Uttarakhand

केदारनाथ के खुले कपाट, श्रद्धालुओं की भीड़ अपार

  • -बाबा केदार शीतकालीन गद्दी छोड़ चल पड़े हिमालय धाम
  • -ग्रीष्मकाल के छः माह केदारधाम में रहेंगे भोलेनाथ 
  • -10 जैकलाई की बैंड धुनों ने मोहा श्रद्धालुओं का मन 
  • – प्रथम रात्रि प्रवास फाटा से निकली  उत्सव डोली 
  • – आज रात्रि विश्राम के लिए गौरीकुंड पहुंचेगी उत्सव डोली
 देवभूमि मीडिया ब्यूरो 
भगवान आशुतोष के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक केदारनाथ धाम के कपाट रविवार को सुबह 6.15 बजे विधि-विधान के साथ श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए  गए । इस मौके का साक्षी बनने के लिए पांच हजार से ज्यादा श्रद्धालु इस मौके पर उपस्थित रहे। हालाँकि बीती शाम से ही डोली पहुंचने के बाद धाम में रिमझिम बारिश शुरू हो गयी थी। जबकि चोटियों में हिमपात भी हुआ है । इसके बाद केदारघाटी में ठण्ड भी बढ़ी है लेकिन श्रद्धालुओं की श्रद्धा में कही कोई कमी नज़र नहीं आयी। 

गर्भ गृह के कपाट 6 बजकर 15 मिनट पर खुले। केदारनाथ रावल के नेतृत्व में पुरोहितों ने गर्भ गृह में प्रवेश किया। अंदर साफ-सफाई की गई। साफ-सफाई के बाद भगवान शिव का जलाभिषेक किया गया। इससे पूर्व तड़के चार बजे से पूजन शुरू हो गया था। इस शुभ घड़ी का गवाह बनने के लिए हजारों श्रद्धालु धाम पहुंचे हैं। कपाटोद्घाटन के समय बाएं पट से उत्तराखंड के राज्यपाल केके पॉल और विधानसभा अध्यक्ष प्रेम चंद अग्रवाल ने सबसे पहले दर्शन किए। इसके बाद आम श्रद्धालुओं के लिए कपाट खुल गए। पहले ही दिन श्रद्धालुओं की संख्या ने रिकार्ड तोड़ा है। केदारनाथ आपदा के बाद पांच हजार से ज्यादा श्रद्धालु कपाट खुलने के अवसर के साक्षी बने हैं। तड़के से ही केदारनाथ धाम में बम-बम भोले और बाबा केदार के जयकारे गूंज रहे हैं।

रविवार को तड़के चार बजे मंदिर के कपाट खुलने की प्रक्रिया शुरू हुई। सबसे पहले बाबा केदार की चल विग्रह उत्सव डोली को मंदिर में प्रवेश कराया गया। इसके बाद रावल और पुजारियों ने मंदिर भीतर गए और धार्मिक अनुष्ठान शुरू किया। गर्भगृह में विधिवत पूजा-अर्चना शुरू हुई। रुद्राभिषेक, जलाभिषेक समेत सभी धार्मिक अनुष्ठान विविधत संपन्न कराने के बाद ठीक सवा छह बजे मंदिर के कपाट भक्तों के दर्शनार्थ खोल दिए गए। रुद्रप्रयाग के डीएम मंगेश घिल्डियाल ने बताया कि केदारनाथ मंदिर पूरी तरह से श्रद्धालुओं के लिए तैयार है। केदारनाथ में ठहरने और सुरक्षा के मद्देनजर पुख्ता इंतजाम हैं। श्रद्धालु बेफिक्र यात्रा होकर भगवान केदारनाथ के दर्शन करने आएं। 

श्री बद्रीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति  के आंकड़ों के मुताबिक, वर्ष 2017 में 4.09 लाख भक्तों ने गंगोत्री, 3.92 लाख ने यमुनोत्री और 4.71 लाख ने केदारनाथ और 8.85 लाख ने बदरीनाथ धाम के दर्शन किए। उत्तराखंड सरकार उम्मीद है कि इस बार श्रद्धालुओं का यह आंकड़ा 30 लाख तक पहुंच सकता है। जून 2013 की आपदा के बाद यात्रियों की संख्या का रिकार्ड इस बार टूटने की उम्मीद है।

पूजा-अर्चना के बाद राज्यपाल केके पाॅल ने जनसमुदाय कों संबोधित करते हुए कहा कि यह मेरा परम सौभाग्य है जो मुझे इस वर्ष कपाट खुलने के अवसर पर पूजा-अर्चना का सौभाग्य प्राप्त हुआ। उन्होंने कहा कि देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रयासों व प्रदेश सरकार की पहल पर केदारपुरी में पुर्ननिर्माण कार्य युद्वस्तर पर जारी हैं।

विधान सभा अध्यक्ष प्रेम चन्द्र अग्रवाल ने कहा कि केदारनाथ में जो पुर्ननिर्माण कार्य कियें गये है वह सराहनीय हैं। पूर्व मुख्यमंत्री व हरिद्वार सांसद डाॅ रमेश पोखरियाल ने कहा कि केदारपुरी में जो निर्माण कार्य अभी पूरे होने है उनको पूर्ण करने के लिए प्रदेश व केन्द्र सरकार से वार्ता की जायेगी।

इस मौके पर मंदिर समिति अध्यक्ष गणेश गोदियाल, विधायक मनोज रावत, मन्दिर समिति सदस्य श्री निवास पोस्ती, शिव सिंह रावत, केदारनाथ नगर पंचायत अध्यक्ष देव प्रकाश सेमवाल, प्रधान पुजारी टी गंगाधर लिंग, गढवाल आयुक्त दिलीप जावलकर, जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल, एस पी प्रहलाद सिंह मीणा, मुख्य कार्यधिकारी बीडी सिंह, कार्याधिकारी एनपी जमलोकी, सीओ अभय प्रताप सिंह चौकी प्रभारी विपिन चन्द्र पाठक, केदार सभा अध्यक्ष विनोद शुक्ला, उमेश चन्द्र पोस्ती, भाजपा जिला महा मंत्री अनुप सेमवाल, देवानन्द गैरोला, केके विष्ट, जीतपाल सिंह बुटोला, गिरीश देवली, राजकुमार नौटियाल, यदुबीर सिंह  पुष्वान, पुष्कर सिंह रावत, खुशहाल सिंह  नेगी, अनिल जिरवाण, गिरीश तिवारी, प्रेम सिंह  नेगी, सहित हजारों श्रद्धालु अधिकारी व कर्मचारी मौजूद थे।

जयकारों के साथ केदारनाथ धाम पहुंची पंचमुखी विग्रह डोली

केदारनाथ : गगनभेदी जयकारों के साथ बाबा केदार की उत्सव डोली के तीन बजे लगभग केदारनाथ धाम पहुंचते केदारपुरी में चारों ओर बम-बम भोले हर-हर बम बम के स्वरों से गूंजने लगी। बाबा के जयघोषों के बीच केदारपूरी का माहौल भक्ति भावना से सराबोर हो गया। शनिवार सुबह ही बाबा की पंचमुखी विग्रह डोली गौरीकुंड से डोली केदारनाथ के लिए रवाना हुई थी। केदारनाथ में भक्तों ने फूल मालाओं से बाबा केदार का भव्य स्वागत किया। 

बीते गुरुवार सुबह ओंकारेश्वर मंदिर परिसर ऊखीमठ से डोली केदारनाथ धाम के लिए रवाना हुई थी। यहां से पहले दिन डोली डोली फाटा पहुंची थी । जहां से अगले दिन शुक्रवार को डोली सोनप्रयाग होते हुए गौरीकुंड पहुंची थी। गौरीकुंड से शनिवार सुबह उत्सव डोली केदारनाथ धाम के लिए रवाना हुई। दोपहर तीन बजे केदारनाथ पहुंचते ही चारों तरफ जयकारे गूंज उठे। इस दौरान बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने केदारनाथ की डोली के दर्शन किए। कल यानी 29 अप्रैल को विधिविधान से केदारनाथ धाम के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए जाएंगे।

मुख्यमंत्री ने केदारनाथ कपाट खुलने श्रद्धालुओं एवं प्रदेश वासियों को दी शुभकामनायें 
देहरादून  : श्री केदारनाथ मंदिर के कपाट इस वर्ष रविवार, 29 अप्रैल, 2018 को  सभी दर्शनार्थियों के लिये खुल जायेंगे। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने श्री केदारनाथ धाम के कपाट खुलने के अवसर पर सभी श्रद्धालुओं एवं प्रदेश वासियों को शुभकामनाये दी है।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि इस वर्ष भगवान केदारनाथ के दर्शनो के लिये आने वाले तीर्थयात्रियों एवं श्रद्धालुओं की सुविधा के लिये राज्य सरकार द्वारा सभी आवश्यक व्यवस्थायें सुनिश्चित की गई हैं। गौरीकुण्ड से केदारनाथ तक पैदल यात्रा मार्ग पर सड़क, बिजली, पानी, स्वास्थ्य व सुरक्षा आदि के सभी प्रबन्ध किये गये हैं। इस मार्ग पर प्रत्येक की.मी. पर डाॅक्टरों की उपलब्धता सुनिश्चित की गई है। केदारनाथ में भी यात्रियों के ठहरने की भी उचित व्यवस्था है।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने देश-विदेश से चारधाम यात्रा पर आने वाले सभी श्रद्वालुओं का देवभूमि उत्तराखण्ड में स्वागत करते हुए कहा कि देश व दुनिया में सुरक्षित व सुगम चारधाम यात्रा का संदेश पहुंचाना भी हमारा मकसद है।
उन्होंने कहा कि केदारनाथ में व्यापक स्तर पर किये गये सुनियोजित पुनर्निमाण कार्यों से केदारपुरी का आकर्षक भव्य स्वरूप नजर आयेगा। पहली बार केदारनाथ में आयोजित हो रहे आदि अनन्त शिव लेजर शो का आयोजन भी आकर्षण का केन्द्र होगा। इस लेजर शो के माध्यम से भगवान शिव के विभिन्न स्वरूपों का सजीव चित्रण प्रस्तुत किया जायेगा। यह आयोजन कपाट खुलने की तिथि से 4 मई तक रोजाना आयोजित होगा।  मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने चारधाम यात्रा में आने वाले श्रद्धालुओं की सफल यात्रा की मंगल कामना करते हुये कहा कि यात्रियों की सुख-सुविधा एवं सुरक्षा का पूरा ध्यान रखा गया है।
 
आज सायं केदारनाथ पहुंचेगी बाबा की उत्सव डोली

गौरीकुंड :   केदार बाबा की उत्सव डोली अपने प्रथम पड़ाव से फाटा से शुक्रवार सुबह रवाना होने के बाद देर शाम को गौरीकुंड पहुंच गई है। जहाँ से शनिवार को भगवान की उत्सव डोली केदारनाथ पहुंचेगी, रविवार को प्रातः सवा छह बजे बाबा केदारनाथ के कपाट आम श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए जाएंगे।

भगवान केदार की पंचमुखी उत्सव डोली ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ से रवाना होकर रात्रि विश्राम के लिए फाटा पहुंची थी। शुक्रवार को सुबह आठ बजे फाटा में पुजारियों द्वारा बाबा केदार की विशेष पूजा अर्चना कर भोग लगाया गया। जिसके बाद ही यहां के स्थानीय भक्तों ने बाबा केदार के दर्शन कर आशीर्वाद लिया। बाबा केदार की डोली अपने दूसरे पड़ाव स्थल के लिए रवाना होते समय भक्तों के जयकारों से क्षेत्र का पूरा वातावरण शिवमय हो गया। बाबा केदार की डोली का बडासू, शेरसी, रामपुर, सीतापुर, सोनप्रयाग के साथ ही गौरीकुंड में भक्तों ने पुष्प एवं अक्षतों से अभिनंदन व स्वागत किया। 

लेज़र शो से निखरा केदार विहंगम हुए बाबा के दीदार !
केदारनाथ : केदारनाथ में हो रहे लेज़र शो को लेकर भले ही राजनीतिक दलों में इस शो को लेकर सही -गलत पर बयानबाज़ियों का दौर चल रहा हो लेकिन बाबा के मंदिर का स्वरूप लेज़र शो से निखर कर आ रहा है अद्वितीय और अकल्पनीय और अलौकिक नज़र आ रहा है। यह लेज़र शो भक्तों को जहाँ अपनी तरफ आकर्षित कर रहा है वहीँ बाबा के मंदिर की छटा को सतरंगी प्रकाश की किरणों नहा रहा है। लेज़र शो के  इस कार्यक्रम में विशेषज्ञों द्वारा करीब आधा घंटे के लेजर शो के जरिए भारत के अन्य प्रदेशों के साथ-साथ दुनिया को एक संदेश देना है कि केदारनाथ एक अटूट आस्था के केंद्र है। वहीँ केदारनाथ पुनर्निर्माण कार्यों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रुचि को देखते हुए राज्य सरकार ने इस वर्ष केदारनाथ यात्रा का आगाज एक भव्य लाइट, साउंड और संगीत के कार्यक्रम का मन बनाया है।
रुद्रप्रयाग । पंचकेदार गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर से बाबा केदार की पंचमुखी चल विग्रह उत्सव डोली अपने ग्रीष्मकालीन पड़ाव केदारनाथ के लिए रवाना हुई। ऊखीमठ में मंत्रोच्चारण, 10 जैकलाई रेजीमेंट एवं स्थानीय वाद्य यंत्रों की मधुर धुनों के बीच बाबा केदार की पंचमुखी चल विग्रह उत्सव मुर्तियां गर्भ गृह से बाहर लाई गयी, जहां आचार्यो, पुजारियों, वेदपाठियों एवं हक-हकूकधारियों ने मंत्रोच्चारण के साथ मूर्तियों की विशेष पूजा-अर्चना कर डोली में विराजमान किया। डोली को फूल-मालाओं से सुसज्जित किया गया। डोली के अपने ग्रीष्मकालीन पड़ाव जाते समय भावुक क्षण भी देखने को मिले, जबकि कई श्रद्धालु बाबा केदार की भक्ति में लीन होकर आर्मी की बैण्ड धुनों पर थिरकने लगे और महिला श्रद्धालु बाबा केदार के भजनों में मद-मस्त रही। 
बृहस्पतिवार की सुबह ठीक साढ़े नौ बजे भगवान केदारनाथ की पंचमुखी चल विग्रह उत्सव डोलीे केदारपुरी के लिए रवाना हुई। जैसे ही बाबा की डोली को उठाया गया, वैसे ही भोलेनाथ के जयकारों और कीर्तन-भजनों से मन्दिर परिसर गुंजायमान हो उठा। ऐसा प्रतीत हो रहा था कि सम्पूर्ण देव लोक  इसी भू-भाग पर उतर आया है। भगवान केदार बाबा के साक्षात दर्शन के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालुओ ंका हुजूम उमड पड़ा। बाबा केदार की पंचमुखी चल विग्रह उत्सव डोली जैबरी, विद्यापीठ, गुप्तकाशी, नाला, नारायकोटी, कोरखी, मैखण्डा सहित विभिन्न यात्रा पड़ावों पर श्रद्धालुओ को आशीष देते हुए प्रथम रात्रि प्रवास के लिए फाटा पहुँची।
उत्सव डोली के साथ चल रहे कई श्रद्धालुओं द्वारा भक्तों को मिष्ठान वितरण किया गया। भगवान केदारनाथ की पंचमुखी चल विग्रह उत्सव डोली के अपने शीतकालीन गद्दी स्थल ओंकारेश्वर  मंदिर से रवाना होने से पूर्व राॅवल भीमाशंकर लिंग ने केदारनाथ के प्रधान पुजारी टी गंगाधर लिंग को पगड़ी एवं टोपी पहनाकर छः माह केदारनाथ धाम में विधिवत पूजा-अर्चना का संकल्प दिया। राॅवल द्वारा प्रधान पुजारी को दिये गये संकल्प के अनुसार केदारनाथ के प्रधान पुजारी को छः माह केदारपुरी में ही प्रवास करेंगे। साथ ही प्रधान पुजारी को नदी, नालों एवं पर्वतों की सीमा पार करना भी वंचित माना जाता है। इससे पूर्व बुधवार को देर सांय केदारपुरी के क्षेत्र रक्षक भैरवनाथ की पूजा अर्चना विधि-विधान से की गई।
इस मौके पर केदारनाथ विधायक मनोज रावत, क्षेत्र पंचायत प्रमुख शन्तलाल शाह, जिला पंचायत सदस्य संगीता नेगी, नगर पंचायत अध्यक्ष रीता पुष्पवान, बद्री केदार मन्दिर समिति सदस्य श्रीनिवास पोस्ती, शिव सिह रावत, प्रदीप बगवाडी़, कार्याधिकारी एनपी जमलोकी, गिरीश देवली, प्रशासनिक अधिकारी राजकुमार नौटियाल, उदित घिल्डियाल, वचन सिंह रावत, लेखाकार आरसी तिवारी, हरीश गौड़, देवानन्द गैरोला, आचार्य हर्ष जमलोकी, विश्वमोहन जमलोकी, बलवन्त सिंह रावत, रणजीत रावत, रेखा रावत, यशोधर मैठाणी, नवीन मैठाणी, राजशेखर लिंग, बागेंश लिंग, सरस्वती धिरवाण, प्रमोद नेगी, राजकुमार तिवाडी, कर्मवीर बर्त्वाल , लक्ष्मी प्रसाद भट्ट, अरूणा नौटियाल, विजया नेगी सहित देश विदेश के श्रद्धालु मौजूद थे। 
आर्मी की बैंड धुनों में जमकर नाचे श्रद्धालु 
 बाबा केदार की डोली को केदारनाथ रवाना करने के लिये भक्तों की भारी भीड़ लगी रही। तेज धूप के बावजूद भी श्रद्धालु दूर-दराज से बाबा केदार के दर्शनों के लिये पहुंचे। बाबा केदार की डोली की अगुवाई कर रही 10 जैकलाई आर्मी की बैंड मधुर धुनों पर श्रद्धालु जमकर थिरके। बच्चे, बूढ़े, जवान और महिलाएं बाबा की भक्ति में चूर नजर आये। बाबा केदार की पंचमुखी चल विग्रह उत्सव डोली के केदारनाथ रवाना होते ही केदारनाथ यात्रा का विधिवत आगाज हो गया है। बाबा की डोली के साथ हजारों तीर्थ यात्री पैदल यात्रा कर रहे हैं, जबकि केदारघाटी में देश-विदेश के हजारों तीर्थ यात्री पहुंच चुके हैं। अब सबकी एक ही इच्छा है कि इस बार अधिक से अधिक तीर्थ यात्री केदारनाथ आयें, जिससे केदारनाथ यात्रा अपने पुराने रिकार्ड तोड़ सके। 
पुरानी बुरी यादों को भुला चुके हैं श्रद्धालु 
वक्त के साथ-साथ सब कुछ बदल जाता है। कभी किसी ने सोचा भी नहीं होगा कि केदारघाटी में इतनी बड़ी त्रासदी आने के बाद भी यहां की जनता अपने पैरों पर दोबारा खड़ी होगी, लेकिन आज केदारघाटी की तस्वीर बदल गई है। आपदा के बाद पांच वर्षों के अंतराल में लोगों ने आपदा की कड़वी यादों को पीछे छोड़ दिया है। पिछले वर्ष से बाबा केदार की डोली के केदार धाम की रवानगी के दौरान जिस प्रकार का उत्साह तीर्थ यात्रियों के साथ ही स्थानीय श्रद्धालुओं में देखने को मिल रहा है, उससे यही लगता है कि अब केदारघाटी के लोगों ने आपदा की यादों को पीछे छोड़ दिया है। एक बार फिर से उत्सव यात्रा में पहले जैसी रौनक देखने को मिल रही है।
कहावत है कि दिन गुजर जाते हैं और यादें शेष रह जाती हैं। 16-17 जून 2013 को केदारनाथ त्रासदी का मंजर आज भी आपदा पीड़ितों के जेहन में कहीं न कहीं बसा होगा, लेकिन जिस प्रकार केदारघाटी की जनता ने भगवान केदारनाथ को विदा किया, उससे यही लग रहा है कि आपदा पीड़ित जनता आपदा की कड़वी यादों को पीछे छोड़कर फिर से नये सिरे से अपना जीवन जीना चाहती है। केदारघाटी की जनता की बाबा केदार से यही पुकार है कि आपदा का वो खौफनाक मंजर दोबारा देखने को न मिले और यहां के लोगों का रोजगार फिर से पटरी पर लौट आये। बृहस्पतिवार को जब बाबा केदार की डोली धाम के लिये प्रस्थान कर रही थी तो कई महिलाओं की आंखे नम हो गई। हो भी क्यों न। अगर किसी ने सबसे अधिक दुख सहा है तो वह केदारघाटी की ही महिलाएं हैं। वर्ष 2012 में ऊखीमठ और वर्ष 2013 में केदारनाथ जैसी भयावह आपदा झेलने वाली केदारघाटी की महिलाओं ने बाबा केदार की डोली को हंसी-खुशी केदारनाथ के लिये रवाना की। स्थानीय महिलाएं जहां मांगल गीत गा रही थी, वहीं कई महिलाएं ऐसी भी थी जो आर्मी की बैंड धुनों पर नृत्य कर रही थी। इन सब नजारों को देखकर यही लग रहा था कि केदारघाटी के लोगों में आपदा से पहला जैसा उत्साह एवं उमंग लौट आया है। स्थानीय व्यवसायियों के चेहरों पर भी मुस्कान देखने को मिली। होटल-लाॅज व्यवसायियों के पास पहले ही एडवांस बुकिंग आ चुकी हैं। 
बाबा केदार के दर्शनों के लिये उमड़ी श्रद्धालुओं की भारी भीड़
भगवान भोलेनाथ ग्रीष्मकाल के छह माह अब केदारधाम में व्यतीत करेंगे। केदारनाथ रवाना होने पर शीतकालीन गददीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर में देश-विदेश के साथ ही स्थानीय श्रद्धालुओं का भारी हुजूम उमड़ा। यात्रा को लेकर तीर्थ यात्रियों के साथ ही स्थानीय जनता में भारी उत्साह देखने को मिला। श्रद्धालुओं की भीड़ इतनी थी कि मंदिर परिसर में पैर रखने की जगह नहीं थी। इसके साथ ही मंदिर परिसर के पैदल रास्ते एवं अन्य क्षेत्रों में श्रद्धालु बाबा केदार के दर्शनों के लिये खड़े थे। राॅवल भीमा शंकर लिंग ने केदारनाथ के प्रधान पुजारी टी गंगाधर लिंग को पगड़ी व टोपी पहनाकर छः माह केदारनाथ धाम में विधिवत पूजा-अर्चना का संकल्प दिया। रावल द्वारा प्रधान पुजारी को दिये गये संकल्प के अनुसार केदारनाथ के प्रधान पुजारी को छः माह केदारपुरी में ही प्रवास करना होगा। छह माह तक प्रधान पुजारी को नदी, नालों व पर्वतों की सीमा को पार करना भी वंचित माना गया है। 

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