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प्रवासी भारतीयों में राष्ट्रीय सरकार को चुनने के लिए भारी उत्साह

- कई प्रवासी भारतीय पहुँचेंगे वोट डालने के लिए भारत
- प्रवासियों के लिए वोट डालने की सुविधा की जा रही माँग
रमेश ”पहाड़ी”

ऐसे ही उत्साही नौजवानों में चमोली जिले के पोखरी ब्लॉक के कैलब गाँव निवासी चंद्रप्रकाश गैरोला का नाम प्रमुखता से लिया जा सकता है। दुबई में बीमा कंपनी से जुड़े चंद्रप्रकाश गैरोला पिछले कुछ वर्षों से पहाड़ के खाली होते जा रहे गाँवों के पुनर्स्थापन की समस्या पर कार्य कर रहे हैं और गाँव के युवाओं के साथ मिलकर वे जनविहीन होने जा रहे अपने गाँव से इसकी शुरूआत कर चुके हैं। इसके परिणाम आगामी कुछ वर्षों में दिखाई देने लगेंगे।
इस बार उन्होंने प्रवासी भारतीयों को देश की सरकार चुनने में अपने संविधान प्रदत्त लोकतांत्रिक अधिकार का उपयोग करने का अभियान चलाया है। इसके लिए वे व्यक्तिगत संपर्कों के अलावा सोशल मीडिया के साथ ही प्रिंट एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया का भी सहारा ले रहे हैं और लोगों से अपील कर रहे हैं कि वे मतदान के अधिकार का उपयोग अवश्य करें और देश की सरकार के निर्माण में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करने का कर्तव्य निभाएं।
चंद्रप्रकाश गैरोला का कहना है कि रोजगार के लिए बड़ी संख्या में भारतीय नागरिक विदेशों में कार्यरत हैं। वे वहाँ पैसा कमाते हैं और उसे देश में भेजकर देश के अर्थ-तंत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। देश के सुख-दुख में भी वे शक्तिभर योगदान करते हैं और देश की सभ्यता व संस्कृति का व्यापक प्रसार भी करते हैं लेकिन व्यय की अधिकता के कारण अधिसंख्य लोग वोट देने के लिए स्वदेश नहीं आ पाते। उन्होंने माँग की है कि सरकार को प्रवासी भारतीय नागरिकों को वोट देने के लिए ऐसे सरल व व्यावहारिक तंत्र का विकास करना चाहिए, जिससे प्रवासी भारतीय भी आसानी से अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकें।
गैरोला ने इस संबंध में राष्ट्रपति एवं प्रधानमंत्री से भी पत्राचार करने का विचार बनाया है। उन्होंने कहा है कि विदेश मंत्रालय की दिसम्बर 2018 की रिपोर्ट के अनुसार विश्व के 208 देशों में 3 करोड़ 10 लाख अप्रवासी भारतीय हैं। इकोनॉमिक टाइम्स का हवाला देते हुए गैरोला ने बताया कि प्रवासी भारतीयों ने वर्ष 2018 में 80 अरब अमेरिकी डॉलर (लगभग साढ़े 5 लाख करोड़ रुपये) के बराबर की धनराशि भारत भेजी है। इतनी बड़ी जनसंख्या को मताधिकार की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए भारत सरकार को अवश्य सोचना चाहिए और ऐसा तंत्र विकसित करना चाहिए कि सभी प्रवासी भारतीय अपने इस संवैधानिक अधिकार का उपयोग कर सकें। चंद्रप्रकाश गैरोला के इस अभियान को दुबई के राष्ट्रीय अखबार ‘ख़लीज़ टाइम्स’ और ‘गल्फ न्यूज’ ने प्रमुखता से प्रकाशित किया है। गैरोला ने बताया कि वे स्वयं तथा खाड़ी देशों में कार्यरत कई लोग वोट देने के लिए अपने घरों को पहुँच रहे हैं।