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25 जुलाई से यूकेडी का प्रदेशव्यापी आंदोलन

देहरादून । उत्तराखंड क्रांति दल के केन्द्रीय अध्यक्ष व पूर्व मंत्री दिवाकर भट्ट ने कहा है कि प्रचंड बहुमत वाली भाजपा सरकार के उत्तराखंड विरोधी चेहरा बेनकाब करने के लिए 25 जुलाई से प्रदेशव्यापी आंदोलन शुरू किया जायेगा।

दल के केन्द्रीय कार्यालय में पत्रकारों को जानकारी देते हुए भटट ने कहा कि प्रदेश में किसानों की हालत बद से बदत्तर हो चुकी है और प्रदेश की सरकार किसानों के हितों के लिए किसी भी प्रकार की कोई नीति तैयार नहीं कर पा रही है। उनका कहना है कि प्रदेश सरकार की जन विरोधी नीतियों के लिए जनांदोलन किया जायेगा। उन्होंने कहा कि लगातार प्रदेश की सरकार जन विरोधी निर्णय ले रही है और उसके लिए दल ने अब मोर्चा संभाल लिया है।

उनका कहना है कि दल के स्थापना दिवस को राष्ट्रीय दलों के जन विरोधी नीतियों को लेकर विरोध दिवस के रूप में देहरादून व हल्द्वानी में मनायेंगे। राष्ट्रीय दलों की जन विरोधी नीतियों के चलते हुए आज प्रदेश की स्थिति ठीक नहीं है और प्रदेश को शहीदों के सपनों का उत्तराखंड बनाये जाने की आवश्यकता है। दिवाकर ने कहा कि इसके लिए कार्य किया जायेगा। दल अब इसके लिए व्यापक स्तर पर संघर्ष करेगा। उन्होंने गोर्खाली समुदाय को दल में शामिल करने के लिए प्रकोष्ठ का गठन किया है और इसके लिए अनिता शास्त्री घिमिरे को इसका संयोजक बनाया गया है।

उनका कहना है कि राष्ट्रीय दलों ने सिर्फ सत्ता पाने के लिए गोर्खाली समाज का केवल वोटों के लिए जमकर दोहन किया है, जिसे अब सहन नहीं किया जायेगा। उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग में समूह ग के 2300 पदों पर भर्ती की जा रही है और उसमें सबसे अधिक पद ग्राम विकास अधिकारी और ग्राम पंचायत अधिकारी के सैकडों पदों का अधियाचन पहुंचना है। उनका कहना है कि इन पदों से सीधे तौर पर पहाड़ में पढने वाले अधिकांश छात्र बाहर हो जायेंगे। उनका कहना है कि ग्राम्य विकास अधिकारी के जिन पदों पर अब तक इंटरमीडिएट अर्हता थी, अब उसे स्नातक कर दिया गया है।

उन्होंने मीडिया को बताया कि स्नातक में कृषि विज्ञान, अर्थशास्त्र, कॉमर्स होना अनिवार्य है। पहाड़ों में विज्ञान के शिक्षकों का नितांत अभाव है, इसलिए जो विज्ञान पढता है मैदानों में ही आता है। इंटरमीडिएट में कृषि विषय किसी भी पहाड के इंटर कालेज में नहीं है, यही स्थिति कॉमर्स की भी है। इस तरह ग्राम्य विकास अधिकारी के लिए इस तरह की अर्हता तय कर पर्वतीय क्षेत्र के अभ्यर्थियों को सीधे तौर पर इससे बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है। इसके लिए बाकायदा गजट नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया है, निकट भविष्य में अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ग्राम विकास अधिकारी के चार सौ से अधिक पदों पर भर्ती करने जा रहा है, इन पदों की भर्ती के लिए यह नई अर्हता लागू हो जायेगी, इसका मतलब यह है कि पहाड के इंटर कालेजों में पढने वाले छात्र छात्रायें इन पदों के लिए पहली ही सीढी में अयोग्य हो जायेंगें, क्योंकि इंटर में जिन छात्रों के पास कृषि, कॉमर्स एवं विज्ञान विषय होंगें वही ग्रेज्युयेशन में इन विषयों के साथ पढेगा, पहाड से इंटर मीडिएट करके आने वाला छात्र इन विषयों को कैसे पढ़ पायेगा। उनका कहना है कि उत्तराखंड के निवासियों की भर्ती के लिए अधीनस्थ सेवा चयन आयोग का गठन किया गया था, उनका कहना है कि पूर्व की भांति अर्हतायें निर्धारित की जाये अन्यथा दल इसके लिए आंदोलन चलायेगा।

devbhoomimedia

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