Uttarakhand

शक्तिमान घोड़े पर हमले के आरोपी विधायक पर दर्ज मुकदमा हुआ वापस

  • भाजपा  ने सत्ता में आते ही छह महीने बाद वापस लिया मामला 
  • हरीश रावत सरकार में खूब चर्चाओं में आया था मामला 

देहरादून: देशभर में घोड़े की टांग तोड़ने को  लेकर हरीश रावत सरकार के दौरान चर्चा में आये भाजपा विधायक गणेश जोशी पर लगे मामले को भाजपा ने सत्ता में आने के छह महीने बाद वापस ले लिया है। यह मामला भाजपा द्वारा कांग्रेस सरकार के विरोध प्रदर्शन के दौरान तब चर्चाओं में आया था जब भाजपा विधायक पर उत्तराखंड पुलिस के घोड़े ‘शक्तिमान’ पर कथित रूप से हमला कर उसे गंभीर रूप से घायल करने करने का आरोप लगा था । मामले को वापस लेने सम्बन्धी इस आशय का एक पत्र अपर सचिव ने जिलाधिकारी देहरादून को भेज दिया है। 

जिलाधिकारी देहरादून को भेजे पत्र में कहा गया है कि नेहरु कॉलोनी थाने में  पंजीकृत मुकदमा संख्या 54/2016 के अंतर्गत धारा 147, 148,332, 353,34,188,429 IPC 11ठ पशु क्रूरता निवारण अधिनियम तथा धारा 7  दंडित विधि संशोधन  अधिनियम 1932 सरकार बनाम गणेश जोशी आदि पर दर्ज अभियोग को वापस लिए जाने का निर्णय लिया गया है।

 गौरतलब हो कि 14 मार्च को भाजपा के विधानसभा कूच के दौरान रिस्पना पुल बैरियर पर हुए बवाल के दौरान पुलिस के घोडे़ ‘शक्तिमान’ के बाएं पैर की हड्डी टूट गई थी। पुलिस की तरफ से दर्ज पहले मुकदमे में ‘शक्तिमान’ का पैर तोड़ने के मामले में मसूरी क्षेत्र के भाजपा विधायक गणेश जोशी और हल्द्वानी से भाजयुमो नेता प्रमोद बोरा और जोगेंद्र पुंडीर सहित उनके समर्थक नामजद हुए थे । उक्त आरोप में गत 18 मार्च 2016 को गिरफ्तार किये गये भाजपा विधायक गणेश जोशी को काफी दिनों बाद  एक स्थानीय अदालत ने 25-25 हजार रुपये के दो मुचलके पर जोशी को जमानत दे दी थी ।

वहीँ उस दौरान विधायक गणेश जोशी ने सफाई देते हुए कहा था कि मैंने सिर्फ घोड़े को हटाने के लिए उसे डराया था। उन्होंने कहा था कि घोड़े का पैर लोहे के एंगल में फंसने से टूटा। इसमें मेरा कोई कसूर नहीं है।

वहीँ यह भी गौरतलब हो कि बीजेपी के प्रदर्शन के दौरान क्रूरतापूर्वक हमले के शिकार पुलिस के घोड़े ‘शक्तिमान’ का पैर आपातकालीन जीवन रक्षक सर्जरी में काटना पड़ा था । जिसके कुछ ही दिनों बाद   उसकी मौत हो गयी थी। 

 

devbhoomimedia

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