Uttarakhand

तीन मेडिकल काॅलेजों की हालत बीमार,चौथा को कैसे चलाएगी सरकार

  • हालात खराब हैं और सुधरने की उम्मीद भी नहीं के बराबर
देवभूमि मीडिया ब्यूरो 
देहरादून । सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद एक प्राइवेट मेडिकल कॉलेज का सरकार को सौंपा जाना कई सवाल खड़े कर रहा है। सबसे बड़ा सवाल ये कि जो सरकार अपने 3 बीमार सरकारी मेडिकल कॉलेज नहीं चला पा रही है वो एक और मेडिकल कॉलेज का सिस्टम कैसे चलाएगी।
उत्तराखंड में अब सरकारी मेडिकल कॉलेजों की संख्या 3 से बढ़कर 4 हो चुकी है। श्रीनगर, हल्द्वानी और दून मेडिकल कॉलेज के साथ नया नाम सुभारती मेडिकल कॉलेज का जुड़ा है। सुप्रीम कोर्ट ने इसे उत्तराखंड सरकार को सौंप दिया है। लेकिन सवाल है कि जिस राज्य के 3 सरकारी मेडिकल कॉलेजों की हालत खराब हो, वहां चैथे मेडिकल कॉलेज को सरकार चलाएगी कैसे। हालांकि विभाग और मंत्री दावे कर रहे हैं कि व्यवस्था बना ली जाएगी।
इस बारे में उच्च शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत ने कहा कि कोर्ट के आदेश का पालन करना सरकार का काम है। कोर्ट ने जो भी गाइडलाइन सरकार को दिए हैं हम उसका अक्षरशः पालन करेंगे। अब तक देखने में यही आया है कि सरकार और शासन के दावे अक्सर खोखले साबित होते हैं। अगर ऐसा न होता तो दून मेडिकल कॉलेज में प्रसव के दौरान जच्चा-बच्चा की फर्श पर मौत नहीं होती। साथ ही श्रीनगर मेडिकल कॉलेज सेना को सौंपने की नौबत नहीं आती। इससे साफ है कि हालात खराब हैं और सुधरने की उम्मीद भी नहीं के बराबर है। ऐसे में 3 बीमार सरकारी मेडिकल कॉलेजों के साथ चौथे सुभारती मेडिकल कॉलेज का सिस्टम यहां की सरकार और शासन चला पाएगी, इसकी उम्मीद कम ही लगती है।

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