ऋषिकेश-तपोवन में गंगा किनारे धड़ल्ले से हो रहा अवैध निर्माण
ऋषिकेश : गंगा किनारे से 200 मीटर की परिधि तक निर्माण पर न्यायालय के रोक के आदेश धनकुबेरों के लिए मज़ाक की तरह हैं और आये दिन ऐसे लोग न्यायालय के आदेशों को हवा उड़ाते रहे हैं । ऐसे ही लगभग दो हज़ार से ज्यादा मामले हरिद्वार -ऋषिकेश विकास प्राधिकरण के कार्यालय में फाइलों में धूल फांक रहे हैं और विभागीय अधिकारी जांच की बात कहकर अपना पल्ला झड़ते रहे हैं जैसे कि इन्हे इन निर्माणकार्यों की जानकारी ही न हो।
मुनिकीरेती थाना क्षेत्र के तपोवन सराय इलाके में में गंगा से महज 150 मीटर की दूरी पर निर्माण कार्य चल रहा है। सूत्रों की माने तो यहां होटल बन रहा है, जिसके लिए हरिद्वार विकास प्राधिकरण से नक्शा तक स्वीकृत नहीं कराया है। चार मंजिल तक निर्माण हो चुका है, जिससे संबंधित विभाग की मिलीभगत से इनकार नहीं किया जा सकता। यह हाल तब है जब गंगा तट पर किसी भी तरह के निर्माण पर प्रतिबंध है।
यही नहीं तपोवन क्षेत्र भूकंप की दृष्टि से संवेदनशील जोन में आता है। यहां तीन मंजिला इमारत से अधिक निर्माण की अनुमति नहीं है। संबंधित विभाग की उदासीनता के चलते तपोवन क्षेत्र में अवैध निर्माण की बाढ़ आ गई है। कायदे कानून को ताक पर रखकर बहुमंजिला इमारतें और होटल बनाए जा रहे हैं। अवैध निर्माण रोकने वाले हरिद्वार विकास प्राधिकरण कार्रवाई के नाम पर जांच में जुटा रहता है। जांच समय से पूरी होती ही नहीं और निर्माण कार्य पूरा हो जाता है।
वहीँ विभागीय सूत्रों के मुताबिक अवैध निर्माण के करीब 2 हजार से अधिक मामलों पर कार्रवाई लंबित है। अवैध निर्माण की शिकायत मिलने पर विभाग फौरीतौर पर जांच की कार्रवाई करता है। अवैध निर्माण की पुष्टि होने पर संपत्ति को सील करने की कार्रवाई की जाती है। हरिद्वार विकास प्राधिकरण के सहायक अभियंता बलराम सिंह इस मामले को ऐसे टालते नज़र आते हैं जैसे इन्हे कुछ पता ही नहीं और कार्रवाही पर उनका जवाब तो सुनिए ”तपोवन सराय में होटल निर्माण की जांच के बाद ही कुछ कहा जा सकता है।