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हरिद्वार महाकुंभ पर अशुभ ग्रहों के साये के चलते बीमारियां फैलने से जनता होगी त्रस्त !

सरकार एवं सरकार के मुखिया को 27 अप्रैल तक बहुत सावधानी से रखने होंगे कदम

देवभूमि मीडिया ब्यूरो

देहरादून । धर्मनगरी हरिद्वार में रहे पूर्ण महाकुंभ पर क्रूर ग्रह शनि की तृतीय दृष्टि एवं देव गुरु बृहस्पति पर राहु की नवम दृष्टि तथा मीन राशि में सूर्य एवं शुक्र की युति होने से महाकुंभ में व्यवधान होने के साथ-साथ सरकार एवं मुखिया के लिए परेशानी खड़ी हो सकती है
उत्तराखंड ज्योतिष रत्न आचार्य डॉक्टर चंडी प्रसाद घिल्डियाल बताते हैं कि यद्यपि पूर्ण महाकुंभ 12 वर्ष के समय अंतराल में होता है परंतु 2010 के बाद इस समय 11 वर्ष के अंतराल में महाकुंभ की बेला आई है शास्त्रों के अनुसार जब देव गुरु बृहस्पति मकर राशि में एवं ग्रहों के राजा सूर्य मीन एवं मेष राशि में भ्रमण करते हैं तब महाकुंभ का योग बनता है परंतु इस वर्ष जो ग्रह स्थिति चल रही है उसमें देव गुरु बृहस्पति के साथ मकर राशि में क्रूर ग्रह शनि की भी उपस्थिति है जिसने अपना सटीक फलादेश करते हुए उत्तराखंड में नेतृत्व परिवर्तन करा दिया अब 14 मार्च से ग्रहों के राजा सूर्य मीन राशि में गए तो उन पर शनि की तीसरी दृष्टि पड़ रही है और 17 मार्च से शुक्र भी मीन राशि में चले गए जो सूर्य के यश को कम करने का पूरा प्रयास करेंगे साथ ही देव गुरु बृहस्पति पर वृष राशि में स्थित राहु की नवम दृष्टि पड़ रही है जिससे बहुत उलझन भरा योग बन गया है
ज्योतिष वैज्ञानिक डॉक्टर चंडी प्रसाद विश्लेषण करते हुए बताते हैं की पौराणिक मान्यता के अनुसार राहु ने छल कर देवताओं के साथ समुद्र मंथन के समय अमृत का पान कर लिया था सूर्य और चंद्रमा के द्वारा संकेत करने पर मोहिनी अवतार लेकर देवताओं को अमृत बांट रहे भगवान श्री हरि विष्णु ने अपने सुदर्शन चक्र से उसके 2 भाग के तो ऊपर का भाग राहु और नीचे का भाग केतु ग्रह के रूप में प्रतिष्ठित हुआ तब से इन दोनों का सभी शुभ शक्तियों के प्रति द्वेष का भाव रहता है और शनि इनका परम मित्र है तो दूसरा मित्र दैत्य गुरु शुक्र इस समय अपनी उच्च राशि मीन में सूर्य के साथ बैठकर सूर्य की गरिमा को कम करने का पूरा प्रयास कर रहा है इसलिए इस प्रकार की ग्रह स्थिति में चल रहे महाकुंभ मैं बीमारियों के फैलने एवं राज्य सरकार की नीतियों पर उंगली उठने की पूरी संभावना बन रही है
ज्योतिष में बड़े हस्ताक्षर और सटीक भविष्यवाणियों के लिए अंतरराष्ट्रीय पहचान रखने वाले आचार्य डॉक्टर चंडी प्रसाद घिल्डियाल आगाह करते हैं कि सरकार के मुखिया तीरथ सिंह रावत की जन्म राशि कन्या से सप्तम भाव में रवि शुक्र का खराब योग बनने से उनके सही कहे हुए बयानों पर भी टीका टिप्पणी होने की पूरी संभावना रहेगी इसलिए उन्हें बहुत सावधान होकर चलना होगा 6 अप्रैल को बृहस्पति के कुछ दिन के लिए शनि से अलग होने पर तथा 13 अप्रैल को सूर्य के अपनी उच्च राशि मेष में जाने पर सरकार की स्थिति में परिवर्तन हो सकता है परंतु बीमारियों के संक्रमण में निरंतर वृद्धि होने से आम जनमानस सहित सरकार परेशानी महसूस करेगी

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