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हिमालयी राज्य अब एकजुट होकर 15वें वित्त आयोग के दर पर रखेंगे अपना पक्ष

हिमालयी राज्यों के मुख्यमंत्रियों का इसी महीने होगा सम्मेलन

हिमालय राज्य विशिष्ट व विषम परिस्थितियों के हैं शिकार

विकास के लिए अलग से करेंगे मदद की गुहार 

देवभूमि मीडिया ब्यूरो 

देहरादून : विशिष्ट भौगोलिक संरचना और उससे उत्पन्न समस्याओं से जूझ रहे हिमालयी राज्यों की जरूरत, सीमित आर्थिक संसाधन, पर्यावरणीय महत्व को ध्यान में रखकर सभी हिमालयी राज्य 15वें वित्त आयोग को संयुक्त प्रतिवेदन देने पर विचार कर रहे हैं ताकि इनकी समस्याओं को देश के अन्य राज्यों से इतर समझते हुए इनको विशेष सहायता की दरख्वास्त की जा सके।

इस सम्बन्ध में आगामी 27 व 28 जुलाई को हिमालयी राज्यों के मुख्यमंत्रियों का सम्मेलन देहरादून में बुलाने की कवायद की जा रही है। 15वें वित्त आयोग अपनी रिपोर्ट को अंतिम रूप दे रहा है। इस रिपोर्ट के आधार पर ही हर राज्य को अगले पांच वर्षो के लिए केंद्र से वित्तीय मदद मिलेगी। इस सिलसिले में राज्यों की ओर से आयोग के सामने अपना पक्ष रखा जा चुका है। वहीं आयोग का दल भी विभिन्न हिमालयी राज्यों का दौरा कर चुका है। आयोग की रिपोर्ट को सबसे ज्यादा सतर्कता 11 हिमालयी राज्यों को बरतनी पड़ रही है।

गौरतलब हो कि पिछले 14वें वित्त आयोग की रिपोर्ट ने हिमालयी राज्यों में भी उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर की मुश्किलें बढ़ा दी थीं। साथ ही इन राज्यों के विशेष दर्जे पर भी सवालिया निशान लगा दिए थे। पिछले आयोग ने हिमालयी राज्यों को केंद्र से मिलने वाली विशेष मदद पर रोक लगा दी थी। ब्लॉक ग्रांट्स रुकने से राज्यों को दिक्कतें उठानी पड़ी हैं।

हिमालयी राज्यों में उक्त तीनों राज्यों के साथ ही पूर्वोत्तर राज्य असम, अरुणाचल, त्रिपुरा, मेघालय, मणिपुर, नागालैंड, मिजोरम और सिक्किम शामिल हैं। हिमालयी राज्यों को विशिष्ट भौगोलिक संरचना के चलते निर्माण कार्यो की अधिक लागत, पर्यावरणीय दिक्कतों और सीमित आर्थिक संसाधनों से जूझना पड़ रहा है। इस वजह से इन राज्यों के लिए अपने बूते पिछड़ेपन से उबरना मुश्किल हो रहा है।

ऐसे में उत्तराखंड सभी हिमालयी राज्यों को साथ लेकर 15वें वित्त आयोग के दर पर दस्तक देने जा रहा है। वित्त सचिव अमित नेगी के अनुसार हिमालयी राज्य संयुक्त प्रतिवेदन आयोग को सौंपेंगे। इन राज्यों के मुख्यमंत्रियों का सम्मेलन आगामी 27 या 28 जुलाई को आयोजित करने पर विचार किया जा रहा है।

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