NATIONALWorld News

भारत में बाघों की गणना ने विश्व के सबसे बड़े कैमरा ट्रैप वन्यजीव सर्वेक्षण का नया गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया

केंद्रीय पर्यावरण मंत्री ने इसे एक महान क्षण और ‘आत्मनिर्भर भारत’ का एक बेहतरीन उदाहरण बताया 

देश में बाघों की अनुमानित संख्या 2,967 है, इस संख्या के साथ, भारत में बाघ वैश्विक संख्या का लगभग 75 फीसदी हैं

देवभूमि मीडिया ब्यूरो

नई दिल्ली। देश के लिए अखिल भारतीय बाघ आकलन 2018 के चौथे चक्र ने दुनिया का सबसे बड़ा कैमरा ट्रैप वन्यजीव सर्वेक्षण होने का गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया है। इस चक्र के परिणाम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले वर्ष वैश्विक बाघ दिवस पर घोषित किए थे।
इस उपलब्धि को एक महान क्षण बताते हुए, केंद्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावडेकर ने ट्वीट में कहा कि यह आत्मनिर्भर भारत का जीता जागता उदाहरण है, जिसे प्रधानमंत्री के शब्दों में संकल्प से सिद्धि के माध्यम से प्राप्त किया गया है। 

पर्यावरण मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने अपने लक्ष्य से चार वर्ष पूर्व ही बाघों की संख्या दोगुनी करने वाले अपने संकल्प को पूरा कर लिया है। नवीनतम गणना के अनुसार, देश में बाघों की अनुमानित संख्या 2,967 है। इस संख्या के साथ, भारत में बाघ वैश्विक संख्या का लगभग 75 फीसदी निवास करते हैं और भारत द्वारा 2010 में सेंट पीटर्सबर्ग से बाघों की संख्या दोगुनी करने वाले अपने संकल्प को निर्धारित लक्ष्य वर्ष 2022 से बहुत पहले ही प्राप्त किया जा चुका है।
गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड की वेबसाइट के प्रशस्ति पत्र में लिखा गया है- “2018-19 में किए गए सर्वेक्षण की चौथी पुनरावृत्ति- संसाधन और डेटा दोनों के हिसाब से अब तक का सबसे व्यापक रहा है। कैमरा ट्रैप (मोशन सेंसर्स के साथ लगे हुए बाहरी फोटोग्राफिक उपकरण, जो किसी भी जानवर के गुजरने पर रिकॉर्डिंग शुरू कर देते हैं) को 141 ​​विभिन्न साइटों में 26,838 स्थानों पर रखा गया था और 1,21,337 वर्ग किलोमीटर (46,848 वर्ग मील) के प्रभावी क्षेत्र का सर्वेक्षण किया गया।
कुल मिलाकर, कैमरा ट्रैप ने वन्यजीवों की 3,48,58,623 तस्वीरों को खींचा (जिनमें 76,651 बाघों के, 51,777 तेंदुए के; शेष अन्य जीव-जंतुओं के थे)। इन तस्वीरों के माध्यम से, 2,461 बाघों (शावकों को छोड़कर) की पहचान स्ट्राइप-पैटर्न- रिकॉग्नाइज सॉफ्टवेयर का उपयोग करके की गई।
अभूतपूर्व रूप से कैमरा ट्रैप का  उपयोग करने के साथ-साथ, 2018 “स्टेटस ऑफ़ टाइगर्स इन इंडिया” का मूल्यांकन व्यापक फुट सर्वेक्षण के माध्यम से भी किया गया, जिसमें 522,996 किमी (324,975 मील) का सफर तय किया गया और वनस्पति और खाद्य गोबर वाले 317,958 निवास स्थलों को शामिल किया गया। यह अनुमान लगाया गया कि अध्ययन किए गए वन का कुल क्षेत्रफल 381,200 वर्ग किमी (147,181 वर्ग मील) था और कुल मिलाकर 620,795 श्रम-दिवस आंकड़ों का संग्रह और समीक्षा करने में लगाया गया।”
राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण, अखिल भारतीय बाघ आकलन भारतीय वन्यजीव संस्थान की तकनीकी से करता है और राज्य वन विभागों और भागीदारों द्वारा इसे कार्यान्वित किया जाता है। 2018 के नवीनतम परिणामों से पता चलता है कि भारत में अब बाघों की कुल अनुमानित संख्या 2,967  है, जिनमें से 2,461 बाघों को व्यक्तिगत रूप से कैप्चर किया गया है, जो बाघों की संख्या का 83% है और सर्वेक्षण की व्यापकता की प्रकृति को रेखांकित करता है।
पूरे विश्व में, प्रोजेक्ट टाइगर जैसा केंद्रित प्रजाति उन्मुखित कार्यक्रम के समानांतर शायद ही कोई अन्य कार्यक्रम है, जिसकी शुरुआत 9 बाघ अभयारण्यों के साथ की गई थी और इसे वर्तमान में 50 बाघ अभयारण्यों में चलाया जा रहा है। बाघ संरक्षण में भारत ने अपने नेतृत्व की भूमिका मजबूती के साथ स्थापित कर ली है, जिसके बेंच मार्किंग प्रथाओं को दुनियाभर में स्वर्ण मानक के रूप में देखा जाता है।

devbhoomimedia

डिस्क्लेमर (अस्वीकरण) : देवभूमि मीडिया.कॉम हर पक्ष के विचारों और नज़रिए को अपने यहां समाहित करने के लिए प्रतिबद्ध है। यह जरूरी नहीं है कि हम यहां प्रकाशित सभी विचारों से सहमत हों। लेकिन हम सबकी अभिव्यक्ति की आज़ादी के अधिकार का समर्थन करते हैं। ऐसे स्वतंत्र लेखक,ब्लॉगर और स्तंभकार जो देवभूमि मीडिया.कॉम के कर्मचारी नहीं हैं, उनके लेख, सूचनाएं या उनके द्वारा व्यक्त किया गया विचार उनका निजी है, यह देवभूमि मीडिया.कॉम का नज़रिया नहीं है और नहीं कहा जा सकता है। ऐसी किसी चीज की जवाबदेही या उत्तरदायित्व देवभूमि मीडिया.कॉम का नहीं होगा। धन्यवाद !

Related Articles

Back to top button
Translate »