POLITICS
मैं राजनीति में केवल पद के लिए नहीं सेवा के लिए हूं : हरदा

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राजनीतिक जीवन में देखे हैं कई उतार -चढ़ाव : हरीश रावत
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जनता जो फल देती है उसका स्वाद सभी को चखना पड़ता है
देवभूमि मीडिया ब्यूरो
देहरादून। राजनीति से संन्यास की चल रही चर्चाओं पर कांग्रेस महासचिव पद से इस्तीफे के बाद पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने साफ़ -साफ़ कहा, ”मैं केवल पद के लिए राजनीति में नहीं हूँ। उन्होंने कहा मैंने अपने राजनीतिक जीवन में कई उतार -चढ़ाव देखे हैं मेरी जगह कोई और होता तो वह कबका राजनीती छोड़ सन्यासी बन जाता। उन्होंने साथ ही यह भी कहा राजनीती एक तपस्या के समान है जो जनता फल देती है उसका स्वाद सभी को चखना पड़ता है। उन्होंने कहा वर्ष 2017 में हार के बाद राहुल गांधी ने ही उन्हें मैदान में डटे रहने को कहा तो 2019 का लोकसभा चुनाव लड़ा। अब फिर राहुल गांधी से इस संबंध में बात करूंगा। इसके बाद ही कोई निर्णय लूंगा। मैं उत्तराखंड, हिमाचल, उप्र में कांग्रेस की हार के कारणों की तह में जाना चाहता हूं।” वहीं कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव हरीश रावत के इस्तीफा देने के बाद प्रदेश संगठन पर भी इस्तीफे का दबाव बढ़ रहा है।
कुंजवाल का प्रीतम पर जुबानी वार
पूर्व विधान सभा अध्यक्ष और जागेश्वर विधायक गोविंद सिंह कुंजवाल ने कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष पर तंज कसते हुए कहा कि प्रदेश नेतृत्व को राहुल गांधी के इस्तीफा देने के बाद खुद ही इस्तीफा दे देना चाहिए था वहीं उन्होंने कहा कि प्रदेश संगठन को हार की नैतिकता को स्वीकारते हुए इस्तीफा दे देना चाहिए था जैसा कि राहुल गाँधी और हरीश रावत ने किया।
उन्होंने पार्टी अध्यक्ष प्रीतम सिंह पर दो साल बाद भी नई टीम खड़ा न कर पाने का आरोप लगाते हुए कहा कि प्रदेश अध्यक्ष को आज भी प्रदेश में पुरानी संगठनात्मक टीम से ही चलाना पड़ रहा है वहीं प्रदेश संगठन का विस्तार ना होने से भी कार्यकर्ताओं में चुनाव के वक्त वह तेज़ी नहीं दिखी जो दीखनी चाहिए थी। उन्होंने कहा कांग्रेस पार्टी में नई टीम के गठन से ही तेज़ी आएगी।