रेल परियोजना के दूसरे चरण को मिली सैद्धांतिक स्वीकृति
ऋषिकेश के पुराने स्टेशन से बड़ा होगा न्यू ऋषिकेश स्टेशन
ऋषिकेश : भारतीय रेलवे की बहुप्रतिक्षित ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना का सपना आकार लेने लगा है। ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन का पहला स्टेशन ऋषिकेश में न्यू ऋषिकेश के नाम से तैयार होने लगा है। इसके साथ ही ऋषिकेश-हरिद्वार बाईपास मार्ग पर रोड अंडर ब्रिज व देहरादून मार्ग पर रोड ओवर ब्रिज के साथ ही चंद्रभागा नदी पर 400 मीटर लंबे स्टील गार्डर ब्रिज का काम भी जल्द शुरू होने की उम्मीद है।
उत्तराखंड के पहाड़ों में भी रेल दौड़ेगी यह बात भले ही अभी किसी सपने से कम न लग रही हो, मगर ऋषिकेश में यह सपना आकार लेता दिख रहा है। ऋषिकेश कर्णप्रयाग रेल लाइन के लिए रेल विकास निगम को पहले चरण में देहरादून वन प्रभाग के ऋषिकेश रेंज में काम के लिए वन एवं पर्यावरण मंत्रलय की स्वीकृति मिली थी। जिसके बाद यहां रेल लाइन का काम आगे बढ़ता दिख रहा है। ऋषिकेश के वीरभद्र रेलवे स्टेशन से कर्णप्रयाग के लिए रेल लाइन बिछाई जा रही है।
ऋषिकेश रेंज में बिछाई जाने वाली रेल लाइन के लिए पेड़ों के कटान का कार्य लगभग पूरा हो चुका है। इस परियोजना में ऋषिकेश से कर्णप्रयाग के बीच कुल 11 रेलवे स्टेशन बनाये जाने हैं, जिनमें से पहला रेलवे स्टेशन न्यू ऋषिकेश के नाम से जाना जाएगा। इसके लिए देहरादून मार्ग पर नटराज चौक के समीप वन विभाग के रेंज कार्यालय की भूमि का अधिग्रहण किया गया है।
यहां से रेंज कार्यालय को भी शिफ्ट किया जा रहा है। रेल विकास निगम ने रेंज कार्यालय व आवास शि¨फ्टग के लिये वन विभाग को छह करोड़ रुपये जारी किये थे, जिससे नये रेंज कार्यालय व आवासीय कॉलोनी का इंदिरा नगर के निकट निर्माण भी हो चुका है। इस माह तक वन विभाग को यहां से हर हाल में आवास व कार्यालय शिफ्ट करने हैं। रेंज कार्यालय के समीप वन भूमि पर बन रहे न्यू ऋषिकेश रेलवे स्टेशन का काम भी शुरू हो गया है। यहां पेड़ों के कटान के बाद भूमि को स्टेशन के लिहाज से समतल किया जा रहा है। वहीं वीरभद्र से न्यू ऋषिकेश रेलवे स्टेशन के बीच रेल लाइन ऋषिकेश-हरिद्वार बाईपास मार्ग को भी क्रास करेगी। लिहाजा बाईपास मार्ग पर खांड गांव के पास होने वाली क्रासिंग पर सड़क यातायात के लिये रोड अंडर ब्रिज प्रस्तावित है।
ठीक इसी तरह न्यू ऋषिकेश रेलवे स्टेशन के बाद ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन ऋषिकेश-देहरादून मार्ग को भी क्रास करेगी, इस स्थान पर वाहनों के लिये रोड ओवर ब्रिज बनाया जाएगा। इससे आगे रेल लाइन चंद्रभागा नदी को पार कर टिहरी में प्रवेश करेगी। चंद्रभागा नदी में करीब चार सौ मीटर लंबा स्टील गार्डर ब्रिज बनाया जाना है। स्टील गार्डर ब्रिज के लिये भूगर्भीय सर्वेक्षण पूरा हो गया है। रोड अंडर व रोड ओवर ब्रिज सहित चंद्रभागा नदी पर बनने वाले स्टील गार्डर ब्रिज के लिये कोलकत्ता की कंपनी जीपीटी इंफ्रा प्रोजेक्ट को जिम्मेदारी सौंपी गयी है।
वहीँ ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना के द्वितीय चरण को भी वन एवं पर्यावरण मंत्रालय की सैद्धांतिक स्वीकृति मिल चुकी है। द्वितीय चरण में रेल लाइन टिहरी, पौड़ी, रुद्रप्रयाग व चमोली जनपद से होकर गुजरेगी। इन जनपदों से जुड़ी वनभूमि के हस्तांतरण का मामला वन एवं पर्यावरण मंत्रलय में विचाराधीन था।
प्रथम चरण में देहरादून वन प्रभाग की ऋषिकेश रेंज की वन भूमि में कार्य की स्वीकृति प्रदान की थी। मगर, अब एक बड़ी खुशखबरी इस परियोजना के लिये मिली है। रेल विकास निगम के परियोजना सलाहकार पूर्व वन्य जीव प्रतिपालक अरुण कुमार शर्मा ने बताया कि द्वितीय चरण के लिये वन एवं पर्यावरण मंत्रलय से सैद्धांतिक स्वीकृति परियोजना को मिल गयी है। जल्द ही इसकी औपचारिक स्वीकृति भी मिल जाएगी।
रेल विकास निगम, परियोजना प्रबंधक ओम प्रकाश मालगुडी लके अनुसार कर्णप्रयाग रेल लाइन का काम शुरू हो चुका है। वीरभद्र रेलवे स्टेशन से रेलवे लाइन के लिये पेड़ों का कटना लगभग पूर्ण हो चुका है। जहां न्यू ऋषिकेश रेलवे स्टेशन बनाया जाना है, वहां भी पेड़ों की कटिंग के बाद समतलीकरण का काम जारी है। खुशखबरी यह है कि परियोजना को दूसरे चरण की सैद्धांतिक स्वीकृति भी वन एवं पर्यावरण मंत्रलय से मिल चुकी है, उम्मीद है कि इसके बाद काम में और तेजी आ जाएगी।
ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना का पहला स्टेशन न्यू ऋषिकेश सभी सुविधाओं से संपन्न होगा। मौजूदा रेलवे स्टेशन की तुलना में यह स्टेशन अधिक बड़ा होगा। इस स्टेशन पर दो मुख्य प्लेटफार्म होंगे। जबकि यहां करीब आठ से दस लूप लाइनें भी होंगी। जिनमें से एक लाइन वासिंग लाइन होगी। इस स्टेशन की स्थापना के साथ ही रेलवे विकास निगम पुराने स्टेशन को भी विकसित किया जा रहा है।