लोकमत समाचार समूह के अध्यक्ष और राज्य सभा के पूर्व सांसद श्री विजय दर्डा से मुख्यमंत्री की मुलाकात
लोकमत समाचार समूह के अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र के कार्यों की जमकर की तारीफ
राजेन्द्र जोशी देहरादून : उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत से लोकमत समाचार समूह के अध्यक्ष और राज्य सभा के पूर्व सांसद श्री विजय दर्डा से एक मुलाकात के दौरान हुई बातचीत में मुख्यमंत्री रावत ने देवस्थानम प्रबंधन विधेयक (श्राइन बोर्ड ) के पारित होने पर कहा अब जब हमारे पास 57 विधायक हैं ऐसे में यदि हम प्रदेश के धार्मिक स्थानों की व्यवस्था को सुदृढ़ नहीं कर पायेंगे तो कब करेंगे ।
उन्होंने कहा राज्य के अस्तित्व में आने की बाद पहली चुनी हुई पंडित नारायण दत्त तिवारी नीत कांग्रेस की सरकार भी चार धामों की व्यवस्था को पटरी पर लाने के उद्देश्य से श्राइन बोर्ड का गठन करना चाहती थी लेकिन राजनीतिक इच्छाशक्ति और राजनीतिक मजबूरियों के चलते वे इस बिल को पास नहीं करवा पाए और वे चार धाम विकास परिषद् पर आकर अटक गये। कमोवेस इसके बाद की सरकारों ने भी इस मामले में हाथ डालना उचित नहीं समझा और मामला ठन्डे बस्ते में चला गया। इस बार एक बार फिर हमारी सरकार ने इस मामले को मज़बूत इच्छाशक्ति के साथ उठाया और तमाम विरोधों के बाद अंजाम तक पहुँचाया।
श्री विजय दर्डा ने उन्हें श्राइन बोर्ड विधेयक पारित किये जाने, उत्तराखंड में अवैध शराब पर प्रतिबन्ध लगाने और राज्य की खनन नीति के पारदर्शी बनाये जाने सहित उत्तराखंड में शूटिंग करने के लिए फ़िल्मी जगत में उत्साह और राज्य को मिले बेस्ट फिल्म डेस्टिनेशन अवार्ड पर बधाई देने के साथ ही श्री रावत की पारदर्शी नीति और सरकार के जीरो टोलरेन्स पर बधाई दी। इस दौरान उन्होंने मुख्यमंत्री से मुम्बई महाराष्ट्र और उत्तराखंड के प्राचीन संबधो का जिक्र करते हुए कहा कि इन दोनों प्रान्तों के साथ आने से उत्तराखंड की आर्थिकी और बेहत्तर हो सकती है ।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने श्री दर्डा जी से आपसी बातचीत में कहा कि देवस्थानम प्रबंधन विधेयक के वजूद में आने के बाद इन धामों से जुड़े हक-हकूक धारियों ,पंडा समाज और स्थानीय लोगों के अधिकारों में किसी भी तरह का कोई परिवर्तन नहीं आएगा। देश के अन्य मठ मंदिरों की लूट खसोट के एक सवाल पर वे यह कहना नहीं भूले कि जब श्री बदरीनाथ केदार मंदिर समिति के अध्यक्ष मनोहर कान्त ध्यानी थे उस दौरान उन्होंने हक-हकूकधारियों और स्थानीय लोगों सहित पंडा समाज की व्यवस्था को चाक-चौबंद कर दिया था जिसके बाद से कम से कम बदरीनाथ और केदारनाथ मंदिर समिति से जुड़े मंदिरों में किसी भी तरह की अव्यवस्था की घटना सामने नहीं आयी।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि किसी भी कार्य को करने से पहले बिनावजह विरोध करना ठीक नहीं जब तक कि उनकी बारीकी से जानकारी न हो। उन्होंने कहा देवस्थानम प्रबंधन विधेयक के विधानसभा पटल में आने से पूर्व इसका सड़क से सदन तक विरोध काफी विरोध किया गया, लेकिन सरकार की इच्छाशक्ति के आगे विरोध कोई मायने तब नहीं रखता जब इच्छा शक्ति जनहित और राज्यहित सहित विश्वप्रसिद्ध धामों की व्यवस्था को और सुदृढ़ और पटरी पर लाने की हो।
उन्होंने कहा हमारी सरकार चाहती है कि चारों धामों की व्यवस्था विश्वस्तरीय हो और इस समय तो हमारे ऊपर प्रधान मंत्री मोदी जी का आशीर्वाद तो है ही साथ ही उनका उत्तराखंड के इन धामों के प्रति अगाध श्रद्धा और विश्वास भी है ।तो क्यों नहीं हम सब मिलकर इन धामों को प्रधानमंत्री मोदी के सपनों के अनुरूप बनाएं ।
श्री दर्डा जी से बातचीत में मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र रावत ने बताया कि केदारनाथ मंदिर पुनर्निर्माण कार्यों में जिंदल समूह द्वारा शून्य से भी नीचे के तापमान वाले और कड़ाके की ठंड वाले केदारनाथ धाम में जिस तरह से कार्य किया जा रहा है वह अपने आप में एक मिसाल तो है ही साथ ही धाम के प्रति उनकी श्रद्धा का प्रतीक भी है। मुख्यमंत्री ने बताया श्री सज्जन जिंदल जी एक जिंदल समूह द्वारा केदारनाथ धाम में लगभग दो सौ करोड़ रुपये के पुनर्निर्माण कार्य वह भी उच्च गुणवत्तापूर्णस्तर के किये गए हैं। उन्होंने बताया श्री जिंदल केदारनाथ सहित बदरीनाथ धाम में भी कार्य करने के इच्छुक हैं जिसके लिए उनके साथ उत्तराखंड के अधिकारियों की इसी महीने मुम्बई में एक बैठक रखी गयी है जिसमें हमें उनका केदारनाथ की तरह सकारात्मक सहयोग प्रदान होगा।