UTTARAKHAND

भारी बर्फबारी से पहाड़ से मैदान तक हाड़ कंपाने वाली ठंड बढ़ी, जनजीवन अस्त-व्यस्त 

ऊंची पहाडियों में बर्फ व हिमकणों की सफेद चादर बिछी

बदरीनाथ धाम में छह फीट, हेमकुंड साहिब में सात फीट और औली में डेढ़ फीट से ज्यादा बर्फ जमी 

                                                                                            देवभूमि मीडिया ब्यूरो 

देहरादून। भारी बर्फबारी से पहाड़ से मैदान तक हाड़ कंपाने वाली ठंड बढ़ गई है। शुक्रवार सुबह नैनीताल, धनोल्टी, औली और चकराता में बर्फबारी से और भी ठंड बढ़ गई। वहीं सुबह हुई बर्फबारी के बाद से ही औली, गंगोत्री-यमुनोत्री मार्ग बंद हो गए हैं। वहीं भारी बर्फबारी की संभावना को देखते हुए नैनीताल, चंपावत, पिथौरागढ़, देहरादून, रुद्रप्रयाग और चमोली में प्रशासन ने स्कूल बंद रखने के निर्देश दिए हैं। बदरीनाथ धाम में छह फीट, हेमकुंड साहिब में सात फीट और औली में डेढ़ फीट बर्फ जम गई है। चमोली और उत्तरकाशी में कई गांवों का संपर्क मुख्य मार्गों से कट गया है। उधर, पिथौरागढ़-घाट मोटर मार्ग दिल्ली बैंड के पास चट्टान गिरने से बंद हो गया है। मुनस्यारी-थल मार्ग भी बर्फबारी के कारण मार्ग बंद है। धानाचूली में बर्फबारी के चलते लोहाघाट-देवीधुरा मोटर मार्ग बंद होने से रोडवेज की 3 बसें रास्ते में फंस गई हैं।

पहाड़ों की रानी मसूरी में शुक्रवार को मौसम में बदलाव हुआ है। तापमान में गिरावट आने से अचानक ठिठुरन बढ़ गई है। वहीं, ठंड बढ़ने से अब बर्फबारी होने की संभावना भी बढ़ गई है। गुरुवार से ही गढ़वाल और कुमाऊं में मौसम का मिजाज बिगड़ गया था। चमोली जिले में बदरीनाथ धाम के साथ ही हेमकुंड साहिब, रुद्रनाथ, गौरसों बुग्याल, औली सहित ऊंचाई वाले क्षेत्रों में दिनभर रुक-रुककर बर्फबारी होती रही जो कि आज भी जारी है। गैरसैंण में भी शुक्रवार सुबह से बर्फबारी हो रही है। चमोली जिले के लगभग 135 गांव बर्फ के आगोश में समा गए हैं। बर्फबारी से निजमूला घाटी के पाणा, ईराणी, झींझी, पगना, गैरसैंण के दिवालीखाल, भराड़ीसैंण, पोरवाड़ी गांव के साथ ही 25 अन्य गांवों में शुक्रवार को विद्युत सप्लाई ठप पड़ गई है। 

भराड़ीसैंण में विधानसभा भवन एवं परिसर के आसपास करीब 6 फीट तक बर्फ पड़ी है। यहां पूरे क्षेत्र में चारों तरफ कोहरा छाया है। मौसम विभाग ने आज भी उत्तरकाशी, चमोली, रुद्रप्रयाग, बागेश्वर, अल्मोड़ा, देहरादून, टिहरी, पौड़ी और पिथौरागढ़ के ऊंचाई वाले इलाकों में भारी बर्फबारी का अलर्ट जारी किया हुआ है। साथ ही प्रदेश में आज और कल कोल्ड डे कंडीशन भी हो सकती है। पहाड़ में बृहस्पतिवार से हो रही बर्फबारी के बाद से चमोली जिले के लगभग 135 गांव बर्फ से ढक गए हैं। बर्फबारी से निजमूला घाटी के पाणा, ईराणी, झींझी, पगना, गैरसैंण के दिवालीखाल, भराड़ीसैंण, पोरवाड़ी गांव के साथ ही 25 अन्य गांवों में शुक्रवार को विद्युत सप्लाई ठप हो गई।

जोशीमठ-औली, चमोली-मंडल-ऊखीमठ और घाट-रामणी मोटर मार्ग अवरुद्ध हो गए हैं। जोशीमठ-मलारी हाईवे पर भी मलारी से आगे बर्फ जमने से सेना के वाहनों की आवाजाही थम गई है। बीते दो दिनों से लगातार हो रही बर्फबारी के कारण शुक्रवार को गंगोत्री व यमुनोत्री हाईवे समेत जनपद के 11 मोटर मार्गों पर यातायात बाधित हो गया। उत्तरकाशी जिले में गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के साथ ही समुद्र सतह से ढाई हजार मीटर से अधिक ऊंचाई वाले इलाकों ने बर्फ की सफेद चादर ओढ़ ली है।

उत्तरकाशी के बडकोट में लगातार बारिश बर्फबारी के कारण यमुनोत्री हाईवे रानाचटटी से आगे और राडीटॉप में बाधित हो गया है। जिससे रवांई घाटी का जिला मुख्यालय उत्तरकाशी व गीठ पटटी के 12 गांवो का तहसील मुख्यालय से सम्पर्क कट गया है। केदारनाथ में पांच फीट से अधिक बर्फ जम चुकी है। मंदिर परिसर समेत अन्य सभी स्थानों पर बर्फ की मोटी चादर बिछ चुकी है। यहां दिनभर तापमान माइनस में रहा। धाम में अधिकतम तापमान माइनस 10 व न्यूनतम माइनस 12 डिग्री सेल्सियश दर्ज किया गया।

द्वितीय केदार मद्महेश्वर, तृतीय केदार तुंगनाथ समेत पर्यटक स्थल, चोपता, दुगलबिट्टा, देवरियाताल, कालशिला बर्फ से लकदक हो चुके हैं। जनपद के 30 से अधिक गांव बर्फबारी से व्यापक प्रभावित हुए हैं। उच्च हिमालयी क्षेत्रों में जमकर हुई बर्फबारी के चलते कुमाऊं के सभी जिलों में शुक्रवार तड़के से शीतलहर का प्रकोप है। मौसम विभाग की ओर से अगले 24 घंटे में भारी बर्फबारी और बारिश की चेतावनी है।

अल्मोड़ा, पहाड़पानी, लोहाघाट और हल्द्वानी, पिथौरागढ़ और टनकपुर में देर रात से बारिश हो रही है। बर्फबारी के चलते मुनस्यारी थल मोटर मार्ग बंद हो गया है। मुनस्यारी के ऊंचाई वाले इलाकों के साथ ही बाजार और निचले इलाकों में भी बर्फबारी जारी है। कपकोट क्षेत्र में खाती, बाछम, लोधुरा लीती, कर्मी विनायल, कर्मी तोली, धाकुड़ी, खलीधार में बर्फबारी और ठंड के चलते आपदा प्रबंधन विभाग को अलर्ट पर रखा है।

मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार बीती रात व शुक्रवार की सुबह भारी मात्रा में हिमकण व साथ ही हिमपात हुआ। नैनीताल में यह मौसम का पहला हिमपात है। कई स्थानों में एक से पांच इंच तक बर्फबारी हुई। समाचार लिखे जाने तक यहां वर्षा जारी थी। मौसम विभाग के अनुमानों के अनुसार अगले 24 घंटों में भारी वर्षा व ऊंचाई वाले हिस्सों में बर्फबारी हो सकती है।

शुक्रवार को सुबह लोगों की आंख खुली तो नैनीताल व उसके आसपास के पहाडियों में सफेद चादर बिछी देखी। नैनीताल पहुंचे सैलानियों की जैसे मुराद पूरी हो गई। सैलानियों ने बर्फबारी का जमकर आनंद उठाया। आज बर्फबारी नैनीताल के किलबरी, हिमालय दर्शन, पंगूट, नैना पीक, स्नोब्यू, टांकी बैंड, बारापत्थर सहित ऊंचाई वाले इलाकों में हुई। सुबह हवा चलने के कारण बर्फबारी में भारी ब्रेक लग गया। जबकि निचले इलाकों में सुबह हवा के साथ हिमकण व वर्षा हुई। यहां शुक्रवार को आसमान में बादल छाये रहने व वर्षा के साथ बर्फ व हिमकण की सफेद चादर बिछी रहने से कड़ाके की ठंड जारी थी।

फल पट्टी क्षेत्र धानाचूली, खपराड, रामगढ़, धारी, पहाड़पानी व मुक्तेश्वर की पहाडियों में भी भारी बर्फबारी होने की सूचना है। यहां बागवानों ने भी राहत ली है। दोपहर तक यहां नैना पीक व अन्य पहाडियों में बर्फ व हिमकण पिघलनी शुरू हो गई थी। नैनीताल पहुंचे सैलानियों ने किलबरी, हिमालय दर्शन पहुंच कर जमकर फोटोग्राफी की। सैलानियों ने बर्फ के गोले बना कर एक दूसरे पर फेंक कर आनंद उठाया। बीते दिन से यहां मौसम ने अचानक करवट बदल ली। बीती रात आसमान में बादल छाने के बाद यहां वर्षा शुरू हो गई। इसके साथ हिमकण गिरने लगे। रात्रि में हल्का हिमपात हुआ। शुक्रवार की सुबह नैनीताल व उसके आसपास के पहाडियों में सफेद चादर बिछी रही। दोपहर तक अधिकांश पहाडियों में सफेद चादर पिघल चुकी थी। पेड़ों में बिछी सफेद चादर पिघल गई। किलबरी क्षेत्र सहित ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फ की चादर बिछी रही।

उधर किलबरी व हिमालय दर्शन, स्नोव्यू, बारापत्थर आदि स्थानों में पहुंच कर सैलानियों ने जमकर फोटोग्राफी की। इन स्थानों में एक से दो इंच तक हिमकण व बर्फ गिरने से सड़के काफी खतरनाक बनी हुई थी। वाहनों के आवागमन में काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। पंगूट मार्ग के किलबरी बैंड में वाहनों का आवाजाही भी सुबह रोक दी गई थी। लोनिवि की मशीनों ने पंगेट व स्नोव्यू मार्ग में जीम बर्फ को हटा कर यातायात सुचारू किया। पर्यटक को हिमालय दर्शन, किलबरी, स्नोव्यू, टिफिनटॉप तथा अयारपाटा आदि स्थलों में भी पहुंचे। बर्फवारी वर्षा रबी की फसल व बागवानी के लिए लाभप्रद मानी जा रही है। लेकिन अभी तक ऊंची पहाडियों में लकदक बर्फबारी नहीं हो पाई है।

जीआईसी स्थित मौसम विज्ञान केंद्र के प्रभारी प्रताप सिंह बिष्ट ने बताया कि अधिकतम तापमान 10 तथा न्यूनतम तापमान पांच डिग्री सेल्सियस दर्ज किया। दूसरी ओर नैनी झील नियंत्रण कक्ष के प्रभारी रमेश सिंह की मानें तो झील का जल स्तर 5.8 फीट पहुंच गया है। इधर हल्द्वानी में बारिश के चलते पारा लुढ़क गया है। न्यूनतम तापमान में यहां पांच डिग्री सेल्सियस तक की कमी आयी है। अनुमान है कि अधिकतम तापमान में भी छह डिग्री तक की कमी आयेगी। यहां बारिश की वजह से सड़कों पर सन्नाटा पसरा रहा। ज्यादातर लोग घरों में दुबके रहे। हीटर, अलाव के पास बैठे रहे। मौसम विज्ञान केन्द्र देहरादून के अनुसार शनिवार को भी मौसम पूरी तरह से साफ नहीं होगा। और ठंड का प्रकोप रहेगा।

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