शासन से मंज़ूरी मिलने के बाद अब एसआईटी आईएएस अधिकारियों से करेगी पूछताछ

- शासन ने दी आईएएस अफसरों से पूछताछ करने की मंजूरी
- आईएएस अफसरों से दून जाकर पूछताछ करेगी एसआईटी
देहरादून । शासन ने एसआईटी को एनएच 74 मुआवजा घोटाले में विवेचना जारी रखने के निर्देश दिए हैं। जिसके क्रम में एसआईटी की एक टीम शीघ्र ही आईएएस अफसर पंकज पांडेय व चंद्रेश यादव से पूछताछ करने जाएगी।
सूत्रों ने बताया कि एसआईटी ने जिन बड़े अफसरों के खिलाफ रिपोर्ट भेजी शासन को भेजी थी, उस रिपोर्ट पर परीक्षण के बाद शासन ने एसआईटी को यह मंजूरी दी है कि वह संबंधित आईपीएस अफसरों से पूछताछ कर सकते हैं। सूत्रों के अनुसार अपर सचिव कार्मिक सुमन वल्दिया ने इस सम्बन्ध में डीजीपी को शासन की तरफ से जांच के लिए स्वीकृति पत्र भेजा है। सूत्रों की मानें तो एसआईटी इन बड़े अफसरों को बयान दर्ज कराने के लिए रुद्रपुर नहीं बुलाएगी, बल्कि एसआईटी की टीम शीघ्र ही इन अफसरों से पूछताछ करने के लिए देहरादून को रवाना होगी।
सूत्रों ने बताया कि पूछताछ के बाद इन अफसरों पर अभियोजन के लिए स्वीकृति भी एसआईटी मांग सकती है। गौरतलब है कि इनमें से एक आईएएस अधिकारी ने आर्बिट्रेटर के रूप में निर्णय की तारीख तय करने के बाद हुए अपने तबादले के बाद भी निर्णय की तारीख से पहले ही अपना निर्णय सुना दिया था जबकि यह एक न्यायिक प्रक्रिया का हिस्सा था और निर्णय कोर्ट में ही सुनाया जा सकता था। ऐसी अन्य अनियमितताएं भी सामने आ चुकी हैं। एसआईटी की जांच में दो आईएएस अफसरों की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं।
- मुआवजा लौटाने वाले किसान भी बन सकते हैं मुल्जिम!
जिन किसानों ने मुआवजे की धनराशि इस लालच में लौटाई है कि वह सरकारी गवाह बन जाएंगे, वह किसान एनएच घोटाले में मुल्जिम भी बन सकते हैं। एसआईटी सिर्फ उन्हीं किसानों को गवाह बनाएगी जिनके एसआईटी ने 164 के तहत कलमबंद बयान दर्ज कराए हैं।
सूत्रों की मानें तो कुछ प्रभावशाली लोग यह सोच कर खुश हैं कि उन्होंने गलत तरीके से लिए गए मुआवजे की राशि में से कुछ धनराशि लौटा दी है तो वह गलत साबित होंगे। दरअसल, मुआवजा लौटाने वालों ने यह लिख कर दिया है कि उन्होंने गलत तरीके से मुआवजा लिया है, जिसे वह लौटा रहे हैं। विधि के जानकारों का कहना है कि ऐसे में यह किसान मुल्जिम बनाए जा सकते हैं। दरअसल, एसआईटी ने जिन किसानों को गवाह बनाया है उनके कोर्ट में धारा 164 के तहत कलमबंद बयान दर्ज कराए हैं। जिन किसानों के कलमबंद बयान दर्ज नहीं होंगे वह मुल्जिम बनाए जा सकते हैं।
- ईडी की जांच में फंसेंगे कई दिग्गज
करोड़ों रुपये का मुआवजा गलत ढंग से डकारने वालों की सूची एसआईटी ने ईडी को सौंप रखी है और वह ईडी की जांच में फंस सकते हैं। कुछ प्रभावशाली लोगों ने थोड़ी सी धनराशि लौटा दी है और सरकारी गवाह बन कर गुनाह से बचने की कोशिश की है, मगर शायद वह इस बात से अनभिज्ञ हैं कि उनके नामों की सूची प्रवर्तन निदेशालय को सौंपी जा चुकी है। प्रवर्तन निदेशालय इस मामले की अलग से जांच कर रहा है।
- एनएच घपला के चर्चित आईएएस अहम पदों पर तैनात रहे हैं
डा. पंकज पांडे 2005 बैच के आईएएस अफसर पंकज कुमार पांडे मूल रूप से उत्तर प्रदेश इलाहाबाद के रहने वाले हैं। वे आईएएस में चयनित होने से पहले एमबीबीएस डॉक्टर रहे। राज्य की सेवाओं में वे कई अहम पदों पर रहे। मौजूदा समय में प्रभारी सचिव का दायित्व देख रहे पांडेय जिलाधिकारी चंपावत, उत्तरकाशी, ऊधमसिंहनगर के साथ ही सूचना महानिदेशक के पद पर भी रह चुके हैं।
चंद्रेश कुमार यादव वर्ष 2006 बैच के आईएएस अफसर चंद्रेश कुमार यादव भी मूल रूप से इलाहाबाद (उत्तर प्रदेश) के रहने वाले हैं। वे आईएएस सेवा में चयनित होने से पहले वित्त सेवा के अफसर रहे। उन्होंने उत्तर प्रदेश में कोषागार में कोषाधिकारी के रूप में भी अपनी सेवाएं दी। वर्तमान में अपर सचिव का दायित्व देख रहे चंद्रेश यादव रुद्रप्रयाग, पौड़ी, देहरादून और यूएसनगर जैसे अहम जिलों में बतौर जिलाधिकारी अपनी सेवाएं दे चुके हैं। इसके अलावा नेशनल हेल्थ मिशन में एमडी व सूचना महानिदेशक का भी कार्यभार देख चुके हैं।