COVID -19UTTARAKHAND
सूरत, अहमदाबाद, पुणे, बैंगलोर से प्रवासियों को ट्रेन से लाएंगेः बगोली
प्रवासियों को लाने के लिए ट्रेन, बस का व्यय उत्तराखंड सरकार द्वारा वहन किया जा रहा
रेलवे के पास 50 लाख रुपये एडवांस जमा भी कर दिए गए हैं
राजस्थान से भी ट्रेन की बात चल रही है, अभी तक आठ ट्रेन का अनुरोध किया हुआ है
देवभूमि मीडिया ब्यूरो
प्रवासी लोगों को उत्तराखण्ड वापस लाने के लिए रेल मंत्री पीयूष गोयल ने दी सहमति
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत के अनुरोध पर दिल्ली में रह रहे प्रवासी लोगों को उत्तराखण्ड वापस लाने के लिए रेल उपलब्ध कराने हेतु रेल मंत्री श्री पीयूष गोयल ने सहमति दी है। मुख्यमंत्री ने इसके लिए रेल मंत्री का आभार व्यक्त किया है। मुख्यमंत्री ने बताया कि उनकी रेल मंत्री श्री पीयूष गोयल से इस संबंध में बात हुई है।
उन्होंने रेल मंत्री से अनुरोध किया कि दिल्ली में 40 हजार के करीब उत्तराखण्ड के प्रवासी उत्तराखण्ड वापस आना चाहते हैं। रेल मंत्री नेे विशेष अनुरोध को स्वीकर करते हुए कहा कि राज्य सरकार अपना प्लान बनाकर दे, तद्नुसार रेल उपलब्ध करवा दी जाएगी। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत द्वारा दो स्थान पर रेल रोके जाने के अनुरोध को भी रेल मंत्री ने स्वीकार किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजीकरण कराने वाले प्रवासियों को लाने के लिए राज्य सरकार मेडिकल नार्म का पालन सुनिश्चित करते हुए हर सम्भव प्रयास कर रही है। प्रवासियों को रेल व बस से लाने पर होने वाले व्यय का भार, राज्य सरकार वहन कर रही है।
देहरादून। अभी तक देशभर में फंसे 23794 प्रवासियों को उत्तराखंड लाया जा चुका है। सचिव शैलेश बगोली ने बताया कि सूरत, अहमदाबाद, पुणे, बैंगलोर आदि स्थानों से प्रवासियों को लाने के लिए ट्रेन की बात हुई है। राजस्थान से भी ट्रेन की बात चल रही है। प्रवासियों को लाने के लिए ट्रेन, बस का व्यय उत्तराखंड सरकार वहन कर रही है। रेलवे के पास उत्तराखंड सरकार ने 50 लाख रुपये एडवांस जमा भी कर दिए गए हैं।
शनिवार को मीडिया सेंटर, सचिवालय में प्रेस ब्रीफिंग में सचिव शैलेश बगोली ने बताया कि शुक्रवार शाम तक हरियाणा से 11482, चंडीगढ़ से 4838, उत्तर प्रदेश से 3526, राजस्थान से 2409, दिल्ली से 482, पंजाब से 327, गुजरात से 319 और अन्य राज्यों से 411 लोगों का लाया गया है।
अभी तक अन्य राज्यों से उत्तराखंड आने के लिए 1,79,615 लोगों ने ऑनलाइन पंजीकरण कराया है। उत्तराखंड के एक जनपद से दूसरे जनपद में जाने वालों की कुल संख्या 34,886 है। उत्तराखंड से अन्य राज्यों को जाने के लिए 21,717 लोगों ने ऑनलाइन पंजीकरण कराया है। इनमें से 6,378 लोगों को भेजा जा चुका है।
बगोली ने बताया कि बाहर से प्रवासियों को लाने की प्रक्रिया नियोजित तरीके से होती है। इसमें जिलों में एक दिन में कितने लोगों की व्यवस्था हो सकती है, उसके आधार पर टाइमटेबल बनाया जाता है। उसी आधार पर लोगों को लाया जा सकता है। जिन लोगों ने भी आने के लिए पंजीकरण कराया है, उन सभी को लाने के लिए राज्य सरकार व्यवस्थाएं कर रही हैं, लेकिन इसमें मेडिकल जांच, सोशल डिस्टेंसिंग, क्वारान्टाइन सहित तमाम तरह की सावधानियां भी बरतनी हैं।
उन्होंने बताया कि सूरत, अहमदाबाद, पुणे, बैंगलोर आदि स्थानों से प्रवासियों को लाने के लिए ट्रेन के लिए भी बात हुई है। राजस्थान से भी ट्रेन की बात चल रही है। अभी तक आठ ट्रेन का अनुरोध किया हुआ है। इसका प्लान किया जा रहा है। कुछ मीडिया में एक निश्चित दिनांक को ट्रेन चलने की खबर के बारे में पूछे जाने पर बगोली ने बताया कि यह समाचार सही नहीं है। अभी कोई तिथि तय नहीं हुई है।
जल्द ही रेल मंत्रालय और संबंधित राज्य सरकार से समन्वय कर ट्रेन से प्रवासियों को लाने का भी टाइमटेबल बना दिया जाएगा। जैसे ही तिथि तय हो जाएगी, संबंधित प्रवासियों को एसएमएस के माध्यम से सूचित कर दिया जाएगा।
उधर, एनएचएम के निदेशक युगल किशोर पंत ने बताया कि कोविड-19 के संबंध में आज 221 सेम्पल की रिपोर्ट आई है, इनमें से 04 पॉजिटिव केस हैं। ये चारों लोग ऊधम सिंह नगर की सीमा पर पुलिस ने पकड़े थे। पकड़ते ही उन्हें संस्थागत क्वारान्टाइन रखा गया था। इनमें दो महाराष्ट्र, एक गुजरात व एक हरियाणा से आ रहे थे।