अल्पसंख्यक समाज के लिए सरकार ने कई योजनाएं की हैं शुरु : सीएम
नैनीताल । मुख्यमंत्री हरीश रावत ने लोकपाल की नियुक्ति प्रक्रिया पूरी होने व राजभवन की आपत्तियों के निस्तारण के बाद भी मंजूरी नहीं मिलने पर सवाल उठाए। कहा कि सरकार विधिसम्मत तरीके से नियुक्ति कर चुकी, मगर कोई अदृश्य ताकत इसे रोक रही है। उनका इशारा केंद्र सरकार की ओर था।
नैनीताल में वाल्मीकि समुदाय तथा अल्पसंख्यक समुदाय के सम्मेलन के बाद प्रेस से मुखातिब सीएम ने कहा कि कैबिनेट की बैठक में ऐतिहासिक फैसले लिए हैं। अभी 17 दिसबंर को फिर केबिनेट होगी। उन्होंने कहा कि निकायों की समस्याओं के समाधान को पूर्व मंत्री तिलक राज बेहड़ की अध्यक्षता में कमेटी का गठन किया है। जो अध्ययन कर रिपोर्ट देगी। इस दौरान सीएम ने सरकार की उपलब्धियां भी गिनाई।
राज्य अतिथि गृह स्थित शैले हाॅल में सूबे के मुख्यमंत्री हरीश रावत द्वारा अल्पसंख्यक सम्मेलन का शुभारम्भ किया गया। बडी तादाद में मौजूद मुस्लिम समाज के लोगों द्वारा मुख्यमंत्री का खैरमगदम किया गया। लोगो नें उन्हें फूलों के गुलदस्ते देकर उनकी आगवानी की।
सम्मेलन में मौजूद लोगों को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि विभिन्न हुनरों में माहिर अल्पसंख्यक समुदाय द्वारा प्रदेश व देश के विकास में विशेष योगदान किया है। उन्होंने कहा कि अल्पसंख्यक समाज के लोगों ने इस राज्य के निर्माण में जो योगदान दिया है वह काबिले तारिफ है। महात्मा गांधी व नेहरू की विरासत ने हमें बांधने का काम किया है। यही वजह है कि अल्पसंख्यक समाज ने राष्ट्र की विभिन्न जातियों व धर्मों को एक माला में पिरोने के लिए धागे का काम किया है। अल्पसंख्यक समाज को विकास की धारा में जोडने और उनके आर्थिक व सामाजिक विकास के लिए प्रदेश सरकार द्वारा कई योजनाएं संचालित की हैं। श्री रावत ने कहा कि उत्तराखण्ड देश का पहला राज्य है, जिसने कब्रिस्तानों की सुरक्षा के उद्देश्य से कब्रिस्तानों की चारदिवारी बनाने के लिए करोडों की धनराशि अवमुक्त की है।
श्री रावत ने कहा कि विभिन्न प्रतिष्ठित प्रतियोगी परीक्षाओं में मुस्लिमों, सिक्खों, ईसाईयों (अल्पसंख्यकों) के प्रतिनिधित्व को बढ़ाने एवं अल्पसंख्यक छात्र-छात्राओं को प्रोत्साहित किये जाने हेतु मुख्यमंत्री अल्पसंख्यक प्रोत्साहन योजना प्रारम्भ की गयी है। राज्य के मदरसों को मान्यता देने तथा मदरसों की परीक्षा कराने के उद्देश्य से उत्तराखण्ड मदरता बोर्ड का गठन किया गया है। अल्पसंख्यक समुदाय की महिलाओं के कौशल विकास, शिक्षा उन्नयन के लिए तीन महिला आईटीआई तथा दो महिला डिग्री काॅलेज प्रदेश में निर्माणाधीन हैं।
उन्होंने कहा अल्पसंख्यक बाहुल्य जनपदों देहरादून, हरिद्वार, नैनीताल तथा उधमसिंहनगर में जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी का कार्यालय स्थापित किया गया है। प्रदेश सरकार द्वारा अल्पसंख्यक समुदाय के मेधावी छात्र-छात्राओं को हाईस्कूल एवं इण्टरमीडिएट परीक्षा में साठ प्रतिशत से अधिक अंक हासिल करने पर वित्तीय सहायता उपलब्ध करायी जा रही है। गरीबी रेखा से नीचे के युवक-युवतियों को स्वरोजगार के लिए एक लाख तक का ऋण दिया जा रहा है। प्रदेश में 167 मदरसों को परीक्षाएं कराने की मान्यता प्रदान कर दी गयी है। इसके लिए उत्तराखण्ड मदरसा बोर्ड का गठन भी कर दिया गया है। अल्पसंख्यक विकास निधि के अन्तर्गत चार करोड की धनराशि की व्यवस्था की गयी है, जिससे मदरसों में कार्यरत शिक्षकों के लिए वेतन, मदरसों के लिए फर्नीचर, पेयजल तथा शौचालय निर्माण की व्यवस्था की जायेगी। कब्रिस्तानों की चारदिवारी निर्माण, विकास, विद्युतीकरण कार्य के लिए 2566 लाख की धनराशि जारी कर दी गयी है।
नैनीताल अल्पसंख्यक सम्मेलन के संयोजक सइय्यद नदीम ने मुस्लिम समाज की मांगे रखीं। कार्यक्रम में प्रदेश के राजस्व मंत्री यशपाल आर्य, संसदीय सचिव एवं विधायक श्रीमती सरिता आर्य, के अलावा सय्यद नदीम, बुरहान उर्फ शान, रईस अहमद, गजाला कमाल, जुनैद अहमद, मुनीर आलम, फिरोज खान, मौ. जाबीर जफर, सरवर अली खान, मौ0 फैसल, रईस अंसारी, मौ. नसीम, नाजिम, सबाना खालिद, मौ0 जाकिर, समीर अहमद, रईस वारसी, समीर अली, मौ0 गुलरेज, मौ0 मुजाहिद, बुशरा समीर, शबाना, फरोज, तस्सू भाई, शब्बू, खालिद, मौ. जमाल, नजमा के अलावा बडी संख्या में गणमान्य लोग मौजूद थे।
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