हरीश रावत बोले, मेरे कार्यकाल की करा ले सरकार कैसी भी जांच
एनएच-74 घोटाले को लेकर भी राज्य सरकार पर बोला हमला
देहरादून । पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने राज्य सरकार की मंशा पर चैतरफा संदेह जताते हुए कहा कि वह जिस तरह से घोटालों को लेकर अपना कार्य कर रही है उसमे एक अच्छी धारणा को लेकर उसे अपने कदम आगे बढ़ाने चाहिए। उन्होंने कहा कि एनएच-74 मुआवजा घोटाले की जांच कराने का बड़ा निर्णय प्रदेश सरकार पहले ही ले चुकी है और इस मामले में उनका फिलहाल कुछ भी कहना ठीक नहीं है।
रावत आज दोपहर के समय अचानक विधानसभा पहुंचे और वहां पर उन्होंने मीडिया से बातचीत करते हुए उनके पूरी सादगी के साथ एक के बाद एक जवाब दिये। पूर्व सीएम ने कहा कि प्रदेश के अन्दर भाजपा की नई सरकार आयी है, उसने हमारी पूर्व सरकार को भ्रष्टाचार के पायेदान पर खड़ा करते हुए जो भी कार्यशैली अपनाई है वह इस सरकार की अपनी कार्यशैली है। उन्होंने अपनी पूर्व सरकार पर भ्रष्टाचार के मामलों को लेकर उठाई जा रही उंगलियों के मुददे पर कहा कि मैंने अपनी सरकार का कामकाज वर्ष 2014 में संभाला था, राज्य सरकार उनके इसी वर्ष 2014 से लेकर 2017 के प्रारम्भ तक के कामकाज की कैसी भी जांच करा ले, वे उसके लिए तैयार हैं।
उन्होंने कहा कि एनएच-74 भूमि अधिग्रहण मुआवजा घोटाले की राज्य सरकार द्वारा कराई गयी जांच एवं इसी मामले की सरकार की ओर से सीबीआई जांच के लिए की गयी संस्तुति मामले में मुझको सीबीआई पर भरोसा नहीं है। पूर्व मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि बेहतर होता कि उसकी जांच हाईकोर्ट के किसी भी जज अथवा रिटायर्ड जज से जांच कराई जाती। हालांकि रावत ने यह भी कहा कि हाइवे घोटाले की जांच के विषय पर त्रिवेन्द्र सरकार ने अपना फैसला जब ले लिया है तो उस पर उनका बोलना अभी उचित ही नहीं है।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि मेरी सरकार के कार्यकाल के दौरान जितनी भी घोषणाएं राज्य के विकास से संबंधित की गयीं थी, उन सभी क्रियान्वित करने अथवा सफल बनाने की दिशा में ठोस प्रयास किये गये। कहीं पर भी लापरवाही नहीं बरती गयी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को पूर्ववर्ती सरकारों के कार्यकालों की भी जांच करानी चाहिए। हरीश रावत का यह भी कहना था कि कांग्रेस ने कभी भी भ्रष्टाचार की दिशा में रहकर कार्य नहीं किया, बल्कि भ्रष्टाचार को समाप्त करने के लिए नीति बनाकर सदैव ही कार्य किया। इसलिए प्रदेश सरकार को कम से कम उनकी रावत सरकार के कार्यकाल में किये गये विकास कार्यों को भ्रष्टाचार की नजरों से नहीं देखना चाहिए।