Uttarakhand

कोटद्वार-श्रीनगर रोड को ऑल वेदर रोड से जोड़ा जाएगा

पर्यटन की वेबसाईट में कण्व आश्रम को भी दर्शाया जाएगा

नयी दिल्ली । उत्तराखण्ड के वन एवं वन्य जीव, पर्यावरण एवं ठोस अपशिष्ट निवारण, श्रम, सेवायोजन, प्रशिक्षण, आयुष एवं आयुष शिक्षा मंत्री डा$ हरक सिंह रावत ने केन्द्रीय सडक़ परिवहन एवं राजमार्ग जहाजरानी मंत्री नितिन जयराम गडकरी से भेंट कर राज्यहित से सम्बंधित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा कर उन पर शीइा्र कार्यवाही करने का अनुरोध किया

वन मंत्री उत्तराखण्ड ने केन्द्रीय मंत्री को बताया कि मेरठ-पौड़ी राष्ट्रीय राजमार्ग गढ़वाल मण्डल का महत्वपूर्ण राजमार्ग है, यह राजमार्ग मेरठ से कोटद्वार तक मैदानी क्षेत्र के 135 किमी लम्बा है, किन्तु यह राजमार्ग सिर्फ 2 लेन का है। उनका कहना था कि यदि मेरठ से कोटद्वार 4 लेन एक्सप्रेस-वे बन जाए तो गढ़वाल मण्डल में व्यापारिक गतिविधियों को बल मिलेगा।

इस सम्बन्ध में केन्द्रीय मंत्री ने मेरठ से कोटद्वार तक फोर लेन बनाने के प्रस्ताव को सहमति प्रदान करते हुये तत्काल डीपीआर बना कर शीघ्र  कार्यवाही प्रारभ करने के निर्देश दिये केन्द्रीय मंत्री श्री गडकरी ने कण्डी मार्ग (गैण्डीखाता-लालढांम-चिल्लरखाल-कलालघाटी-पाखरौ-कालागढ़-रामनगर) मार्ग को राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित किये जाने के निर्देश दिये है।

उत्तराखण्ड के मंत्री डा. रावत के अनुरोध पर केन्द्रीय मंत्री ने कोटद्वार से श्रीनगर के मार्ग को ऑल-वेदर-रोड़ से जोडऩे के लिये मंत्रालय के अधिकारियों को निर्देश दिये। रावत द्वारा केन्द्रीय मंत्री से कोटद्वार में अन्र्तराष्ट्रीय बस अड्डा बनाने के अनुरोध पर केन्द्रीय मंत्री ने राज्य सरकार द्वारा भूमि उपलब्ध कराने पर अन्र्तराष्ट्रीय बस अड्डे के लिए हर सम्भव केन्द्रीय सहायता देने का आश्वासन दिया।

वहीँ बूधवार को नई दिल्ली में उत्तराखण्ड के वन एवं वन्य जीव, पर्यावरण एवं ठोस अपशिष्ट निवारण, श्रम, सेवायोजन, प्रशिक्षण, आयुष एवं आयुष शिक्षा मंत्री डा. हरक सिंह रावत ने केन्द्रीय पर्यटन मंत्री डा.महेश शर्मा से भी  मुलाकात की। 

उन्होनें जनपद पौडी के कोटद्वार के निकट कण्व-आश्रम का ऐतिहासिक महत्व बताते हुये कहा कि कण्व-आश्रम राजा भरत की जन्मस्थली है, जिनके नाम से हमारे देश का नाम भारत वर्ष पड़ा है। वन मंत्री ने कहा कि यह ऐतिहासिक स्थल आज भी वीरान पड़ा है, जबकि यहाँ मालिनी नदी के तट पर घने वृक्षों के बीच यह सुन्दर एवं रमणीक स्थल है। इसको पर्यटन स्थल के रूप में विकास किया जाना अत्यन्त आवश्यक है।

उन्होनें कण्व आश्रम को ऐतिहासिक महत्व के पर्यटन स्थल के रूप में विकास के लिए समुचित धनराशि अवमुक्त करने का अनुरोध किया। इसके अतिरिक्त डा. रावत ने केन्द्रीय पर्यटन मंत्रालय की वेेबसाईट एवं पर्यटन के फोल्डर में कण्व आश्रम को दर्शाये जाने का अनुरोध किया। इस सम्बन्ध में केन्द्रीय पर्यटन मंत्री डा. महेश शर्मा ने सहमति व्यक्त करते हुये पर्यटन मंत्रालय के अधिकारी को निर्देशित किया।

इसके अलावा उत्तराखण्ड के वन मंत्री डा. हरक सिंह रावत ने बताया कि उत्तराखण्ड सरकार ने कार्बेट नेशनल पार्क का द्वार रामनगर के अतिरिक्त कोटद्वार से भी खोलने का निर्णय लिया है, क्योंकि कोटद्वार से दिल्ली सिर्फ 220 किमी है, जबकि रामनगर 245 किमी है। उन्होंने कहा कि इस प्रवेश द्वार के खुलने से पर्यटकों के समय एवं संसाधनों की बचत के साथ ही पर्यटकों बेहत्तर सुविधाऐं प्रान्त होगी। उन्होंनें केन्द्रीय पर्यटन मंत्रालय के पर्यटन मानचित्र में कोटद्वार को भी दर्शाने का अनुरोध किया। केन्द्रीय पर्यटन मंत्री डा. महेश शर्मा ने कहा कि उत्तराखण्ड राज्य से जुड़े पर्यटन के सभी मुद्दों पर केन्द्र सरकार हर संभव सहयोग देगी।

devbhoomimedia

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