UTTARAKHAND

आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के मामले में जांच की जद में आए अपर सचिव वित्त चौहान

जिस पर भ्रष्टाचार की आंच उसी के विभाग से जांच की आस ! 

राष्ट्रपति, कार्मिक मंत्रालय और सीबीआई से मिले जाँच के पत्र 

देवभूमि मीडिया ब्यूरो 

देहरादून : उत्तराखंड शासन में तैनात अपर सचिव वित्त अरुणेन्द्र सिंह चौहान जिनके पास कोषागार निदेशालय में अपर निदेशक के पद भी है आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के मामले में जांच की जद में आ गए हैं। गौरतलब हो हो ये वही अधिकारी हैं जिनकी शासन में धमक तब हुई थी जब यहां भुवनचंद्र खंडूरी की सरकार थी और ये तत्कालीन सरकार में खंडूरी के शासनकाल में उनके सचिव प्रभातकुमार सारंगी के साथ यहाँ लाये गये थे और ये दोनों ही अधिकारी पूर्व मुख्यमंत्री के नाक का बाल हुआ करते थे और दोनों की ही उस दौरान सूबे में जबरदस्त तूती बोलती थी।  

चर्चा है कि शासन में ”गंजे” तक ऊंची पहुंच के कारण अरुणेंद्र सिंह चौहान को अपर सचिव पद की जिम्मेदारी सौंपी गई है। उत्तराखंड में शासन में बैठे कई ऐसे अधिकारी आज भी मौजूद हैं जो अधिकारियों को पहले तो भ्रष्टाचार के दलदल में फंसाते हैं और फिर उन्हें अपना कमाऊ पूत बनाते हैं। अपना विश्वसनीय बनाने के साथ ही उसे सरकार में इतनी पदोन्नतियां दे देते हैं कि जो उसने कभी सपने में भी नहीं सोची होगी उसके बाद वह चाहने के बाद भी इनके चुंगुल से बाहर नहीं निकल पाता है और भ्रष्टाचार के कुंए में खुद भी डुबकी लगाता है और अपने आका को भी ”खुश” रखता है , मृत्युंजय मिश्रा प्रकरण इसका एक उदाहरण मात्र है इसके अलावा और भी न जाने कितने ऐसे नाम हैं जो शासन और सत्ता के गलियारों में तैर रहे हैं।

मामले में भ्रष्ट अधिकारियों और कर्मचारियों के आका ”गंजे” और बाइक पर घूमने के शौक़ीन एक सचिव के इशारों यह जिम्मेदारी सौंपा जाना विवादों में रहा है। अपर सचिव वित्त अरुणेन्द्र पर अब आय से अधिक सम्पत्ति अर्जित करने का आरोप लगा है। शिकायत में कहा गया है कि अरुणेन्द्र ने गलत तरीकों का इस्तेमाल कर 100 करोड़ से अधिक की सम्पत्ति अर्जित की है जो सीधे तौर पर भ्रष्टाचार का मामला है। यह शिकायत देहरादून निवासी आरटीआई एक्टिविस्ट सीमा भट्ट ने राष्ट्रपति, भारत सरकार के केन्द्रीय कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन मंत्रालय और सीबीआई से की है। इस शिकायत को तीनों ही स्थानों गंभीरता से लिया गया है और राज्य सरकार से अग्रिम कार्यवाही करने की अपेक्षा की गयी है।

वहीं मामले में राष्ट्रपति भवन से अण्डर सेक्रेटरी अशोक कुमार ने 19 जून को प्रदेश के मुख्य सचिव उत्पल कुमार को पत्र भेजा हैं, जिसमें कहा गया है कि देहरादून निवासी सीमा भट्ट ने राष्ट्रपति से अपर निदेशक कोषागार निदेशालय की शिकायत की है। इस शिकायत पर अब तक आपके स्तर से क्या कार्यवाही हुई है इसकी जानकारी शिकायतकर्ता को भी दें। इसके बाद 2 जुलाई को सीबीआई कार्यालय देहरादून से भी एक पत्र मुख्य सचिव को भेजा गया है।

इस पत्र में भी शिकायत को गंभीर बताते हुए जांच के सम्बंध में कहा गया है। इतना ही नहीं केन्द्रीय कार्मिक, लोकशिकायत एवं पेंशन मंत्रालय से भी एक पत्र मुख्य सचिव उत्पल कुमार के पास पहुंचा है जिसमें इस मामले में आवश्यक कार्यवाही करने को निर्देशित किया गया है। लेकिन इस पत्र को पाने के बाद उत्तराखंड के काबिल अधिकारियों ने जांच के लिए उसी काबिल अधिकारी को कहा है जिसने अरुणेंद्र सिंह चौहान को इस पद तक पहुँचाया है और वह अधिकारी ही उस विभाग का सचिव भी है ऐसे में जांच और न्याय पर सवालिया निशान लगने शुरू हो गए हैं।  

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