उत्तराखंड समेत दिल्ली-एनसीआर में भूकंप के झटकों से दहशत
NDRF हाई अलर्ट पर….
कालीमठ की महिला सीता देवी मकान ध्वस्त होने से हुई घायल
गुप्तकाशी के कुछ लोग रात भर कारों में ही सोये

देहरादून : समूचे उत्तराखंड समेत दिल्ली एन सी आर में देर शाम भूकंप के झटके महसूस किए गए। देहरादून से भी खबर है कि भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए हैं। भूकंप का केंद्र उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग के पास में बताया गया है। रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 5.8 मापी गई है। रात 10. 35 मिनट पर झटके महसूस किए गए। मुख्यमंत्री हरीश रावत भूकंप आने के तुरंत बाद सचिवालय स्थित राज्य आपदा नियंत्रण केंद्र पहुंचे जहाँ उन्होंने सूबे की जानकारी ली। वहीँ केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने भूकंप पर रिपोर्ट मांगी। इसके साथ ही एनडीआरएफ को हाई अलर्ट पर रहने का आदेश भी दिए गए हैं।
रुद्रप्रयाग के जखौली ब्लॉक के बडमापट्टी में कई गांवों में मकानों में दरारें आ गई। रुद्रप्रयाग कालीमठ में एक मकान के ध्वस्त होने की खबर है। जानकारी के मुताबिक इसमें एक महिला घायल हो गई है। राजधानी देहरादून सहित पूरे प्रदेश में भूकंप की वजह से अफरातफरी मची रही। मौसम विभाग ने भूकंप की तीव्रता 5.8 बताई है। भकूंप का केंद्र रुद्रप्रयाग के पुंड में बताया गया है। भूकंप की गहराई 33 किलोमीटर थी।
गुप्तकाशी के लखपत सिंह राणा से प्राप्त जानकारी के अनुसार कालीमठ से भूकम्प में घायल श्रीमती सीता देवी और उनके पति अमर सिंह को पुलिस टीम 108 की मदद से गुप्तकाशी लेकर आए । गुप्तकाशी -कालीमठ मार्ग पर जगह– जगह रास्ते के पत्थर हटा कर पुलिस टीम एस ओ बिपिन पाठक के नेतृत्व में कालीमठ पहुंची। वहीं दूसरी ओर लोग बाहर सड़क में अपनी- अपनी कारों में बैठे ही सोने को मजबूर हुए उनका कहना था ” हम रात भर कार में ही रहेंगे क्योंकि झटके थोड़ी– थोड़ी देर में आ रहे हैं”।
मौसम विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक भूकंप का केंद्र रुद्रप्रयाग रीजन था। भूकंप का असर राजधानी देहरादून सहित समूचे उत्तराखंड में महसूस किया गया। पूरे कुमाऊं में भी भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए।
जखौली की बडमापट्टी के कुछ घरों में भूकंप की वजह से मकानों में दरारें आ गई। रुद्रप्रयाग बाजार से लेकर केदारनाथ तक हलचल मची रही। मोबाइल नेटवर्क ठप हो गए। हालांकि एसपी रुद्रप्रयाग पीएन मीणा ने बताया कि अभी कहीं कोई नुकसान की सूचना नहीं है। पुलिस को अलर्ट कर दिया गया है।
भूकंप के झटके काफी देर तक महसूस किए गए। देहरादून में झटकों के बाद लोग सड़कों पर निकल आए। देहरादून से मिली खबरों के मुताबिक लोग कुमाऊं, गढ़वाल की रेंज में झटके महसूस किए गए। पश्चिमी यूपी में भी झटके महसूस किए गए।
पंजाब में भी झटके महसूस किए जाने की खबर है। अभी तक किसी भी जगह से जान-माल के नुकसान की कोई खबर नहीं मिली। भूगर्भ विज्ञानी अरुण वापट के मुताबिक, “5. 3 तीव्रता के हिसाब ये भूकंप ज्यादा नुकसानदेह नहीं होगा। इससे कच्चे मकानों को नुकसान होने की संभावना है। अभी भूकंप के बाद के झटकों का खतरा है लेकिन इनकी तीव्रता कम होने की उम्मीद है।”
भूकंप के दौरान सतर्कता से जुड़ी कुछ जरूरी बातें:
अगर आप किसी इमारत के अंदर हैं तो फर्श पर बैठ जाएं और किसी मजबूत फर्नीचर के नीचे चले जाएं। यदि कोई मेज या ऐसा फर्नीचर न हो तो अपने चेहरे और सर को हाथों से ढंक लें और कमरे के किसी कोने में दुबककर बैठ जाएं। अगर आप इमारत से बाहर हैं तो इमारत, पेड़, खंभे और तारों से दूर हट जाएं। अगर आप किसी वाहन में सफर कर रहे हैं तो जितनी जल्दी हो सके वाहन रोक दें और वाहन के अंदर ही बैठे रहें।
अगर आप मलबे के ढेर में दब गए हैं तो माचिस कभी न जलाएं, न तो हिलें और न ही किसी चीज को धक्का दें। मलबे में दबे होने की स्थिति में किसी पाइप या दीवार पर हल्के-हल्के थपथपाएं, जिससे कि बचावकर्मी आपकी स्थिति समझ सकें।
अगर आपके पास कोई सीटी हो तो उसे बजाएं। कोई चारा न होने की स्थिति में ही शोर मचाएं। शोर मचाने से आपकी सांसों में दमघोंटू धूल और गर्द जा सकती है। अपने घर में हमेशा आपदा राहत किट तैयार रखें।
भूकंप आता कैसे है?
पृथ्वी की बाहरी सतह सात प्रमुख एवं कई छोटी पट्टियों में बंटी होती है। 50 से 100 किलोमीटर तक की मोटाई की ये परतें लगातार घूमती रहती हैं। इसके नीचे तरल पदार्थ लावा होता है और ये परतें (प्लेटें) इसी लावे पर तैरती रहती हैं और इनके टकराने से ऊर्जा निकलती है, जिसे भूकंप कहते हैं।
भारतीय उपमहाद्वीप को भूकंप के खतरे के लिहाज से सीसमिक जोन 2,3,4,5 जोन में बांटा गया है। पांचवा जोन सबसे ज्यादा खतरे वाला माना जाता है। पश्चिमी और केंद्रीय हिमालय क्षेत्र से जुड़े कश्मीर, पूर्वोत्तर और कच्छ का रण इस क्षेत्र में आते हैं।