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महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की कंगना मामले में चुप्पी,कोरोना पर भाषण

महाराष्ट्र में 10 लाख से ज्यादा कोरोना केस

कोरोना से गंभीर हो सकते हैं राज्य के हालात, सख्ती के दिए उद्धव ने संकेत

देवभूमि मीडिया ब्यूरो
मुंबई : महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने जहां चुप्पी साधी हुई है वहीं कोरोना पर उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में महाराष्ट्र में स्थिति और गंभीर हो सकती है। उन्होंने यह भी कहा कि उनकी सरकार ने महामारी से निपटने के लिए प्रभावी काम किया है। ठाकरे ने यह बात ऐसे समय पर कही है जब राज्य में हर दिन कोरोना के 20 हजार से अधिक केस सामने आ रहे हैं और संक्रमितों की संख्या शनिवार को 10 लाख से अधिक हो गई। राज्य में 29 हजार से अधिक लोग जान गंवा चुके हैं। वहीं सरकार पर आरोप भी लग रहे हैं कि वह एक तरफ कोरोना पर कुछ नहीं कर पाई है और एक महिला कंगना पर उसने BMC द्वारा उसके कार्यालय पर डोज़र चलवा दिया।  
अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में उद्धव ने कहा ”राज्य सरकार सोशल डिस्टेंशिंग नियमों को सुनिश्चित करने के लिए कुछ कठोर कदम उठा सकती है।” उन्होंने कहा कि राज्य सरकार कोविड-19 रूल्स तोड़ने वालों के खिलाफ फाइन लगा सकती है। ठाकरे ने कहा, ”लोगों को जिम्मेदारी उठानी होगी और सोशल डिस्टेंशिंग नियमों का कड़ाई से पालन करना होगा।”
मुख्यमंत्री ने 15 सितंबर से राज्यभर में शुरू होने जा रहे घर-घर सर्वे का ऐलान करते हुए लोगों से अपील की कि वे इसमें सक्रियता से भाग लें। उन्होंने कहा कि इस अभियान में वरिष्ठ नागरिकों और अन्य बीमारियों से जूझ रहे लोगों की जानकारी भी एकत्रित की जाएगी। उन्होंने कहा कि महीने में दो बार यह सर्वे किया जाएगा।
अपने 40 मिनट के संबोधन के दौरान ठाकरे ने मराठा समुदाय से अपील की कि वे महामारी को देखते हुए कोई धरना, प्रदर्शन ना करें। उन्होंने, ”मैं मराठा समुदाय से अपील करता हूं कि वे कोई प्रदर्शन ना आयोजित करें, क्योंकि राज्य सरकार उनके साथ है और उन्हें आरक्षण उपलब्ध कराने के लिए सभी प्रयास कर रही है। प्रदर्शन तभी न्यायोचित है जब सरकार आपकी मांगों को ना सुन रही हो।”

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