4600 ग्रेड पे के मामले के बाद पुलिसकर्मियों के परिजन खुले तौर पर राजनीतिक दलों के नेताओं का समर्थन और बीजेपी का विरोध करते हुए नजर आ रहे हैं ऐसे में पुलिस मुख्यालय ने सभी एसएसपी को पत्र लिखकर चेताया है
पुलिस परिवार के परिजन विभिन्न राजनैतिक दलों के प्रचार प्रसार में सम्मिलित हो रहे हैं, जो उत्तरांचल राज्य कर्मचारियों की आचरण नियमावली-2002 एवं लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 129 (2) (छायाप्रति संलग्न) में वर्णित प्रस्तरों के अनुसार नियम विरुद्ध है:
राजनीति तथा चुनाव में हिस्सा लेना (उत्तरांचल राज्य कर्मचारियों की आचरण नियमावली-2002) (2)- प्रत्येक सरकारी कर्मचारी का यह कर्तव्य होगा कि वह अपने परिवार के किसी भी सदस्य को, किसी ऐसे आन्दोलन या क्रिया (Activity) में, जो प्रत्यक्षतः या अप्रत्यक्षतः विधि द्वारा स्थापित सरकार के प्रति ध्वंसक है या उसके प्रति ध्वंसक कार्यवाहियां करने की प्रवृत्ति पैदा करती है, हिस्सा लेने, सहायतार्थ चन्दा देने या किसी अन्य रीति से उसकी मदद करने से रोकने का प्रयत्न करे, और उस दशा में जबकि कोई सरकारी कर्मचारी अपने परिवार के किसी सदस्य को किसी ऐसे आन्दोलन या क्रिया में भाग लेने सहायतार्थ चन्दा देने या किसी अन्य रीति से मदद करने से रोकने में असफल रहे, तो वह इस आशय की एक रिपोर्ट सरकार के पास भेज देगा।
(4) कोई सरकारी कर्मचारी, किसी विधान मण्डल या स्थानीय प्राधिकारी ( Local Authority ) के चुनाव में न तो मतार्थन (Canvassing) करेगा न अन्यथा उसमें हस्तक्षेप करेगा, और न उसके संबंध में अपने प्रभाव का प्रयोग करेगा और न उसमें भाग लेगा।
धारा 129 (2) लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 यथापूर्वोक्त कोई भी व्यक्ति और पुलिस बल का कोई भी सदस्य
(क) न तो किसी व्यक्ति को निर्वाचन में अपना मत देने के लिए मनाने का और न
(ख) किसी व्यक्ति को निर्वाचन में अपना मत न देने के लिए मनाने का और न (ग) निर्वाचन में किसी व्यक्ति के मत देने में किसी रीति के असर डालने का प्रयास करेगा 1 अत: निर्देशित किया जाता है कि अपने अपने जनपदों में इस और सतर्क दृष्टि रखते हुए ऐसे कार्मिकों का स्पष्ट रूप से समझा दे यदि तब भी नहीं मानते तो ऐसे कार्मिको विरुद्ध कार्यवाही करना सुनिश्चित करें, यदि ऐसे कार्मिकों के विरूद्ध कार्यवाही नहीं की जाती है, तो ऐसे अधिकारियों के विरुद्ध भी नियमानुसार आवश्यक कार्यवाही की जाये।
यदि जनपद प्रभारी उपरोक्त सम्बन्ध में कोई कार्यवाही नहीं करते हैं, तो इसे कर्तव्य पालन में चूक माना जायेगा।