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देवस्थानम प्रबंधन विधेयक अब पास नहीं होता तो कभी नहीं होता : मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र


देहरादून : उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत से लोकमत समाचार समूह के अध्यक्ष और राज्य सभा के पूर्व सांसद श्री विजय दर्डा से एक मुलाकात के दौरान हुई बातचीत में मुख्यमंत्री रावत ने देवस्थानम प्रबंधन विधेयक (श्राइन बोर्ड ) के पारित होने पर कहा अब जब हमारे पास 57 विधायक हैं ऐसे में यदि हम प्रदेश के धार्मिक स्थानों की व्यवस्था को सुदृढ़ नहीं कर पायेंगे तो कब करेंगे ।
श्री विजय दर्डा ने उन्हें श्राइन बोर्ड विधेयक पारित किये जाने, उत्तराखंड में अवैध शराब पर प्रतिबन्ध लगाने और राज्य की खनन नीति के पारदर्शी बनाये जाने सहित उत्तराखंड में शूटिंग करने के लिए फ़िल्मी जगत में उत्साह और राज्य को मिले बेस्ट फिल्म डेस्टिनेशन अवार्ड पर बधाई देने के साथ ही श्री रावत की पारदर्शी नीति और सरकार के जीरो टोलरेन्स पर बधाई दी। इस दौरान उन्होंने मुख्यमंत्री से मुम्बई महाराष्ट्र और उत्तराखंड के प्राचीन संबधो का जिक्र करते हुए कहा कि इन दोनों प्रान्तों के साथ आने से उत्तराखंड की आर्थिकी और बेहत्तर हो सकती है ।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि किसी भी कार्य को करने से पहले बिनावजह विरोध करना ठीक नहीं जब तक कि उनकी बारीकी से जानकारी न हो। उन्होंने कहा देवस्थानम प्रबंधन विधेयक के विधानसभा पटल में आने से पूर्व इसका सड़क से सदन तक विरोध काफी विरोध किया गया, लेकिन सरकार की इच्छाशक्ति के आगे विरोध कोई मायने तब नहीं रखता जब इच्छा शक्ति जनहित और राज्यहित सहित विश्वप्रसिद्ध धामों की व्यवस्था को और सुदृढ़ और पटरी पर लाने की हो।
श्री दर्डा जी से बातचीत में मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र रावत ने बताया कि केदारनाथ मंदिर पुनर्निर्माण कार्यों में जिंदल समूह द्वारा शून्य से भी नीचे के तापमान वाले और कड़ाके की ठंड वाले केदारनाथ धाम में जिस तरह से कार्य किया जा रहा है वह अपने आप में एक मिसाल तो है ही साथ ही धाम के प्रति उनकी श्रद्धा का प्रतीक भी है। मुख्यमंत्री ने बताया श्री सज्जन जिंदल जी एक जिंदल समूह द्वारा केदारनाथ धाम में लगभग दो सौ करोड़ रुपये के पुनर्निर्माण कार्य वह भी उच्च गुणवत्तापूर्णस्तर के किये गए हैं। उन्होंने बताया श्री जिंदल केदारनाथ सहित बदरीनाथ धाम में भी कार्य करने के इच्छुक हैं जिसके लिए उनके साथ उत्तराखंड के अधिकारियों की इसी महीने मुम्बई में एक बैठक रखी गयी है जिसमें हमें उनका केदारनाथ की तरह सकारात्मक सहयोग प्रदान होगा।Lorem ipsum dolor sit amet, consectetur.