हाई कोर्ट का आदेश : छह माह में किया जाये फ्लाईओवरों का निर्माण कार्य
उच्च न्यायालय के आदेश को जुगरान ने ऐतिहासिक बताया
देहरादून । भारतीय जनता पार्टी के नेता व पूर्व दायित्वधारी रविन्द्र जुगरान ने कहा है कि राजधानी में वर्ष वर्ष 2013 से निर्माणाधीन तीन फ्लाईओवर बल्लूपुर चैक, बल्लीवाला चैक एवं आईएसबीटी के साथ ही जोगीवाला एवं भंडारी बाग का काम भी शुरू होना था जो अभी तक नहीं है और इस मामले में उच्च न्यायालय ने छह माह के भीतर कार्य पूरा कराने का निर्देश दिया है जो एक सराहनीय कदम है।
यहां परेड ग्राउंड स्थित उत्तराँचल प्रेस क्लब में पत्रकारों से रूबरू होते हुए जुगरान ने कहा कि उच्च न्यायालय का सात नवम्बर का पफैसला गागर में सागर है। उनका कहना है कि उन्होंने डेढ वर्ष पूर्व एक जनहित याचिका नैनीताल हाईकोर्ट में दायर की थी और उस पर हाईकोर्ट ने संज्ञान लिया। उन्होंने कहा कि राजधानी में जो भी फ्लाईओवर बन रहे है वह राष्ट्रीय राजमार्ग अधिनियम 1956 के प्रावधानों एवं मानकों का खुला उल्लंधन कर रहे है और इस पर भी कार्यवाही किये जाने की आवश्यकता है।
उन्होंने उच्च न्यायालय के पफैसले का स्वागत करते हुए कहा कि यह निर्णय भी गागर में सागर है और उच्च न्यायालय द्वारा जनहित एवं न्याय में उजागर किये गये सभी बिन्दुओं का संज्ञान लेते हुए ऐतिहासिक निर्णय दिया है जिससे भ्रष्टाचार पर कार्यवाही हो सकेगी और व्यापक जनहित में निर्माण में तेजी आयेगी तथा गुणवत्ता में सुधार होगा, नियम व मानकों के अनुसार अब काम होगा, कमियों को सुधारा जा सकेगा व दोषी विभाग व अधिकारियों के साथ ही कार्यदायी संस्था को दंडित किया जा सकेगा।
उनका कहना है कि उच्च न्यायालय ने अपने फैसले में इस जनहित याचिका को लोकहित के महत्व के बिन्दुओं को उजागर करने वाला बताना और साथ ही कहा कि इसमें आश्चर्यजन तरीके के कई मामलों का खुलासा हुआ है। उनका कहना है कि छह महीनें में आईएसबीटी और बल्लूपुर का काम पूरा करने का आदेश दिया है और ईपीआईएल के एमडी और पीडब्ल्यूडी के सचिव उत्तराखंड के सचिव का उत्तरदायित्व होगा की दिये गये छह माह के समय में वे निर्माणाधीन फ्लाईओवर का काम पूरा करना सुनिश्चित करें। बल्लीवाला फ्लाईओवर जिसका काम पूरा हो गया है उसको राष्ट्रीय राजमार्ग अधिनियम 1956 के प्रावधानों और नियमों के अनुसार जो भी मुख्य सुविधायें है उन्हें दिया जाय और जैसे लाईसिंग, सर्विस रोड, ड्रेनेज, पैदल चलने वालांें के लिए सड़क आदि और इस काम को तीन माह में पूरा करना होगा के निर्देश उच्च न्यायालय ने दिये है।
उनका कहना है कि एक महत्वपूर्ण आदेश में न्यायालय ने कहा कि राज्य में निर्माणाधीन पुल, फ्लाईओवर आदि जो अधूरे है उनको भी एक वर्ष के निश्चित अवधि में पूरा करने के निर्देश दिये है और राज्य के पीडब्ल्यूडी सचिव को निर्देशित किया गया है कि अधूरे कार्यों को एक वर्ष के भीतर पूरा करें, उनका कहना है कि न्यायालय ने कहा है कि अगर पफैसले के आदेश पर कार्यवाही होने पर लापरवाही बरती गई तो कार्यदायी संस्था के एमडी को सस्पैंड किया जा सकता है, और इसके साथ न्यायालय ने जनहित मंे कई आदेश दिये है। इस अवसर पर वार्ता में पार्षद राजकुमार कक्कड आदि मौजूद थे।