सैन्य माध्यम से कब्जा किये गए क्षेत्र की स्थिति में बदलाव करने के किसी कदम का कोई वैध आधार नहीं : विदेश मंत्रालय
देवभूमि मीडिया ब्यूरो
नई दिल्ली : भारत ने गिलगिट-बाल्टिस्तान में चुनाव कराने की घोषणा करने पर पाकिस्तान पर तीखा प्रहार करते हुए गुरुवार को कहा कि सैन्य माध्यम से कब्जा किये गए क्षेत्र की स्थिति में बदलाव करने के किसी कदम का कोई वैध आधार नहीं है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने डिजिटल प्रेस वार्ता में कहा, ”सैन्य माध्यम से कब्जा किये गए क्षेत्र गिलगिट-बाल्टिस्तान की स्थिति में बदलाव करने के किसी कदम का कोई वैध आधार नहीं है और यह आरंभ से ही अवैध है।”
गौरतलब है कि पाकिस्तान ने गिलगिट-बाल्टिस्तान में 15 नवंबर को विधानसभा एसेम्बली चुनाव कराने की घोषणा की है। इस मुद्दे पर पाकिस्तानी नेतृत्व के बयानों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि पाकिस्तान का भारत के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करने का कोई अधिकार नहीं है । हमारा रूख स्पष्ट और सतत है । सम्पूर्ण जम्मू कश्मीर और लद्दाख, भारत का अभिन्न हिस्सा है और हमेशा रहेगा।
भारत द्वारा कड़ी आपत्ति दर्ज कराए जाने के बावजूद पाकिस्तान ने गिलगित बाल्तिस्तान की विधानसभा के लिए 15 नवंबर को चुनाव कराने की घोषणा की है। रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण इस क्षेत्र में इससे पहले चुनाव स्थगित कर दिया गया था। राष्ट्रपति डॉ आरिफ अल्वी ने बुधवार को इस संबंध में एक अधिसूचना जारी की।
वक्तव्य में कहा गया, “पाकिस्तान इस्लामी गणतंत्र के राष्ट्रपति घोषणा करते हैं कि चुनाव अधिनियम 2017 की धारा 57 (1) के तहत रविवार, 15 नवंबर 2020 को गिलगित बाल्तिस्तान विधानसभा में आम चुनाव कराए जाएंगे।” भारत ने पाकिस्तान से कहा है कि गिलगित बाल्तिस्तान समेत जम्मू कश्मीर और लद्दाख संघ शासित प्रदेश के संपूर्ण भूभाग का भारत में पूर्ण रूप से वैधानिक और स्थायी विलय हुआ था इसलिए यह देश का अभिन्न अंग है।
भारत ने कहा कि पाकिस्तान की सरकार या उसकी न्यायपालिका का उन क्षेत्रों पर कोई अधिकार नहीं है जिनपर अवैध रूप से कब्जा किया गया था। गिलगित बाल्तिस्तान में 18 अगस्त को चुनाव होने थे लेकिन चुनाव आयोग ने कोरोना वायरस संक्रमण को देखते हुए 11 जुलाई को चुनाव की प्रक्रिया टाल दी थी। चुनाव की नई तारीखों का ऐलान गिलगित बाल्तिस्तान को पूर्ण प्रांत का दर्जा दिए जाने की खबरों के बीच लिया गया है। इस मुद्दे पर विपक्षी दलों और पाकिस्तान सेना के प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा के बीच 16 सितंबर को हुई बैठक में चर्चा की गई थी।