट मेजर शशि भूषण उप्रेती, अर्ष दीप सिंह ढिल्लन, विशाल शर्मा, विकास गोयल, देवेंद्र सिंह अधिकारी, मनीष वर्मा, हर्षित बंखवाल व तरुण दयाल ने ड्रिल स्क्वायर पर अपनी-अपनी जगह ली।
एडवास कॉल के साथ ही छाती ताने देश के भावी कर्णधार असीम हिम्मत और हौसले के साथ कदम बढ़ाते परेड के लिए पहुंचे। परेड कमाडर अविनाश क्षेत्री ने ड्रिल स्क्वायर पर जगह ली। कैडेट्स ने शानदार मार्चपास्ट से दर्शक दीर्घा में बैठे हर शख्स को मंत्रमुग्ध किया। इधर, युवा सैन्य अधिकारी अंतिम पग भर रहे थे, तो आसमान से हेलीकाप्टरों के जरिए उन पर पुष्प वर्षा हो रही थी। सेना प्रमुख ने कैडेट्स को ओवरऑल बेस्ट परफारमेंस व अन्य उत्कृष्ट सम्मान से नवाजा। अविनाश क्षेत्री को स्वार्ड ऑफ ऑनर प्रदान की गई। अविनाश को स्वर्ण पदक भी मिला। रजत पदक विकास सांगवान और कांस्य पदक रोहित जोशी को दिया गया। अक्षय सिंह बिष्ट ने सिल्वर मेडल (टीजी) ने हासिल किया। सर्वश्रेष्ठ विदेशी विलफ्रेड साइप्रियन लयाकुरवा कैडेट चुने गए। चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ बैनर सिंहगढ कंपनी को मिला।
आईएमए देहरादून में पासिंग आउट परेड के दौरान रिक्रूट्स को संबोधित करते हुए सेना प्रमुख बिपिन रावत ने कश्मीर मुद्दे पर दिल की बात कही। उन्होंने कहा कि सेना को महिला अफसरों की जरुरत है, क्योंकि कई जब हमारी सेना ऑपरेशन में जाती है तो विरोध में महिलाएं भी सामने आ जाती हैं। आतंकी लोग आजकल महिलाओं को ढाल बनाकर इस्तेमाल कर रहे हैं।
आइएमए में पासिंग आउट परेड में आर्मी चीफ बिपिन रावत ने कहा कि कश्मीर में युवाओं को सोशल मीडिया के जरिये भड़काया जा रहा है। उन्होंने नव सैन्य अधिकारियों से परम्परागत और गैर परम्परागत चुनौतियों के लिए तैयार रहने का आह्वान किया।
वहीँ जनरल रावत ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि सोशल मीडिया पर हो रहा दुष्प्रचार कश्मीर के युवाओं को भड़का रहा है। सेना वहां लोगों की रक्षा के लिए है, न कि उनसे उलझने के लिए। प्रयास किये जा रहे हैं कि युवाओं को सेना सही राह पर ले आए। हालांकि हालात पहले से बेहतर हुए हैं।
तब सोल्जर जीडी के लिए पहाड़ी क्षेत्र के युवाओं की लंबाई 166 और मैदानी क्षेत्र के युवाओं की लंबाई 170 सेमी का मानक था। वहीं, टेक्निकल पदों के लिए अभी 163 और क्लर्क पद के लिए 162 सेमी लंबाई का मानक है। गोरखाओं के लिए 157 सेमी लंबाई की अनिवार्यता है।
कुछ समय पहले पहाड़ी युवाओं को मिलने वाली छूट समाप्त कर दी गई। इससे बड़ी संख्या में युवा सेना भर्ती से बाहर हो रहे हैं। इसको लेकर उत्तराखंड समेत तमाम पहाड़ी राज्यों से लगातार छूट बहाल करने की मांग उठती रही है।
सेना में महिलाओं की भर्ती पर उन्होंने कहा कि विभिन्न घरेलू मोर्चों पर जूझने के लिए महिला जवानों की जरूरत पड़ती है। सेना में महिला जवानों की भर्ती के लिए पहले महिला पुलिस जवान भर्ती की जाएंगी। फिर प्रयोग सफल होने पर उन्हें सेना की मुख्यधारा में शामिल किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि सेना के ऑपरेशन के दौरान कई बार महिलाएं सामने आ जाती हैं। इसलिए हमें सेना में महिलाओं की भी जरूरत है। उन्होंने कहा कि अगर हमारे पास आधुनिक तकनीक हो, सही तरह से इस्तेमाल किया जाए। आवाम को इतनी तकलीफ नहीं होगी, हम सक्षम होंगे।
आईएमए देहरादून में पासिंग आउट परेड के दौरान रिक्रूट्स को संबोधित करते हुए सेना प्रमुख बिपिन रावत ने कश्मीर मुद्दे पर दिल की बात कही। उन्होंने कहा कि सेना को महिला अफसरों की जरुरत है, क्योंकि कई जब हमारी सेना ऑपरेशन में जाती है तो विरोध में महिलाएं भी सामने आ जाती हैं। आतंकी लोग आजकल महिलाओं को ढाल बनाकर इस्तेमाल कर रहे हैं।
सेना प्रमुख ने कहा कि आतंकवाद से निपटने के लिए हमे अपडेट होने की जरूरत है क्योंकि आतंकी नए-नए तरीके अपना रहे हैं। उन्होंने कहा कि अगर हमारे पास भी मॉर्डन टेक्नोलॉजी हो और उसका सही तरीक से इस्तेमाल किए जाए तो आवाम को तकलीफ नहीं होगी। साथ ही हम भी सक्ष्म होंगे।
कश्मीर में हालात बिगड़ने का जिम्मेदार सेना प्रमुख ने सोशल मीडिया को ठहराया। उन्होंने कहा कि कश्मीर में मिस इंफॉर्मेशन या डिस इंफॉर्मेशन फैलाया जा रहा है। कहा, फ़ौज कश्मीर में अमन और शांति कायम करनी चाहती है। हम किसी से लड़ने नहीं आए हैं। चीन सीमा पर हालात सामान्य हैं। चीन और हम सेना का इस्तेमाल करते हैं।
इससे पहले भारत माता तेरी कसम, तेरे रक्षक बनेंगे हम। आइएमए के इस गीत पर कदमताल करते जेंटलमैन कैडेट ड्रिल स्क्वायर पहुंचे, तो लगा कि विशाल सागर उमड़ आया है। एक साथ उठते कदम और गर्व से तने सीने दर्शक दीर्घा में बैठे हरे शख्स के भीतर ऊर्जा का संचार कर रहे थे।
शनिवार को भारतीय सैन्य अकादमी (आइएमए) में अंतिम पग भरते ही 423 नौजवान भारतीय सेना का हिस्सा बन गए। इसके साथ ही 67 विदेशी कैडेट भी पास आउट हुए। भारतीय सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने परेड की सलामी ली। इस मौके पर सेना प्रमुख ने नव सैन्य अधिकारियों से परम्परागत और गैर परम्परागत चुनौतियों के लिए तैयार रहने का आह्वान किया।
शनिवार सुबह 6 बजकर 37 मिनट पर मार्कर्स कॉल के साथ परेड का आगाज हुआ। कंपनी सार्जेट मेजर शशि भूषण उप्रेती, अर्ष दीप सिंह ढिल्लन, विशाल शर्मा, विकास गोयल, देवेंद्र सिंह अधिकारी, मनीष वर्मा, हर्षित बंखवाल व तरुण दयाल ने ड्रिल स्क्वायर पर अपनी-अपनी जगह ली।
एडवास कॉल के साथ ही छाती ताने देश के भावी कर्णधार असीम हिम्मत और हौसले के साथ कदम बढ़ाते परेड के लिए पहुंचे। परेड कमाडर अविनाश क्षेत्री ने ड्रिल स्क्वायर पर जगह ली। कैडेट्स ने शानदार मार्चपास्ट से दर्शक दीर्घा में बैठे हर शख्स को मंत्रमुग्ध किया। इधर, युवा सैन्य अधिकारी अंतिम पग भर रहे थे, तो आसमान से हेलीकाप्टरों के जरिए उन पर पुष्प वर्षा हो रही थी।
सेना प्रमुख ने कैडेट्स को ओवरऑल बेस्ट परफारमेंस व अन्य उत्कृष्ट सम्मान से नवाजा। अविनाश क्षेत्री को स्वार्ड ऑफ ऑनर प्रदान की गई। अविनाश को स्वर्ण पदक भी मिला। रजत पदक विकास सांगवान और कांस्य पदक रोहित जोशी को दिया गया। अक्षय सिंह बिष्ट ने सिल्वर मेडल (टीजी) ने हासिल किया। सर्वश्रेष्ठ विदेशी विलफ्रेड साइप्रियन लयाकुरवा कैडेट चुने गए। चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ बैनर सिंहगढ कंपनी को मिला।
इस दौरान आरट्रैक कमांडर ले जनरल डीआर सोनी, कमाडेंट ले जनरल एसके उपाध्याय, डिप्टी कमान्डेंट मेजर जनरल मनदीप सिंह सहित कई वरिष्ठ सैन्य अधिकारी व सेवानिवृत्त अधिकारी मौजूद रहे।
उन्होंने कहा कि कश्मीर में मिस इंफॉर्मेशन या डिस इंफॉर्मेशन फैलाया जा रहा है। कहा, फ़ौज कश्मीर में अमन और शांति कायम करनी चाहती है। हम किसी से लड़ने नहीं आए हैं। चीन सीमा पर हालात सामान्य हैं। चीन और हम सेना का इस्तेमाल करते हैं। इस दौरान आरट्रैक कमांडर ले जनरल डीआर सोनी, कमाडेंट ले जनरल एसके उपाध्याय, डिप्टी कमान्डेंट मेजर जनरल मनदीप सिंह सहित कई वरिष्ठ सैन्य अधिकारी व सेवानिवृत्त अधिकारी मौजूद रहे। पास आउट होने वाले कैडटों में उत्तर प्रदेश के 74, हरियाणा के 49, उत्तराखंड के 40, राजस्थान के 30, बिहार के 28, महाराष्ट्र के 24, दिल्ली के 23, हिमाचल प्रदेश के 21, केरल के 17, पंजाब के 17, जम्मू एंड कश्मीर के 11, पश्चिमी बंगाल केक 11, कर्नाटक के 11 कैडेट अधिकारी बने। पास आउट होने वाले कैडेटों में अफगानिस्तान के 48, भूटान से 1, फिजी से 3, किर्गिस्तान से 1, लिसोथो 1,पपुआ न्यू गिनी के 1, सूडान 1, ताजिकिस्तान के 3, तंजानिया 2, टोंगा 1 कैडेट शामिल हैं।
पास आउट होने के बाद बोले अवॉर्डी
भारतीय सैन्य अकादमी की पासिंग आउट परेड में तेजपुर असम निवासी अनिवाश क्षेत्री छाए रहे। शनिवार को हुई पीओपी में भारतीय थल सेनाध्यक्ष जनरल बिपिन रावत ने उन्हें सोर्ड ऑफ ऑनर प्रदान की। उन्हें ट्रेनिंग के दौरान उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए गोल्ड मेडल भी प्रदान किया गया। उनके पिता पीबी क्षेत्री सशस्त्र सीमा बल में ज्वाइंट एरिया ऑर्गनाइजर हैं और मां अंजना देवी गृहणी। आरआइएमसी से वर्ष 2013 में पास आउट होने के बाद अविनाश का चयन एनडीए में हुआ। एनडीए में अविनाश को प्रेसीडेंट गोल्ड भी मिला। वह सेना में गर्व और सम्मान के साथ करियर को सबसे महत्वपूर्ण अवसर मानते हैं।
भारतीय सैन्य अकादमी की पासिंग आउट परेड के दौरान ओवरऑल ट्रेनिंग के लिए सिल्वर पदक हासिल करने वाले भिवानी हरियाणा निवासी विकास संगवान के पिता विजय कुमार टेक्सटाइल इंड्रस्ट्री में मैनेजर हैं। उनकी मां अनिल कौर गृहणी है। भारतीय विद्या भवन से शिक्षा प्राप्त करने के बाद विकास का चयन एनडीए में हुआ और शनिवार को वह आइएमए से पास आउट होकर सैन्य अधिकारी बन गए। उन्हें सेना में आने की प्रेरणा पिता से मिली। बचपन से ही कुछ अलग करने की सोच को आगे बढ़ाते हुए उन्होंने सेना को चुना और अफसर बने।
भारतीय सैन्य अकादमी की पासिंग आउट परेड के दौरान ओवरऑल ट्रेनिंग के लिए कांस्य पदक हासिल करने वाले पिथौरागढ के एंचोली गांव निवासी रोहित जोशी की सफलता पर पूरे क्षेत्र को गर्व है। उनके पिता बीडी जोशी सेना में कर्नल और मां डा. मंजू बाला दिल्ली में शिक्षिका हैं। पिथौरागढ़ स्थित एशियन एकेडमी से शिक्षा प्राप्त करने के बाद रोहित का चयन एनडीए में हुआ। आइएमए से पास आउट होने के बाद वह सेना की इंजीनियर कोर में अफसर बने हैं। पिता से प्रेरित होकर वह सैन्य जीवन में नई ऊंचाईयों तक पहुंचना चाहते हैं।
मूलत: रानीपोखरी नागाघेर निवासी अक्षय बिष्ट ने दो साल बाद अपने परिवार की सफलता की कहानी दोहराई। डिफेंस कालोनी निवासी अक्षय बिष्ट के बड़े भाई अंशुमान बिष्ट ने 2015 में टेक्नीकल सिल्वर मेडल हासिल किया था। शनिवार को अक्षय को भी यही पदक मिला तो परिवार की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। वह चौथी पीढ़ी के तौर पर सेना में आए हैं। अक्षय के पिता सीएस बिष्ट सेना के रिटायर कर्नल और मां अनीता बिष्ट गृहणी है। उनके दादा दलीप सिंह बिष्ट भी वायुसेना से सेवानिवृत्त हुए। ब्राइटलैंड स्कूल से शिक्षा प्राप्त करने के बाद अक्षय ने बिट्स पिलाई से इंजीनियरिंग की। नेवी और एमएनसी से जॉब ऑफर होने के बावजूद उन्होंने भारतीय सेना को चुना।