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प्रकृति संरक्षण और फसलों की पूजा का अनोखे पर्व हरेला की कुमाऊं में धूम


 नैनीताल। धरती माँ और अन्न की पूजा के प्रतीक पवित्र पर्व हरेला की इन दिनों कुमाऊं में धूम है। इस पर्व में सावन माह से नौ दिन पहले घर में पांच, सात या फिर नौ अलग-अलग अनाजों को बर्तन या फिर टोकरी में बो दिया जाता है और फिर सावन माह की पहली तिथि को इन अनाजों को काटा जाता है। प्रकृति के साथ संतुलन और अन्न की पूजा का ऐसा पर्व अपने आप में अनोखा है। इस दौरान पूरे पखवाड़े में ग्रामीण पौधारोपण भी करते हैं।
नैनीताल। धरती माँ और अन्न की पूजा के प्रतीक पवित्र पर्व हरेला की इन दिनों कुमाऊं में धूम है। इस पर्व में सावन माह से नौ दिन पहले घर में पांच, सात या फिर नौ अलग-अलग अनाजों को बर्तन या फिर टोकरी में बो दिया जाता है और फिर सावन माह की पहली तिथि को इन अनाजों को काटा जाता है। प्रकृति के साथ संतुलन और अन्न की पूजा का ऐसा पर्व अपने आप में अनोखा है। इस दौरान पूरे पखवाड़े में ग्रामीण पौधारोपण भी करते हैं।Lorem ipsum dolor sit amet, consectetur.