UTTARAKHAND
कोरोना महामारी के प्रतिबंधों से शुद्ध हुआ मानव और पर्यावरण


पर्यावरण प्रकृति का हिस्सा है। प्रकृति के बिना पर्यावरण की परिकल्पना करना असम्भव है। ईश्वर की श्रेष्ठ अनुपम कृति प्रकृति है, प्रकृति से हमें सृष्टि का बोध होता है। प्रकृति के द्वारा ही समूचे ब्रह्माण्ड की रचना की हुई है। प्रकृति दो प्रकार की होती है- प्राकृतिक प्रकृति और मानव प्रकृति। प्राकृतिक प्रकृति में पांच तत्व- पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु और आकाश शामिल हैं। मानव प्रकृति में मन, बुद्धि और अहंकार शामिल हैं। Lorem ipsum dolor sit amet, consectetur.