Uttarakhand

जानिए मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र रावत ने दीक्षांत समारोह में गाउन पहनने से क्यों किया इंकार

यूनिवर्सिटी ऑफ पेट्रोलियम एंड एनर्जी स्टडीज का 15 वें दीक्षांत समारोह

नेहा मेहरा समेत छह को मिला गोल्‍ड मेडल

सुधारात्मक नवोन्मेषण ही विकास के दीर्घकालिक चालक : राज्यपाल 

नई पीढ़ी विकास में भागीदार बनेः मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत 

देहरादून : आखिर मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने यूनिवर्सिटी ऑफ पेट्रोलियम एंड एनर्जी स्टडीज के 15 वें दीक्षांत समारोह में अमूमन दीक्षांत समारोहों के अवसर पर पहनाये जाने वाले गाउन को पहनने से क्यों किया इनकार, इसके पीछे उनकी जो भावना है उसकी  बुद्धिजीवियों ने भी सराहना की है। मुख्यमंत्री रावत ने मुख्यमंत्री ने सुझाव दिया कि दीक्षांत समारोहों के अवसर पर पहने जाने के लिए ऐसा परिधान विकसित किया जाए जिसमें भारतीयता की झलक मिले। उन्होंने फिर खुद ही साफ किया कि यह गाउन फिरंगियों की पोशाक है, इसलिए नहीं पहनेंगे।

अपने संबोधन में उन्होंने गाउन पर सवाल उठा दिए। उन्होंने कहा कि जो गाउन दीक्षांत समारोह में पहने जा रहे हैं, वह फिरंगियों की पोशाक हैं। कब तक हम यह फिरंगियों की पोशाक पहनकर चलते रहेंगे। क्या हमारे देश में अपनी कोई पोशाक नहीं हो सकती। उन्होंने यूपीईएस से दीक्षांत समारोह के लिए भारतीय परिधान तैयार करने का आह्वान किया।

गौरतलब हो कि दीक्षांत समारोह में गाउन की परिकल्पना 12वीं, 13वीं शताब्दी की मानी जाती है। इसकी शुरुआत यूरोप से मानी जाती है। इसके बाद गाउन ने 16वीं शताब्दी में वर्तमान पोशाक का रूप अमेरिका के विश्वविद्यालयों में लिया।

वर्ष 1773 में अमेरिका की प्रिंसटन यूनिवर्सिटी और 1919 में रजर्स यूनिवर्सिटी में दीक्षांत समारोह में गाउन व कैप पहनी गई। इस दौरान भारत में भी दीक्षांत समारोह में धीरे-धीरे गाउन और कैप अपनी पैठ बनाते चले गए। तब से लेकर आज तक दीक्षांत समारोह में यह परंपरा बन गई है।

श्रीदेव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय का 17 जून को पहला दीक्षांत समारोह है। समारोह में विवि प्रशासन ने तय किया है कि वह छात्रों को गाउन के साथ ही पहाड़ की पहचान मफलर और टोपी भी देंगे।
विवि के कुलपति डा. उदय सिंह रावत ने बताया कि इसकी तैयारी पहले से ही की जा चुकी है। जो भी छात्र दीक्षांत समारोह में डिग्री लेंगे, उन्हें मफलर और टोपी पहनाई जाएगी।

सीएम ने कहा कि यह परिधान भविष्य में पूरे प्रदेश के विश्वविद्यालयों के दीक्षांत समारोह के लिए सरकार लागू करेगी। इसके बाद यह देशभर में लागू करने को केंद्र सरकार से बात भी की जाएगी। गाउन के बारे में सीएम की बात सुनकर सभी चुप रह गए, लेकिन सामने बैठे छात्र-छात्राओं ने सीएम के इस फैसले पर जमकर तालियां बजाईं। इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि हमें अपने पूर्वजों, प्राचीन ज्ञान, संस्कृति पर गर्व करना चाहिए। हमें अपनी जड़ों पर विचार करना चाहिए।

मुख्यमंत्री रावत ने छात्र-छात्राओं को बधाई देते हुए कहा कि हमारी युवा पीढ़ी सशक्त भारत का आधार है। हमारे यहां उच्च शिक्षा में नामांकन की दर 25.53 प्रतिशत है जबकि अमेरिका में यह दर 39 प्रतिशत है। भारत के संदर्भ में इसे बढ़ाए जाने की जरूरत है। नई पीढ़ी भारत के विकास में भागीदार बने। हनुमान जी का उदाहरण देते हुए कहा कि हनुमानजी कहते थे कि प्रभु राम का काम किए बिना विश्राम नही कर सकते। यही भावना हमें राष्ट्र के काम के लिए रखनी चाहिए। यूथ हमारी ताकत हैं।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि भारत, सर्वाधिक युवा आबादी वाला देश है। पूरी दुनियां में स्किल्ड मेनपावर की भारी मांग है। हमारे युवाओं को इन अवसरों का लाभ उठाना चाहिए।

उन्होंने कहा प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत सरकार द्वारा स्किल डेवलपमेंट, रोजगार सृजन, रिसर्च डेवलपमेंट के लिए प्रभावी पहल की गई हैं।

केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) से संबद्ध विद्यालयों में मनमाना शुल्क वसूलने समेत दूसरी शिकायतों की पड़ताल के लिए मॉनिटरिंग एजेंसी गठित की जाएगी। यह एजेंसी सभी पहलुओं का अध्ययन कर नई गाइडलाइन तैयार करेगी।
सोमवार को देहरादून में यूनिवर्सिटी आफ पेट्रोलियम एंड इनर्जी स्टडीज के दीक्षांत समारोह के बाद पत्रकारों से बातचीत में जावड़ेकर ने कहा कि सीबीएसई 27 तरह की परीक्षाओं के संचालन से लेकर कई नए पाठ्यक्रम बखूबी चला रहा है। इसके बावजूद बोर्ड से संबद्ध कुछ निजी शिक्षण संस्थान शुल्क आदि के मानकों को गंभीरता से नहीं ले रहे।
इनमें प्रबंधन की मनमानी और विद्यार्थियों से तय मानक से अधिक शुल्क वसूलने जैसे मामले प्रकाश में आ रहे हैं। इस पर अंकुश लगाने के लिए मॉनीटरिंग एजेंसी गठित की जा रही है।एक अन्य प्रश्न पर उन्होंने कहा कि निजी स्कूलों में शिक्षा के नाम पर हो रही लूटखसोट किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
मंत्रालय को भी शिकायतें मिली हैं, जिनके समाधान को कदम उठाए जा रहे हैं। बता दें कि बोर्ड से संबद्ध कुछ निजी स्कूलों में न सिर्फ मनमाना शुल्क बल्कि पाठ्य सामग्री, रिएडमिशन फीस, बिल्डिंग फंड के साथ ही ड्रेस तक स्कूल से खरीदने की अनिवार्यता है।
ऐसे में आर्थिक रूप से कमजोर अभिभावकों पर बोझ पड़ रहा है। हालांकि, इसे लेकर कई मर्तबा अभिभावक आवाज बुलंद भी कर चुके हैं, प्रबंधन के रसूख और स्कूलों से बच्चों को बेदखल करने के भय से वे पीछे हट जाते हैं।
पीएम का ड्रीम प्रोजेक्ट
जावड़ेकर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सपने के अनुरूप देश को वर्ष 2030 तक साइंस एंड टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में विश्व की तीसरी बड़ी ताकत बनाने की दिशा में ठोस प्रयास जारी हैं। मंत्रालय ने 58 देशों की 600 से ज्यादा फैकल्टी को भारत में आमंत्रित कर शिक्षा के ग्लोबल रिफार्म पर चर्चा की है। उन्होंने कहा कि गैर पारंपरिक ऊर्जा के क्षेत्र में भी देश तेजी से तरक्की कर रहा है, जो भविष्य में ऊर्जा जरूरतों का बड़ा आधार बनेगा।

कार्यक्रम को राज्य के राज्यपाल डॉ. कृष्णकांत पाल ने उत्तराखण्ड के राज्यपाल डॉ.कृष्ण कांत पाल ने कहा कि एक राष्ट्र की प्रगति सही मायने में आर्थिक आवश्यकताओं का विकास, प्रकृति व पर्यावरण के बीच संतुलन बनाकर की जा सकती है। सुधारात्मक नवोन्मेषण ही विकास के दीर्घकालिक चालक हैं। हमें कोई भी विकास पर्यावरण की कीमत चुका कर नहीं करना चाहिए।
राज्यपाल ने आज पैट्रोलियम और ऊर्जा शिक्षा विश्वविद्यालय, देहरादून के दीक्षांत समारोह को सम्बोधित करते हुए कहा कि तेजी से औद्योगिकरण और विभिन्न क्षेत्रों में यांत्रिकरण के साथ ही कार्बन उत्सर्जन की मात्रा की जांच करना भी अनिवार्य होना चाहिए। उन्होंने आर्थिक जरूरतों, पर्यावरण, वैश्विक जलवायु परिवर्तन की बढ़ती समस्या का आदर्श तकनीकी समाधान खोजना चाहिए।

इस अवसर पर केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री श्री प्रकाश जावड़ेकर ने भी सम्बोधित किया।

वहीँ यूनिवर्सिटी आफ पेट्रोलियम एंड इनर्जी स्टडीज के 15वें दीक्षांत समारोह में नेहा मेहरा समेत छह छात्रों को स्‍वर्ण पदक मिला, जबकि 59 छात्रों को रजत पदक दिया गया।

यूनिवर्सिटी आफ पेट्रोलियम एंड इनर्जी स्टडीज का 15वें दीक्षांत समारोह का आयोजन किया गया। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जागड़ेकर ने छात्र-छात्राओं को उपाधि प्रदान की। इस दौरान राज्‍यपाल केके पॉल और मुख्‍यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत आदि लोग मौजूद रहे ।
स्‍वर्ण पदक विजेता
1 नेहा मेहरा
2 अश्विन जी
3 मोहित अग्रवाल
4 प्रशंशा रस्‍तोगी
5 साइना कोहली
6 श्‍वेता सिंह

इस अवसर पर राज्य के उच्च शिक्षा मंत्री डॉ.धनसिंह रावत, यूनिवर्सिटी के चांसलर डॉ.एस.जे. चोपड़ा, कुलपति डॉ.श्रीहरि होवाड़, अध्यक्ष श्री उत्पल घोष सहित अन्य गणमान्य उपस्थित थे।

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