हाई कोर्ट दक्षिण अफ्रीका टूर घोटाले में मांगे जवाब

- कोर्ट ने सवाल पूछा अवकाश के दिन कैसे कर दिया भुगतान
देवभूमि मीडिया ब्यूरो
नैनीताल : हाई कोर्ट ने कांग्रेस शासनकाल के दौरान ईको-टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए दक्षिण अफ्रीका टूर घोटाला पर सख्त रुख अपनाते हुए मामले में तत्कालीन मुख्य वन्य जीव प्रतिपालक डीबीएस खाती, जैव विविधता बोर्ड के सचिव जीएस पांडे, लेजर ग्रुप के मालिक मुकुंद प्रसाद को नोटिस जारी किया है।
वहीं उच्च न्यायलय ने साथ ही राज्य सरकार को चार सप्ताह में जवाब दाखिल करने के निर्देश भी दिए हैं। पूर्व में टूर कराने वाली संस्था सिफडी की ओर से जवाब दाखिल कर कहा गया था कि टूर के नाम पर 20 लाख का भुगतान 15 अगस्त 2008 को किया गया था तो कोर्ट ने सवाल पूछा था कि अवकाश के दिन कैसे भुगतान कर दिया गया। साथ ही कालागढ़ रेंज के रेंजर आरके तिवारी को स्वत: संज्ञान लेते हुए जनहित याचिका में पक्षकार बनाया था।
अधिवक्ता जयप्रकाश डबराल ने जनहित याचिका दायर की थी और कहा था कि 2006 में तत्कालीन कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में कैबिनेट मंत्री रहे नव प्रभात, पूर्व विधायक शैलेंद्र मोहन सिंघल समेत तीन वन अफसर व कई अन्य लोग ईको-टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए दक्षिण अफ्रीका टूर पर गए। उस दौरे में सरकारी धन का दुरुपयोग किया गया। याचिकाकर्ता ने मामले की जांच की मांग की थी।
मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रमेश रंगनाथन व न्यायमूर्ति रमेश खुल्बे की खंडपीठ ने मामले में सुनवाई करते हुए मुख्य वन्य जीव प्रतिपालक दिग्विजय सिंह खाती, जैव विविधता बोर्ड सचिव जीएस पांडे, लेसर ग्रुप के निदेशक मुकुंद प्रसाद को नोटिस जारी किया है। सरकार को भी चार सप्ताह में जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं। अगली सुनवाई 14 फरवरी नियत की है।