PERSONALITY

रैंणी गांव की गौरा देवी कैसे बनी चिपको वूमेन फ्राम इण्डिया

प्रस्तुति : विजेंद्र रावत 

गौरा देवी का जन्म 25 अक्टूबर 1925 में उत्तराखंड के चमोली जिले के लाता गाँव में हुआ था. इन्होने 5वीं तक शिक्षा ग्रहण की हैं. इनका विवाह मेहरबान सिंह से हुआ था. ये लोग जीवनयापन करने के लिए पशुपालन, ऊनी कारोबार और खेती किया करते थे. जीविका चलाने के लिए इन्हें तमाम तरह के कष्टों को सहना पड़ता था.

अलकनंदा में 1970 में प्रलयकारी बाढ़ आई, जिससे यहाँ के स्थानीय लोगो में बाढ़ को रोकने के प्रति जागरूकता बढ़ी और इस कार्य के लिये प्रसिद्ध पर्यावरणविद श्री चण्डी प्रसा भट्ट ने पहल की. भारत-चीन युद्ध के बाद भारत सरकार को चमोली की सुध आई और यहाँ पर सैनिको के लिए सुगम मार्ग बनाने के लिए पेड़ों की कटाई की शुरूआत हुई. बाढ़ से प्रभावित लोग के हृदय में पेड़ों और पहाड़ो के प्रति संवेदना जागी और महिला मंगल दलों की स्थापना हुई. 1972 में गौरा देवी को रैणी गाँव की “महिला मंगल दल”का अध्यक्ष चुना गया और धीरे-धीरे हर गाँव में महिला मगल दलों की स्थापना हुई और महिलाओं ने इसमें अपना भरपूर सहयोग दिया.

पेड़ो को बचाने के लिए महिलाओं ने अपनी जान की परवाह किये बिना वो ठेकेदारों से लड़ जाती थी और उन्हें बन्दूक के द्वारा धमकी और अन्य कई अपमानजनक परिस्थितियों का सामना करना पड़ता था. पर वो पीछे नहीं हटी. गौरा देवी के अद्भुत साहस से इन इन महिलाओं में भी शक्ति का संचार हुआ और महिलाए पेड़ों से चिपक गई और कहा कि हमारे साथ इन पेड़ो को भी काट लो. महिलाओं पुलों को तोड़ दिया और जंगल में जाने के रास्तों पर खुद तैनात हो गई.

इस आन्दोलन ने बन प्रेमियों और वैज्ञानिकों के साथ सरकार का भी ध्यान अपनी तरफ आकर्षित किया और सरकार के द्वार डॉ. वीरेन्द्र की अध्यक्षता में एक जांच समीति का गठन किया. जांच के बाद पाया गया कि रैंणी के जंगल के साथ ही अलकनन्दा में बांई ओर मिलने वाली समस्त नदियों ऋषि गंगा, पाताल गंगा, गरुड़ गंगा, विरही और नन्दाकिनी के जल ग्रहण क्षेत्रों और कुवारी पर्वत के जंगलों की सुरक्षा पर्यावरणीय दृष्टि से बहुत आवश्यक है। इस प्रकार से पर्यावरण के प्रति अतुलित प्रेम का प्रदर्शन करने और उसकी रक्षा के लिये अपनी जान को भी ताक पर रखकर गौरा देवी ने जो अनुकरणीय कार्य किया, उसने उन्हें रैंणी गांव की गौरा देवी से चिपको वूमेन फ्राम इण्डिया बना दिया.

नाम – गौरा देवी
जन्म – 25 अक्टूबर 1925
जन्म स्थान – लाता, चमोली, उत्तराखंड, भारत
शिक्षा – 5वीं तक
पति – मेहरबान सिंह
मृत्यु – 4 जुलाई, 1991

devbhoomimedia

डिस्क्लेमर (अस्वीकरण) : देवभूमि मीडिया.कॉम हर पक्ष के विचारों और नज़रिए को अपने यहां समाहित करने के लिए प्रतिबद्ध है। यह जरूरी नहीं है कि हम यहां प्रकाशित सभी विचारों से सहमत हों। लेकिन हम सबकी अभिव्यक्ति की आज़ादी के अधिकार का समर्थन करते हैं। ऐसे स्वतंत्र लेखक,ब्लॉगर और स्तंभकार जो देवभूमि मीडिया.कॉम के कर्मचारी नहीं हैं, उनके लेख, सूचनाएं या उनके द्वारा व्यक्त किया गया विचार उनका निजी है, यह देवभूमि मीडिया.कॉम का नज़रिया नहीं है और नहीं कहा जा सकता है। ऐसी किसी चीज की जवाबदेही या उत्तरदायित्व देवभूमि मीडिया.कॉम का नहीं होगा। धन्यवाद !

Related Articles

Back to top button
Translate »