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देश में मजहबी आधार पर असहिष्णुता को दिया जा रहा बढ़ावा

भले ही पूर्व उप राष्ट्रपति हामिद अंसारी विश्व के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश के सबसे बड़े संवैधानिक पद पर रहे हों लेकिन अनेक मंचों से उनके मजहबी असहिष्णुता के बयानों से उनकी रुग्ण मानसिकता को भली प्रकार से समझा जा सकता है।

देवभूमि मीडिया ब्योरों। पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने एक बार फिर बेतुके बयान देकर न केवल देश को शर्मसार किया बल्कि अपनी क्षुद्र मानसिकता का ही परिचय दिया है। हामिद अंसारी ने यह बयान देकर देश को बदनाम करने का भी काम किया। देश के पूर्व राष्ट्रपति के बेतुके बयान उनके पद की गरिमा के प्रतिकूल वक्तव्य हैं। अमेरिका में इस बार गणतंत्र दिवस के मौके पर आयोजित एक कार्यक्रम में देश के पूर्व उप राष्ट्रपति हामिद अंसारी ने यहां तक कह दिया कि भारत में धार्मिक बहुमत वाली आबादी को राजनीति में एकाधिकार दे दिया गया है।
उन्होंने इतना तक कह डाला कि भारत में मजहब के आधार पर असहिष्णुता को बढ़ावा दिया जा रहा है। गंभीर बात यह है कि उन्होंने यह सब प्रलाप गणतंत्र दिवस के पावन अवसर पर किया और वह भी एक ऐसे मंच से जिसके आयोजकों में इंडियन अमेरिकन मुस्लिम काउंसिल नामक वह संस्था भी शामिल है,जिस पर भारत में दंगे कराने के साथ-साथ पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आइएसआइ के इशारे पर काम करने के अनेकों आरोप हैं।
हामिद अंसारी देश के उप उपराष्ट्रपति होने के साथ-साथ अनेक देशों में भारत के राजदूत भी रह चुके हैं। यह कल्पना करना कठिन नहीं कि उन्होंने अपनी इसी संकीर्ण सोच के साथ अपने दायित्वों का निर्वहन किया होगा। उप राष्ट्रपति के पद से अपने कार्यकाल पूर्ण करने के बाद से ही हामिद अंसारी अपनी संकीर्णता का लगातार प्रदर्शन भी करते आ रहे हैं।
भारत विभाजन के सबसे बड़े खलनायक जिन्ना की अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में तस्वीर का उन्होंने यह कहकर बचाव किया था कि यदि कोलकाता में विक्टोरिया मेमोरियल हो सकता है तो फिर एएमयू में जिन्ना की तस्वीर क्यों नहीं लग सकती? इसी तरह वह कोविड महामारी से भी खतरनाक बीमारी के रूप में धार्मिक कट्टरता और आक्रामक राष्ट्रवाद का उल्लेख कर चुके हैं।
हमें यह भी याद रखना चाहिए कि भारत में देश का मुस्लिम समुदाय अपने को असुरक्षित होने का बयान देकर हामिद अंसारी विषवमन कर चुके हैं। यह महज दुर्योग है कि कहा जा सकता है कि उनके कई बयान पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान से उनकी मुलाकात होना तथा देश विभाजन के लिए जिम्मेदार तत्वों और खासकर पाकिस्तान की मांग करने वालों को क्लीनचिट देना कदापि नहीं भुलाया जा सकता है।
पूर्व उप राष्ट्रपति श्री हामिद अंसारी का देश के प्रति दूषित चिंतन यही बताता है कि राष्ट्र सेवा के नाम पर उनके जैसे लोग किस तरह उसे लांछित करने और समाज में जहर घोलने का काम कर रहे हैं। पापुलर फ्रंट आफ इंडिया नामक चरमपंथी संगठन पर दिल्ली समेत देश के दूसरे हिस्सों में दंगे कराने के आरोप लगते रहे हैं और समय-समय पर उस पर पाबंदी की मांग भी उठती रही है।

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