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विधानसभा में लोकायुक्त विधेयक पेश

देहरादून। उत्तराखंड विधानसभा में सोमवार को लेखानुदान प्रस्तुत करने जाते वित्त मंत्री प्रकाश चंद्र पन्त, पंत ने ही लोकायुक्त और तबादला कानून सदन में पेश किया। उत्तराखंड की नई सरकार ने दसवें दिन ही विधानसभा में लोकायुक्त विधेयक पेश कर भ्रष्टाचार के खिलाफ कड़ी चोट की है। सोमवार को संसदीय कार्य मंत्री प्रकाश पंत ने विधानसभा सत्र के दूसरे दिन सदन में लोकायुक्त और तबादला विधेयक पेश किया। साथ ही राज्य के चार महीने के खर्चों के लिए 16 हजार अड़तालीस करोड़ का लेखानुदान भी प्रस्तुत किया गया है।

संसदीय कार्य मंत्री प्रकाश पंत की ओर से सोमवार को शाम चार बजे पहले लेखानुदान प्रस्तुत किया गया।

उसके बाद उत्तराखंड लोक सेवकों के लिए वार्षिक स्थानांतरण विधेयक और फिर उत्तराखंड लोकायुक्त अधिनियम-2007 विधानसभा के पटल पर प्रस्तुत किया गया। अब सदन में मंगलवार को लोकायुक्त और तबादला कानून पर सदन में चर्चा होगी और इसके बाद इसे पास कराया जाएगा। संसदीय कार्य मंत्री प्रकाश पंत ने बताया कि सरकार का मकसद राज्य के लोगों को पारदर्शी सरकार देना है और इसीलिए पहले ही सत्र में लोकायुक्त और तबादला कानून पेश किया गया है। उन्होंने कहा कि 2011 में पास किए गए लोकायुक्त कानून व तबादला एक्ट को ही राज्य में लागू किया जाएगा। कांग्रेस सरकार द्वारा पिछले पांच सालों के दौरान समय समय पर इन कानूनों में किए गए संशोधनों को खत्म किया जाएगा। इसके अलावा सोमवार को सरकार की ओर से सदन में दो निजी विवि विधेयक भी प्रस्तुत किए गए। 2007 में खंडूड़ी सरकार ने भी लोकायुक्त विधेयक पेश किया था, लेकिन यह लागू नहीं हो पाया था।

20 विधेयक बने कानून

राज्यपाल की मंजूरी के बाद 20 विधेयक कानून बन गए हैं। सदन में सोमवार को सचिव विधानसभा जगदीश चंद्र ने इसकी जानकारी दी। बताया कि उत्तराखंड कूड़ा फैंकना एवं थूकना प्रतिषेध विधेयक, चलचित्र (विनियमन)(संशोधन) विधेयक, जमींदारी विनाश और भूमि व्यवस्था(संशोधन) विधेयक, मदरसा शिक्षा परिषद(संशोधन) विधेयक, चिकित्सा सेवा चयन बोर्ड विधेयक, परिवहन और नागरिक अवस्थापना उपकर(संशोधन) विधेयक, राज्य किसान आयोग विधेयक, कृषि उत्पाद मंडी विधेयक, जिला योजना समिति विधेयक, विद्यालयी शिक्षा(संशोधन) विधेयक, हिमालयन गढ़वाल विवि विधेयक, अधिवक्ता कल्याण निधि विधेयक, रास बिहारी बोस सुभारती विवि विधेयक, ग्राफिक एरा पर्वतीय विवि, अग्निशमन एवं आपात सेवा, अग्नि निवारण और अग्नि सुरक्षा विधेयक, साहूकारी विनियमन(संशोधन) विधेयक, भगवंत ग्लोबल विवि विधेयक, राजकोषीय उत्तरदायित्व और बजट प्रबंधन विधेयक, सरकारी प्रत्याभूति की अधिकतम परिसीमा विधेयक अब कानून बन गए हैं।
सदन में ये विधेयक हुए पेश
सदन में सोमवार को गुरु राम राय विवि विधेयक, 2016, क्वांटम विवि विधेयक, 2016, उत्तराखंड निक्षेपक(जमाकर्ता) हित संरक्षण(वित्तीय अधिष्ठानों में)(संशोधन) विधेयक, 2016 को सदन के पटल पर रखा गया।

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