Science & Technology

14वीं प्रादेशिक विज्ञान कांग्रेस में यूकॉस्ट ने कराया ’’हिमालयन नॉलेज नेटवर्क’’ पर विचार मंथन

हिमालयन नॉलेज नेटवर्क को आयोजित कराने का मुख्य उद्देश्य 
 ज्ञान/जानकारी की उपलब्धता (हमारे पास क्या है)
ज्ञान की सम्भावना, जानकारी का साझाकरण (हम क्या साझा कर सकते हैं)
सुझाव एवं तंत्र (जानकारी को साझा करने के लिए क्या किया जा सकता है)

देवभूमि मीडिया ब्यूरो 

देहरादून : जी.बी. पन्त राष्ट्रीय हिमालय पर्यावरण संस्थान एवं उत्तराखण्ड राज्य विज्ञान एवं प्रौद्योगकी परिषद ने संयुक्त रूप से कराया हिमालयन नॉलेज नेटवर्क का हुआ आयोजन।

डा.पी.पी ध्यानी, कुलपति, श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय, टिहरी गढ़वाल ने सत्र की अध्यक्षता की एवं सह-अध्यक्षता डा. राजेन्द्र डोभाल, महानिदेशक, यूकॉस्ट, डॉ. आर. एस. रावल, जीबी. पन्त हिमालयन पर्यावरण संस्थान, अल्मोड़ा, डा. आर.सी. सुन्द्रियाल, जीबी. पन्त हिमालयन पर्यावरण संस्थान, अल्मोड़ा, ने की।  डॉ. पियूष जोशी सत्र के समन्वयक थे।

सात हिमालयी राज्यों से आये विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद जिसमें जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, मणिपुर, मेघालय, त्रिपुरा, सिक्किम और उत्तराखण्ड ने कार्यशाला में भाग लिया और अपने परिषदों द्वारा कराये गये मूल्यवान गतिविधियों के बारे में बताया।

डॉ. आर.सी. रावल ने सभी प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए कहा कि एक केंद्रीय सूचना प्रबन्ध प्रणाली होनी चाहिए। जिसमें सारी जानकारियां उपलब्ध हो। जी.बी. पन्त संस्थान ने हिमालयन नॉलेज नेटवर्क की एक पहल की है जो बड़े पैमाने पर लाभ के लिए सभी संस्थानों, विश्वविद्यालयों, परिषदों और एजेंसियों को जोडेगी।

डॉ.आर.सी. सुन्द्रियाल ने कहा की भारतीय हिमालय क्षेत्र में सतत विकास को बढ़ावा देने के लिए विज्ञान और नीतियों को जोड़ना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि बढ़े हिस्से का सतत का विकास काफी हद तक हिमालयी क्षेत्र में संचित संसाधनों पर निर्भर है। भारतीय हिमालय क्षेत्र में 11 राज्य आते हैं जिनमें 9 पूरी तरह और 2 आंशिक रूप से है। साथ ही एक प्रतिशत ग्रेलेशियर और अल्पाइन तंत्र पूरी तरह से हिमालय पहाड़ों पर निर्भर है।

डॉ. ए.ए. माओ, प्रो. ए.एन पुरोहित, डॉ. जीएस रावत, डा. राकेश शाह, डा. आर.एस. रावल, डॉ. बी.पी पुरोहित, डॉ. डी.पी उनियाल, डा अशोक मिश्रा, डॉ. एच.सी. पोखरियाल, डॉ ब्रिज मोहन शर्मा और सात हिमालय राज्य परिषदों से आये हुए लोग ने अपने महत्वपूर्ण विचार साझा किये।

हिमालयन नॉलेज नेटवर्क का मुख्य निष्कर्ष : –
ऽ शिक्षाविदों, विद्वानों एवं विद्या केन्द्र व क्षेत्रीय केन्द्रों का विकसित और मजबूत कराना।
ऽ साक्ष्य आधारित नीतियों और प्रथाओं को मजबूत करने के लिए।
ऽ भारतीय हिमालय क्षेत्र में अनुसंधान निष्कर्षों और उत्कर्ष कार्यप्रणिलयों को साझा करने के लिए।
ऽ भारतीय हिमालय क्षेत्र के लिए सहयोगी अनुसंधान लाभ और हितधारकों के लिए लाभ आधारित लिंक बनाना।
ऽ नीति आयोग हिमालय की विशेषता और हिमालय से सम्बंधित ज्ञान के तहत सतत विकास के लिए चुनौतियों की पहचान करेगा।

सत्र के दौरान राष्ट्रीय गणित दिवस भी मनाया गया। इस अवसर पर ’गणित शिक्षा में चुनौतियां विषय पर मंथन सत्र आयोजित किया गया। सत्र की अध्यक्षता गणित विभाग आई.आई. टी कानपुर के प्रो. धीरेंन्द्र बहुगुणा ने की। मुख्य वक्ता प्रो. कल्याण चक्रवर्ती, गणित विभाग हरीश चन्द्र अनुसंधान संस्थान, प्रयागराज थे। प्रो. दुर्गा तोशनीवाल, प्रो. भगवती प्रसाद चमोला, प्रो. आ.के सैनी, श्री एस के गुप्ता, श्री संजीव कुमार, श्री महेशानंद आदि उपस्थित रहे।

उत्तराखण्ड राज्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद, विज्ञान धाम में चल रही उत्तराखण्ड की 14वीं प्रादेशिक विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी कांग्रेस 2.2. के दूसरे दिन 16 विषयों सहित एक ’’अन्वेषक पुरस्कार’’ श्रेणी के लिए विभिन्न 17 तकनीकी सत्रों का एक साथ आयोजन किया गया।

उत्तराखण्ड की 14वीं प्रादेशिक विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी कांग्रेस-2.2. के दूसरे दिन 16 विषयों कृषि विज्ञान, जैव प्रौद्योगिकी, जैव रसायन एवं सूक्ष्म जैविकी, वनस्पति विज्ञान, रसायन विज्ञान, पृथ्वी विज्ञान सह भू-विज्ञान, भू-भौतिकी, अभियान्त्रिकी विज्ञान एवं तकनीकी, पर्यावरण विज्ञान एवं वानिकी, गृह विज्ञान, पदार्थ एवं सूक्ष्मकण विज्ञान, गणित, सांख्यकी, कम्प्यूटर साइंस, चिकित्सा विज्ञान एवं औषधीय विज्ञान, भौतिक विज्ञान, ग्रामीण प्रौद्योगिकी, विज्ञान एवं समाज/विज्ञान लोकव्यापीकरण, पशु चिकित्सा एवं पशुपालन विज्ञान, जन्तु विज्ञान के 16 तकनीकी सत्रों का एक साथ अलग-अलग सभागारों में आयोजन किया गया, जिसमें कुल 5.. युवा शोधार्थी व वरिष्ठ वैज्ञानिकों द्वारा अपनी मौखिक तथा पोस्टर प्रस्तुतियां द्वारा विषेशज्ञों के सम्मुख अपने शोध कार्य का विवरण प्रस्तुत किया गया। मौखिक एवं पोस्टर प्रस्तुतियों को परखा गया तथा उनके द्वारा चयन संस्तुति के पश्चात दो श्रेणियों (1.) आयु 2. से 3. वर्ष तथा (2.) 4. वर्ष तक के युवा पुरूष व महिला वैज्ञानिकों को ’’युवा वैज्ञानिक पुरस्कार’’ से शनिवार आयोजित होने वाले समापन समारोह में नवाजा जायेगा।
इस विज्ञान कांग्रेस के आयोजन में ’इनोवेटर ऑफ द ईयर-2.2.’ पुरस्कार दिया जायेगा। विशेशज्ञों द्वारा दी गयी तथा आयोजित कुल सत्रों के विशेशज्ञों की संस्तुतियों को कल समापन समारोह में यूकॉस्ट के महानिदेशक डॉ. राजेन्द्र डोभाल प्रस्तुत करेंगे। 

devbhoomimedia

डिस्क्लेमर (अस्वीकरण) : देवभूमि मीडिया.कॉम हर पक्ष के विचारों और नज़रिए को अपने यहां समाहित करने के लिए प्रतिबद्ध है। यह जरूरी नहीं है कि हम यहां प्रकाशित सभी विचारों से सहमत हों। लेकिन हम सबकी अभिव्यक्ति की आज़ादी के अधिकार का समर्थन करते हैं। ऐसे स्वतंत्र लेखक,ब्लॉगर और स्तंभकार जो देवभूमि मीडिया.कॉम के कर्मचारी नहीं हैं, उनके लेख, सूचनाएं या उनके द्वारा व्यक्त किया गया विचार उनका निजी है, यह देवभूमि मीडिया.कॉम का नज़रिया नहीं है और नहीं कहा जा सकता है। ऐसी किसी चीज की जवाबदेही या उत्तरदायित्व देवभूमि मीडिया.कॉम का नहीं होगा। धन्यवाद !

Related Articles

Back to top button
Translate »