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एसआईटी 18 अगस्त के बाद देहरादून में करेगी दोनों अधिकारियों से पूछताछ

देवभूमि मीडिया की खबर का असर……..

  • जांच के दायरे में आए IAS पंकज पांडे और चंद्रेश यादव गये छुट्टी पर
  • एसआईटी के सामनेपेश होने के लिए माँगा 18 अगस्त तक का समय
  • इस हफ्ते के अंत तक दोनों अधिकारियों को देना है एसआईटी के सवालों का जवाब

देहरादून: प्रदेश के हाईप्रोफाइल एनएच 74 मुआवजा घोटाले में राडार पर आए दो आइएएस अफसरों से एसआइटी को पूछताछ के लिए  शासन से मिली अनुमति के बाद एसआइटी में शामिल अधिकारी आइएएस अफसरों से पूछताछ के लिए एक-दो दिन के भीतर उधमसिंहनगर जिला मुख्यालय रुद्रपुर से देहरादून रवाना होने ही वाले थे कि इससे पहले ही दोनों अधिकारी छुट्टी पर चले गए। वहीँ यह भी जानकारी सामने आ रही है कि दोनों अधिकारियों ने एसआईटी के सामनेपेश होने के लिए 18 अगस्त तक का समय मांगा है।  वैसे  भी इस हफ्ते के अंत तक दोनों अधिकारियों को एसआईटी के द्वारा पूछे गए सवालों का जवाब देना है। वहीँ सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक एसआईटी ने आईएएस अधिकारियों से पूछताछ के लिए जगह तय करने की भी बात कही है। ऐसे में जहां अधिकारी चाहेंगे, वहां एसआईटी पूछताछ करेगी। माना जा रहा है कि एसआईटी 18 अगस्त के बाद देहरादून जाकर दोनों अधिकारियों से पूछताछ कर सकती है। 

वहीँ राजधानी में आज चर्चा रही कि पूछताछ से पहले सूबे के दोनों चर्चित आईएएस अधिकारी पंकज पांडे और चंद्रेश यादव लम्बी छुट्टी पर चले गए हैं।  सूत्रों के अनुसार आईएएस अधिकारियों का लम्बी छुट्टी पर जाने को उनके द्वारा मामले पर राहत के लिए हाई कोर्ट में दस्तक के रूप में देखा जा रहा है।

गौरतलब हो कि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की अपनी सरकार की नीति पर मजबूती से खड़े रहने के साथ ही एक दिन पहले ही जांच में आए दोनों आईएएस अधिकारियों के खिलाफ एसआईटी की जांच को दी है हरी झंडी दे दी थी।  तब से ही सूबे के भ्रष्ट आईएएस अधिकारियों में सनसनी थी कि इनको भी उनके आका अधिकारी जांच की आंच से बचा लेंगे लेकिन मुख्यमंत्री के आगे किसी की नहीं चली और उन्होंने मामले में पारदर्शी जांच के आदेश दे दिए। 

उल्लेखनीय है कि एनएच 74 मुआवजा घोटाले की जांच वर्तमान में अंतिम दौर में पहुंच चुकी है। अब तक एसआइटी घोटाले में पांच पीसीएस अधिकारियों समेत 22 लोगों को जेल भेज चुकी है। इसमें हाल ही में निलंबित एडीएम तीरथ पाल और प्रभारी तहसीलदार बेरीनाग रघुवीर सिंह को जेल भेजा जा चुका है। वहीँ कई किसान मुआवजे में ली गयी रकम को सरकार को वापस भी लौटा रहे हैं तो कुछ वापस करने को तैयार हैं। 

मामले में जांच के दौरान एसआइटी के सामने आर्बिट्रेशन के भी कुछ ऐसे मामले सामने आए, जिसमें किसी बड़े गड़बड़की आशंका व्यक्त की जा रही थी । वहीँ जब एसआईटी ने मुआवजा लेने वाले किसानों से पूछताछ की तो उन्होंने सब कुछ उगल दिया वहीँ इसी के आधार पर एसआइटी ने जब सारे कागज खंगाले तो सब कुछ सामने आ गया। एक जानकारी के मुताबिक अब तक जांच में आर्बिट्रेशन में करीब 15 मामलों में अनियमतिता सामने आई है। 

मामले में आर्बिट्रेटर रहे तत्कालीन दोनों जिलाधिकारियों के खिलाफ जब एसआइटी को पुख्ता सबूत मिले तो एसआईटी ने आइएएस डॉ. पंकज पांडेय और चंद्रेश यादव के खिलाफ जांच रिपोर्ट तैयार कर शासन को भेजी। जिसपर राज्य सरकार द्वारा आइएएस अफसरों से पूछताछ करने के आदेश मिल गए हैं। ऐसे में एसआइटी के पूछताछ से बचने और अपने बचाव में कानूनी पक्ष की जानकारी लेने के लिए दोनों चर्चित आईएएस अधिकारी एसआईटी की टीम के देहरादून पहुँचने से पहले ही लम्बी छुट्टी पर चले गएहैं ताकि तब तक मामला शांत पड़ जाय और एसआईटी पूछताछ से भी बचा जा सके। 

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