LAW & ORDERs
हाईकोर्ट : बाघों और तेंदुओं के अंगों के मामले में 15 अक्टूबर तक पेश हो जांच रिपोर्ट

जांच पूरी हो गई है लेकिन जांच रिपोर्ट पेश नहीं की जा रही : जाँच अधिकारी
अधिकारियों को बचाने के लिए सरकार ने मनोज चंद्रन की रिपोर्ट को बताया गलत : याचिका
देवभूमि मीडिया ब्यूरो
नैनीताल : राजाजी नेशनल पार्क में बाघों और तेंदुओं का शिकार कर उनके अंगों को जमीन में गाड़ने के मामले में दायर याचिका पर हाईकोर्ट ने एसटीएफ की जांच अधिकारी रिद्धिमा अग्रवाल को 15 अक्टूबर तक जांच रिपोर्ट सील बंद लिफाफे में पेश करने के निर्देश दिए हैं। हालांकि इस प्रकरण पर रिपोर्ट पेश करने के लिए समय मांगने पर हाईकोर्ट ने सरकार को तीन सप्ताह का समय दिया है। मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन एवं न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई।
गौरतलब हो कि हरिद्वार निवासी दिनेश चंद्र पांडे ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा था कि राजाजी नेशनल पार्क में वन विभाग के उच्चाधिकारियों की मिलीभगत से बाघों और तेंदुओं का शिकार किया जा रहा है। उनके अंगों को भूमि में गाड़ दिया जा रहा है। याचिका में कहा गया कि 2018 में मुखबिर की सूचना पर दो तेंदुओं और दो बाघों के अंग मिले, जिनकी जांच वाइल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट देहरादून से कराई गई। इसकी जांच सरकार ने आईएफएस मनोज चंद्रन से कराई, जिसमें 95 प्रतिशत जांच होने पर वन विभाग के कई बड़े अधिकारियों के नाम सामने आए।